आगरा. हेलो मैं बोल रहा हूं, पहचाना नहीं किया, इतनी जल्दी भूल गए. हां सही पहचाने, मैं वही हूं. अगर इस तरह का कॉल आपके पास आए तो सावधान हो जाएं. फोन करने वाला साइबर शातिर हो सकता है. शहर में ऐसा ही मामला सामने आया है. शातिरों ने बीएसएनएल अधिकारी को निशाना बना कर अकाउंट साफ कर दिया. साइबर सेल मामले की जांच कर रही है.

मिस्ड कॉल पर किया था कॉल

सिकंदरा स्थित शास्त्रीपुरम निवासी एक बीएसएनएल अधिकारी 21 मार्च को अपने गांव गए थे. शाम पांच बजे उनके पास अंजान नम्बर से कॉल आया, लेकिन आवाज साफ न आने से बात नहीं हो सकी. रात में साढ़े नौ बजे अधिकारी ने अपनी तरफ से कॉल मिलाया. दूसरी तरफ से कॉल उठते ही आवाज आई होली की हार्दिक शुभकामनाएं. अधिकारी चौंक गए कि कोई परिचित है.कॉल रिसीव करने वाले ने पूछा पहचाना क्या. अधिकारी सोचने लगे कि कोई परिचित है, लेकिन कौन ये नहीं याद आ रहा था. अधिकारी ने बोला मेरठ से हो. इस पर युवक बोला हां बिल्कुल सही पहचाने पर कौन हूं ये तो बताओ. इस पर अधिकारी बोले शर्मा जी हो क्या. इस पर युवक ने जोर से ठहाका मारा और हंसने लगा. बोला बहुत सही पहचाना. इसके बाद हाल-चाल लिया. शातिर युवक ने बोला भाई साहब मुझे एक युवक से रुपया लेना है, पर मेरे अकाउंट में ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है. आप अपनी अकाउंट डीटेल दे दीजिए, तो रुपया आपके अकाउंट में डलवा दूंगा. फिर जब समय मिलेगा तो आपसे आकर बाद में ले लूंगा. इस पर अधिकारी ने उसे अकाउंट डीटेल दे दी. युवक ने कार्ड पर 15 अंकों का कोड और सीवीवी नंबर भी पूछ लिया. इसके बाद ओटीपी आया तो कॉल पर बात करते हुए ही ओटीपी भी पूछ लिया.

अकाउंट से पार हो गए रुपये

ओटीपी बताते ही अधिकारी के अकाउंट से रुपये निकल गए. मैसेज आया तो उन्हें जानकारी हुई. उनके अकाउंट से 20900 रुपये निकल गए. ये देखते ही उनके होश उड़ गए. उन्होने तुरंत अपना कार्ड ब्लॉक कराया. मामले में पुलिस से शिकायत की. मामले में साइबर सेल जांच कर रही है.

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कार्ड क्लोन कर हलवाई के 65 हजार निकाले

आगरा. मूल रूप से उदयपुर, कमावतपुरा, सूरजपुर निवासी मुकेश राजपूत पुत्र राम सहाय हलवाई का काम करते हैं. उनका गांव बाह तहसील, गांव कांकरखेड़ा, थाना बसई अरेला में है. मुकेश के बेटे रवि की 21 को बारात जानी है. चार अप्रैल को वह फतेहाबाद गोल चक्कर स्थित केनरा बैंक के एटीएम से रुपये निकालने गए. उन्हें तीस हजार रुपये निकालने थे. उन्होने तीन बार में दस-दस हजार रुपये निकाले. लेकिन दो बार तो रुपये निकल आए लेकिन तीसरी बार में दस हजार रुपये नहीं निकले. इस पर वह एटीएम से निकल आए. कुछ देर बाद उनके पास मैसेज आया कि अकाउंट से तीन बार में 25 हजार रुपये निकल गए. पांच अप्रैल को फिर से मैसेज आया कि अकाउंट से तीन बार में 30 हजार रुपये निकल गए. ये देखते ही उनके होश उड़ गए. वह सीधे बैंक पहुंचे और मैनेजर से बात की. बैंक से उन्हें कोई मदद नहीं मिली. इसी के बाद उन्होने पुलिस की शरण ली. उनका कुल 65 हजार रुपया निकला था.