आईपी एड्रेस से ट्रैस होंगे घोटालेबाज, अधिकारी के लॉगिन आईडी से बनाए फर्जी राशन कार्ड

आउटसोर्सिग कंपनी के कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध, डीएसओ ने जारी किया आउटसोर्सिग कंपनी को नोटिस

Meerut। तो साइबर क्रमिनल ने यूपी में बड़े राशन घोटाले को अंजाम दिया है। पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डॉ। लक्ष्मीकांत वाजपेयी की शिकायत के बाद हुए छानबीन में मेरठ समेत प्रदेश के 43 जनपदों में राशन घोटाले से परदा हटा। सर्वाधिक प्रकरण मेरठ में सामने आए जिसमें 220 राशन डीलर फर्जी आधार कार्ड अटैच कर राशन की कालाबाजारी कर रहे थे। 108 फर्जी आधार कार्ड भी जांच एजेंसी स्पेशल इंनवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) भी चिह्नित करके जिला प्रशासन को सौंपे थे।

दर्ज होगा मुकदमा

राशन घोटाले में जहां सरकारी राशन डीलर की भूमिका सामने आ गई है तो वहीं गत वर्षो में मेरठ समेत विभिन्न जनपदों में तैनात इंस्पेक्टर और एआरओ भी दोषी करार दिए जा रहे हैं। सूबे के कैबिनेट मंत्री एवं मेरठ के प्रभारी मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के ऐलान के बाद मेरठ में घोटाले की अवधि में तैनात इंस्पेक्टर और एआरओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। बता दें कि अब तक जनपद के विभिन्न थानाक्षेत्रों में 149 राशन डीलरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। वहीं दूसरी ओर प्रभारी मंत्री के आदेश के बाद शुक्रवार को भी डीएसओ विकास गौतम द्वारा कई अन्य राशन डीलरों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया है।

आईपी एड्रेस होगा ट्रैस

इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) एड्रेस ट्रैस होने के बाद ही सूबे के हुए राशन घोटाले से परदा हटेगा। शुक्रवार को कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने कहा कि बड़े पैमाने पर फर्जी आधार कार्ड को लगाकर राशन की कालाबाजारी करने के मामले में विभागीय संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि साइबर क्रमिनल द्वारा इस बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है। संभव है कि उप्र खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट को हैक करके बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया हो। उन्होंने एसआईटी जांच के साथ-साथ घोटाले की जांच साइबर एक्सपर्ट से कराने की बात कहीं है।