- एक महीने तक कंपनी में की जॉब, उड़ाता रहा कंपनी का डाटा

- डाटा चोरी कर अपनी ऑनलाइन कंपनी की खड़ी

- कंपनी संचालक महिला ने साइबर सेल में कराई रिपोर्ट दर्ज

देहरादून। दून में साइबर फ्रॉड का एक अलग तरह का मामला सामने आया है। अब तक तो साइबर ठगी के जरिए लोगों के अकाउंट्स से पैसे ही गायब हो रहे थे, लेकिन इस मामले में आरोपी ने एक एक्सपोर्ट कंपनी का डाटा चोरी कर डुप्लीकेट कंपनी खड़ी कर दी और व्यवसाय करने लगा। राजपुर रोड स्थित एक हैंडीक्राफ्ट कंपनी की संचालक ने पुलिस की साइबर सेल में एक व्यक्ति के खिलाफ केस रजिस्टर कराया है।

जॉब के बहाने फ्रॉड

राजपुर रोड पर राज कश्यप नाम की महिला हैंडीक्राफ्ट कंपनी रन करती है। कंपनी द्वारा हैंडीक्राफ्ट आइटम्स एक्सपोर्ट किए जाते हैं। कंपनी संचालक ने बताया कि पिछले माह एक व्यक्ति विजय प्रभात ने उसके यहां जॉब के लिए एप्लाई किया। उसे कर्मचारियों की जरूरत थी, उसने उसे जॉब पर रख लिया। इसके बाद उसने यहां जॉब करते हुए कंपनी का पूरा डाटा उड़ा लिया और बाद में नौकरी छोड़ उसी डाटा पर बेस्ड अपनी एक्सपोर्ट कंपनी खड़ी कर ली।

एक माह में छोड़ दी नौकरी

कंपनी संचालक राज कश्यप ने बताया कि आरोपी विजय प्रभात ने उसकी कंपनी में सिर्फ एक महीने काम किया। इसके बाद उसने नौकरी छोड़ दी। बताया कि उसने पारिवारिक कारण से नौकरी छोड़ने की बात कही थी। आशंका जताई जा रही है कि आरोपी का मकसद ही कंपनी का डाटा जुटाना था, उसने सुनियोजित तरीके से कंपनी में जॉब के लिए एप्लाई किया था और अपना मकसद पूरा कर चलता बना।

ऐसे पता चला फ्रॉड का

विजय प्रभात ने कंपनी का डाटा चुराने के बाद इसी डाटा का उपयोग कर लीला ग्लोबल एक्सपोर्ट नाम से अपनी कंपनी खोल दी और एक्सपोर्ट का काम करने लगा। फ्रॉड का शिकार हुई महिला ने बताया कि एक दिन वह ऑनलाइन एक्सपोर्ट कंपनियों को सर्च कर रही थी, तो उसे लीला ग्लोबल एक्सपोर्ट नाम से एक कंपनी का लिंक मिला। उसने उसे चेक किया तो कंपनी का डाटा हूबहू उसकी कंपनी के डाटा की कॉपी थी। कंपनी का सिर्फ नाम चेंज था।

साइबर सेल में दर्ज कराई रिपोर्ट

राज कश्यप ने इसकी भनक लगते ही तुरंत साइबर सेल में रिपोर्ट दर्ज करवाई। उसने बताया कि किस प्रकार विजय प्रभात ने उसकी कंपनी में जॉब के लिए एप्लाई किया और उसकी कंपनी का डाटा चुराकर अपनी कंपनी खड़ी कर ली। साइबर सेल मामले की जांच में जुट गई है।

ऐसे मामलों में अपने कर्मचारियों को सभी डाटा एक्सेस करने का राइट नहीं देना चाहिए। हर कंप्यूटर पर अलग-अलग सिक्योरिटी पासवर्ड डालने चाहिए ताकि कोई डाटा न चुरा सके। सिक्योरिटी के लिए क्रिप्टोग्राफी टेक्नीक का यूज करें।

- अंकुर चंद्रकांत, सीनियर साइबर एंड फोरेंसिक एक्सपर्ट, साइबर क्राइम कंट्रोल यूनिट