-शहर की प्रमुख हस्तियों ने शेयर किए साइकिलिंग से जुड़े अनुभव

-मोटापा और बीमारियां दूर कर खुशी का अहसास कराती है साइकिलिंग

LUCKNOW:

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट का बाइकॉथन अपनी टैग लाइन दस का जुनून के साथ एक बार फिर आपको मस्ती और फिटनेस के रंग में सराबोर करने आ रहा है। पर्यावरण और सेहत के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए इसका आयोजन सात अक्टूबर को केडी सिंह बाबू स्टेडियम में किया जा रहा है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शहर की प्रमुख हस्तियों से उनके साइकिलिंग से जुड़े अनुभवों पर बात की।

फिटनेस के साथ मानसिक खुशी भी

जूनियर हाईस्कूल में था तो गांव में साइकिल चलानी शुरू की थी। धीरे-धीरे इसके फायदे भी समझ में आ गए। केजीएमयू में एमबीबीएस के दौरान साइकिल से ही चलता था। हॉस्टल से कॉलेज हमेशा साइकिल से ही गया। आज भी समय मिलने पर साइकिल चलाता हूं। साइकिल के फायदे को देख केजीएमयू में 'बुधवार नो कार' मुहिम चलाई है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस दिन साइकिल चलाएं। साइकिलिंग से पूरे शरीर की एक्सरसाइज हो जाती है। हफ्ते में कम से कम सात घंटे साइकिल चलाने का स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है। साइकिलिंग से शरीर तो फिट रहता ही है साथ ही मानसिक खुशी भी मिलती है। वेट कंट्रोल रहता है और मांसपेशियों में मजबूती आती है। भूख लगती है और फेफड़े हेल्दी रहते हैं। कैलोरी बर्न होने से हार्ट और कैंसर की बीमारी का खतरा कम होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

प्रो। एमएलबी भट्ट, वीसी केजीएमयू

पहले साइकिल होना बड़ी बात थी

मैंने साइकिल चलाने की शुरुआत काफी छोटी उम्र में की थी। घर पर खड़ी किसी भी साइकिल को उठाकर चला जाता था। जब लौटकर आता तो डांट पड़ती। क्लास आठवीं पास करने पर मुझे साइकिल मिली। जिससे में रोज 14 किलोमीटर दूर स्कूल पढ़ने जाता था। उस समय किसी के पास साइकिल, रेडिया और घड़ी होना बड़ी बात थी। मैं स्कूल की पढ़ाई करने के दौरान कई बार टांडा से फैजाबाद तक साइकिल से गया। उस समय टांडा से फैजाबाद आने के लिए बस का किराया सात रुपए था। साइकिल बस से लाने पर साढ़े तीन रुपए और देने होते थे। जब एलयू में एडमिशन लिया तो हॉस्टल में साइकिल रखी। जॉब लगने पर चार साल तक साइकिल से ही काम पर गया। मैं अपनी साइकिल का रखरखाव खुद ही करता था।

प्रो। एसपी सिंह, वीसी एलयू

गिरने के बाद आगे बढ़ना सिखाती है साइकिल

जब छोटी थी तो किसी न किसी की साइकिल लेकर चलाने की कोशिश करती। जब स्कूल जाने लगी तो सहेलियों के साथ साइकिल से ही जाती थी। उन्हें साइकिल चलाते देख मेरा मन भी साइकिल चलाने को करने लगा। सहेलियों से साइकिल लेकर चलाने की कोशिश की। सीखने के दौरान कई बार गिरी और चोट भी लगी। फिर भी साइकिल चलाना सीख लिया। जब खेल की प्रैक्टिस करती तो लोग कहते साइकिल चलाना जरूरी नहीं है, तुम तो दौड़कर ही पहुंच जाओगी। तब यह नहीं सोचा था कि एशियन गेम्स में पदक जीत लूंगी। आज भी जब समय मिलता है तो साइकिल जरूर चलाती हूं।

सुधा सिंह, इंटरनेशनल एथलीट

अच्छे मा‌र्क्स पर मिली रेसर साइकिल

मेरे पिताजी एडवोकेट आरबी गौतम हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते थे। घर में मां, बड़ी बहन और मैं था। मेरा घर ए ब्लॉक, इंदिरानगर में था। मैं सिटी मॉन्टेसरी स्कूल महानगर ब्रांच का स्टूडेंट था। क्लास छह में जब साइकिल मिली तो उसी से स्कूल जाने लगा। साइकिल की चेन पैंट में फंस जाती थी, फिर भी मेरी पहली पसंद साइकिल ही रही। जब हाईस्कूल में पहुंचा तो पिता जी ने कहा कि अच्छे मा‌र्क्स लाओगे तो रेसर साइकिल दिलाएंगे। फिर क्या था, मैंने खूब पढ़ाई की और 90 प्रतिशत मा‌र्क्स ले आया। पिता जी ने मुझे मार्क-2 रेसर साइकिल दिलाई। जब कानपुर आईआईटी में सेलेक्शन हुआ तो वहां भी अपने साथ साइकिल ले गया। आईपीएस में सेलेक्शन होने के बाद साइकिल का साथ छूट गया लेकिन आज जब भी मौका मिलता है तो साइकिलिंग जरूर करता हूं।

अभिषेक सिंह, एसएसपी, एसटीएफ

फिटनेस का मूलमंत्र है साइकिलिंग

भागमभाग भरे शेड्यूल में खुद को फिट रखना भी चुनौती है। सभी सुबह से रात तक काम में बिजी रहते हैं। ऐसे में वे अपने लिए समय ही नहीं निकाल पाते और बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इससे बचने के लिए खुद को फिट रखना जरूरी है। मेरे हिसाब से इसके लिए साइकिलिंग बेस्ट है। यह अपने आप में कम्प्लीट एक्सरसाइज है। मैंने पहले बहुत साइकिलिंग की है। अभी भी जब मौका मिलता है तो साइकिलिंग जरूर करता हूं। मैं तो यह कहता हूं कि जिन्हें भी कम दूरी का सफर करना है वे किसी दूसरे वाहन का प्रयोग न कर साइकिल का ही यूज करें। इसका असर आपकी हेल्थ पर दिखेगा।

पीएन सिंह, वीसी, एलडीए

रजिस्ट्रेशन का क्रेज

केडी सिंह बाबू स्टेडियम में 7 अक्टूबर को होने वाले बाइकॉथन में आपको कई कल्चरल इवेंट देखने को मिलेंगे, वहीं कई लकी ड्रा विनर्स को बंपर प्राइज दिए जाएंगे। बाइकॉथन में रजिस्ट्रेशन को लोगों में उत्साह बढ़ रहा है। रजिस्ट्रेशन के लिए शहर में जगह-जगह काउंटर लगाए गये हैं। रजिस्ट्रेशन फीस सौ रुपये है। इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कराया जा सकता है। इसके लिए आपको www.inextlive.com/bikeathon पर लॉग इन करना है। अधिक जानकारी के लिए आप 8953777788 पर कॉल कर सकते हैं।

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