- 45 लाख की लागत से बने साइकिल ट्रैक को निगल गए अतिक्रमण

- अधिकारियों की लापरवाही व्यवस्था पर पड़ रही भारी

BAREILLY:

सेहत की सवारीप्रदेश सरकार के निर्देश पर सैटेलाइट रोड पर बने साइकिल ट्रैक पर यही स्लोगन लिखा है। मकसद था कि लोग इस ट्रैक पर सुरक्षित साइकलिंग कर सकें। पर ऐसा नहीं हो सका। इसे सिविक सेंस का अभाव कहें या फिर अधिकारियों की लापरवाही। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट 'पब्लिक की सुविधाएं गुम' कैंपेन के तहत आपको शहामतगंज से सैटेलाइट के बीच बने साइकिल ट्रैक का हाल बताते हैं

ट्रैक की पार्किंग से शुरुआत

शहामतगंज की ओर से साइकिल ट्रैक पर नजर देखा गया तो साइकिल ट्रैक पार्किंग जोन में तब्दील हो चुका है। यहां स्थानीय रसूखदार व्यापारी साइकिल ट्रैक पर फोर व्हीलर्स खड़ी कर रहे हैं। इन व्यापारियों ने वाहन पार्क करने के लिए साइकिल ट्रैक पर लगाए गए पिलर को तोड़ दिया। इतना ही नहीं साइकिल ट्रैक साइन बोर्ड पर व्यापारियों ने अपने बार्ड टांग लिये हैं।

और तोड़ दी गई 'बाधाएं'

11 सौ मीटर लंबे साइकिल ट्रैक पर साइकिल कभी चल ही नहीं सकीं। क्योंकि यहां शुरुआत से ही व्यापारियों ने कब्जा जमा लिया। बीडीए ने तीन बार इसे साफ कराने की कोशिश की पर वह असफल रहा। वर्ष 2016 में सुगम आवागमन के लिए व्यापारियों ने ट्रैक के बैरीकेडिंग तोड़ डाली है। ताकि एंट्री से एग्जिट तक कहीं कोई बाधा न रहे। ऐसे में अब यहां भार वाहन, हल्के फोर व्हीलर्स और टू व्हीलर्स समेत ठेले खोमचे वालों ने अपना कब्जा जमा रखा है। समूचा ट्रैक जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है।

पंक्चर की दुकान पर खत्म

पार्किंग से शुरू हुए साइकिल ट्रैक का आखिरी सिरा पंक्चर की दुकान पर खत्म होता है, जो सेटेलाइट बस स्टैंड से कुछ ही दूरी पहले तक समाप्त हुआ है। यहां के एंट्री प्वॉइंट को ठेले वाले ने ढंक रखा है तो उसके बाद हैवी व्हीकल्स और बाइक के पंचर बनाने की दुकानों ने अतिक्रमण कर रखा है। दिन भर ट्रैक अतिक्रमण का शिकार रहता है तो रात में यहां झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग अपना बिस्तर लगा लेते हैं। ऐसे में सुबह, दोपहर, शाम हो या रात एक बार भी साइकिल इस ट्रैक पर दो वर्षो से प्रवेश नहीं कर सकी।

साइकिल ट्रैक की ऐसी दुर्दशा हो रही है इसके बारे में जानकारी नहीं है। साइकिल ट्रैक का निरीक्षण करूंगा और वहां पर हुए अतिक्रमण को खत्म किया जाएगा। सरकार की मंशा को हर हाल में पूरा किया जाएगा।

सुरेंद्र सिंह, सचिव, बीडीए

साइकिल ट्रैक दिन में पार्किग जोन और रात में स्लीपिंग जोन बन जाता है। वहां साइकिल चलाने के लिए कहीं जगह ही नहीं है। शहरवासियों को वहां साइकिल ट्रैक जब दिखता ही नहीं है तो वह साइकिल कहां से चलाएंगे। प्रशासन जिम्मेदार है।

अर्चित सेठी, साइकलिस्ट

शासन की मंशा के अनुरूप कार्य किया जाता है। शासन प्रशासन को निर्देशित करे तो वह हमें जिम्मेदारी सौंपेगे। निर्देश मिलने के बाद साइकिल ट्रैक पर बनी अवैध पार्किंग को खत्म करने की कार्रवाई की जाएगी।

मनोज कुमार, टीएसआई

एक नजर में।

लंबाई - 11 सौ मीटर

बजट - 45 लाख रुपए

दूरी - सैटेलाइट से शहामतगंज तक

निर्माण - वर्ष 2015 से 2016 तक

मकसद - पर्यावरण संरक्षण और सेहत प्रदान करना