- बरेली में बने 11 सौ मीटर लंबे साइकिल ट्रैक की बदल जाएगी सूरत

- तोड़ने की बजाय ट्रैक संवारने का नगर विकास मंत्री को भेजा है प्रस्ताव

BAREILLY:

बरेली में बनाए गए साइकिल ट्रैक अब टूटेंगे नहीं बल्कि इन पर राहगीरों को बैठने के लिए यहां बेंच लगाए जाने का प्रस्ताव नगर आयुक्त ने नगर विकास मंत्री को भेजा है। अनुपयोगी हो चुके साइकिल ट्रैक को बगैर तोड़े इसको संवार कर सड़क को मॉडल रोड के तर्ज पर डेवलप करने का सुझाव दिया है। यह संभव हुआ तो लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए ट्रैक को तोड़ने और उसे रोड बनाने में खर्च होने वाला बजट बचेगा। साथ ही, संवारने के बाद यह स्मार्ट सिटी बनने में अहम भूमिका भी निभाएगा।

ताकि राहगीरों को मिले आराम

नगर आयुक्त ने भेजे गए प्रस्ताव में लखनऊ में बनाए गए साइकिल ट्रैक के स्वरूप को संवारे जाने का उदाहरण पेश किया है। बताया कि सैटेलाइट से लेकर शहामतगंज तक बने साइकिल ट्रैक की वजह से रोड संकरी नहीं है। ऐसे में उसे तोड़ना गलत है। इसे संवारकर मॉडल रोड के तर्ज पर डेवलप कर सकते हैं। लखनऊ में साइकिल ट्रैक पर बेंच लगाकर राहगीरों को बैठने के इंतजाम हुए हैं। साइकिल ट्रैक के बोर्ड पर साइकिल चलाने पर सख्त चेतावनी का संदेश है। ठीक इसी तर्ज पर बरेली में भी साइकिल ट्रैक संवर जाएंगे।

45 लाख हुए थे खर्च

बरेली में सेटेलाइट से शहामतगंज तक हाइवे पर 45 लाख की लागत से ट्रैक का निर्माण वर्ष 2015 में हुआ था। प्रपोजल सेटेलाइट से लेकर चौपुला तक बनाने का था, लेकिन शहामतगंज में दुकानदारों के विरोध के चलते सिर्फ सूफी टोला मोड़ तक ही निर्माण हुआ। निर्माण के बाद ट्रैक पर दुकानदारों ने कब्जा जमा लिया। शुरुआत से लेकर ट्रैक के आखिरी छोर तक सिर्फ दुकानदार का डेरा है। नो एंट्री खुलने के इंतजार में बैठने वाले ट्रक ड्राइवर इसी साइकिल ट्रैक के बीच में आराम फरमाते हैं। ट्रैक दुर्दशा का शिकार है।

साइकिल ट्रैक तोड़ने का आदेश

प्रदेश में योगी सरकार के काबिज होने के बाद से ही साइकिल ट्रैक को तोड़ने के दावे होते रहे। नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने भी शहर के कई इलाकों में लगने वाले जाम की वजह साइकिल ट्रैक से सड़कों का संकरा होना बताया था। हालांकि, अब तक ट्रैक टूटने पर तो बात हुई है, लेकिन अब इनका बेहतर इस्तेमाल किए जाने की सूरत पैदा हो गई है। लखनऊ में साइकिल ट्रैक पर जनता के लिए बेंच लगा दिए जाने के बाद अब इसके नहीं तोड़े जाने और उनके संवरने की संभावनाएं उभरी हैं।

एक नजर में ।

- वर्ष 2014-15 में बने थे साइकिल ट्रैक

- 45 लाख रुपए साइकिल ट्रैक पर खर्च

- 2.5 मीटर चौड़ा, 11 सौ मीटर है लंबाई

- ट्रैक पर अब दुकानदारों का है कब्जा

- मॉडल रोड के तर्ज पर संवारेंगे ट्रैक

साइकिल ट्रैक की वजह से रोड संकरी नहंीं हो रही है। ऐसे में इसे तोड़ने के बाद फिर से रोड बनाने में काफी बजट खर्च होगा। इसे संवारकर सैटेलाइट से शहामतगंज तक मॉडल रोड बनाने का प्रस्ताव रखा है।

राजेश कुमार श्रीवास्तव, नगर आयुक्त