सुबह-शाम बंधते हैं पालतू मवेशी, दिन में पार्क की जाती हैं गाडि़यां

साइकिल लेकर पब्लिक चलती है सड़क पर

नोटिस ले चुका है प्रशासन फिर भी कड़ी कार्रवाई नहीं

हाई कोर्ट की सख्ती के बाद शासन ने सड़कों के साथ साइकिल ट्रैक का निर्माण तो करवा दिया लेकिन ज्यादातर इसका इस्तेमाल दिन में वाहनों की पार्किंग और रात में मवेशी बांधने के लिए किया जाने लगा है। साइकिल से चलने वाले मजबूरी में सड़क मार्ग पर चलते हैं। ऐसा नहीं है कि यह प्रशासन और नगर निगम के अफसरों के संज्ञान में नहीं है लेकिन कोई इस पर कोई सीरियस एक्शन लेने को तैयार नहीं है। आदेश जारी कर दिया जाता है कि साइकिल ट्रैक पर गाड़ी पार्क करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी लेकिन, इससे धमकी से ज्यादा कोई नोटिस नहीं लेता। आई नेक्स्ट ने रियलिटी चेक किया तो यह हकीकत सामने आई।

कानपुर मार्ग का हाल

हाई कोर्ट के 150 साल पूरे होने के मौके पर धोबी घाट से लेकर कंपनी गार्डेन तक सड़क के दोनों तरफ साइकिल ट्रैक का निर्माण किया जा चुका है। इसके आगे का कार्य प्रगति पर है। फिलहाल स्थिति यह है कि पूरे साइकिल ट्रैक पर अलग-अलग तरीके से कब्जा कर लिया गया है। धोबी घाट पेट्रोल पम्प से कुछ ही दूर आगे जाने के बाद ट्रैक पर गाडि़यां पार्क की गई दिख जाती हैं। कुछ दुकानदारों ने भी अपना दायरा साइकिल ट्रैक की सीमा तक बढ़ा लिया है। इससे साइकिल से चलने वाले चाहकर भी इस पर चल रही सकते। रास्ते में कई स्थानों पर ब्लाकेज भी दिखा। करीब एक किलोमीटर से अधिक लम्बे इस ट्रैक पर स्कूलों की छुट्टी के समय तो पैदल चलने की भी जगह नहीं थी। स्कूल के सामने और चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस दिखी लेकिन उसका कंसंट्रेशन एरिया मेन सड़क ही थी। साइकिल ट्रैक पर क्या चल रहा है, इससे उनका कोई लेना देना नहीं था।

ममफोर्डगंज मार्ग का ही यही हाल

यह इलाहाबाद में बना पहला साइकिल ट्रैक मार्ग है। इसका शुभारंभ खुद सीएम अखिलेश यादव ने किया था। वर्तमान समय में स्थिति यह है कि कमिश्नर ऑफिस तक जाने वाले इस मार्ग पर पूरे दिन कुछ-कुछ दूरी पर वाहन पार्क किए गए मिले। साइकिल ट्रैक पर पैदल चलने वाले भी नहीं दिखे। स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह यह मवेशी बांधकर दूध निकालने का स्थान बन जाता है। शाम होने पर फिर से सुबह की कहानी दोहराई जाती है।

डीएम दे चुके हैं चेतावनी

साइकिल ट्रैक को खाली कराने के लिए डीएम पिछले दिनों चेतावनी दे चुके हैं। एडीए के ऑफिसर्स भी कह चुके हैं कि साइकिल ट्रैक पर गाड़ी पार्क करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन, जब कार्रवाई करने वाले ही हवा में घूम रहे हैं तो भला कब्जा कैसे हटेगा।