- डीएम के उद्घाटन करने के थोड़ी देर बाद आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने किया साइकिल ट्रैक का रियलिटी चेक

- ट्रैक पर चलते दिखे दो पहिया व चार पहिया वाहन, कई जगह लोगों ने ट्रैक पर पार्क कर रखे थे अपने वाहन

- ट्रैक पर जगह-जगह है एनक्रोमेंट, कोई चलना भी चाहे तो नहीं चल सकता इस ट्रैक पर

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KANPUR। प्रदेश सरकार लोगों को फिजिकली फिट रखने के लिए साइक्लिंग को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। इसके तहत सरकार ने जगह-जगह साइकिल ट्रैक बनवाने के आदेश दिए हैं। लेकिन कानपुर शहर में ये योजना कितनी सफल होगी इसका नमूना सोमवार को मिल गया।

शहर में बने पहले साइकिल टै्रक का इनॉग्रेशन मंडे मॉर्निग डीएम डॉ। रोशन जैकब ने धूमधाम से जाजमऊ चुंगी से किया। इस मौके पर प्रशासन और पुलिस के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। मीडिया के सामने जमकर फोटोसेशन भी हुआ लेकिन इसके एक घंटे बाद ही साइकिल ट्रैक 'पटरी' से उतर गया।

कहां चला गया साइकिल ट्रैक?

इनॉग्रेशन के कुछ घंटे बाद आई नेक्स्ट रिपोर्टर साइकिल ट्रैक का रियलिटी चेक करने पहुंचा तो एक बार ऐसा लगा कि ट्रैक चला कहां गया। साइकिल ट्रैक पर दो पहिया व चार पहिया वाहन दौड़ रहे थे। कई जगह तो लोगों ने अपनी बाइक और कारों को ट्रैक पर पार्क कर रखा था। ऐसे में इस ट्रैक पर कोई साइकिल चलाना चाहे तो भी कैसे चलाए। वहीं ट्रैक पर कई जगह इनक्रोचमेंट भी दिखा।

सिर्फ बोर्ड लगने से नहीं बन जाता ट्रैक

सिटी में साइकिल ट्रैक पर अभी तो सिर्फ बोर्ड ही लगा हुआ है। साइकिल ट्रैक को लेकर बनाए गए नियम फॉलो नहीं हो रहे हैं। जाजमऊ चुंगी से आगे बढ़ने पर ही साइकिल ट्रैक की दुर्दशा दिखने लगती हैं। जाजमऊ चुंगी के बाद तिराहे वाले मोड़ पर साइकिल ट्रैक के लिए बनाई गई मार्किंग के अंदर खड़खड़े वाले कब्जा किए हुए थे। वहीं दूसरी ओर थोड़ा सा आगे बढ़ने पर ट्रकों का कब्जा था। यही हाल आगे भी दिखता है। मरे कंपनी पुल के पास से लेकर माल रोड पर साइकिल ट्रैक तो कहीं से साइकिल ट्रैक लगता ही नहीं है। क्योंकि जबरदस्त तेज ट्रैफिक के बीच साइकिल सवार को साइकिल ट्रैक का बोर्ड ही नहीं दिख पाएगा।

ये एनक्रोचमेंट कौन हटाएगा?

साइकिल ट्रैक महज एक खानापूरी है ये ट्रैक पर जगह-जगह दिख रहे एनक्रोचमेंट से बिल्कुल साफ है। साइकिल ट्रैक बनाते समय प्रशासन की टीम को इनक्रोचमेंट नहीं दिखा या फिर देखना ही नहीं चाहा। ट्रैक पर जगह-जगह पान-मसाले की गुमटियां यहां तक कि पक्की दुकानें भी हैं। कई जगह पर बिना इनक्रोचमेंट हटे ट्रैक पर साइकिल चलाना संभव नहीं है।

ठेले वालों ने किया कब्जा

कटहरी बाग से साइकिल ट्रैक पर आगे बढ़ने पर इनक्रोचमेंट साफ दिखाई देता है। हीर पैलेस के सामने तो ट्रैक गायब ही दिखता है। वहीं फूलबाग से आगे बढ़ने पर माल रोड पर साइकिल ट्रैक पर पक्की दुकानों का इनक्रोचमेंट है। कई जगहों पर फल-फूल व खाने-पीने के ठेलों ने ट्रैक पर कब्जा कर रखा है।

बिना ब्लॉक किए नहीं हो सकता सफल

लोगों का कहना है कि साइकिल ट्रैक वर्तमान अवस्था में सफल नहीं हो सकता क्योंकि ट्रैक को सिर्फ मार्किंग से ही अलग किया गया है। कोई बेरीकेटिंग या बोल्डर्स नहीं लगाए गए हैं। जिससे कभी भी बाइक, कार और दूसरे वाहन साइकिल ट्रैक पर घुस आते हैं। पूरे ट्रैक का हाल देखकर लगता है कि प्रशासन भी ये मानता है कि आदेश है तो पालन करना पड़ेगा लेकिन जिस शहर की पूरी ट्रैफिक ही टैक से उतरी हुई हो वहां साइकिल ट्रैक का कॉन्सेप्ट सफल नहीं हो सकता। तभी उद्घाटन के बाद किसी अधिकारी ने ट्रैक की सुध नहीं ली और ये कोशिश ही नहीं की कि कम से कम पहले दिन तो साइकिल ट्रैक की आबरू बची रहे।

जब तक साइकिल ट्रैक को बेरीकेटिंग या लोहे की रॉड से मेन रोड से अलग नहीं किया जाता है। तब तक साइकिल ट्रैक का कोई मतलब नहीं है।

- संयम शुक्ला

रोड पर चलते समय ट्रैफिक ज्यादा होने पर वाहन साइकिल ट्रैक पर जाएंगे ही। जब तक ट्रैक को अलग नहीं किया जाता है। साइकिल ट्रैक सिर्फ नाम का ही है।

- आलोक अवस्थी

साइकिल ट्रैक सिर्फ बोर्ड लगा देने से ही नहीं बन जाएगा। प्रशासन को उसके लिए व्यवस्थाएं सही करनी होंगी। ट्रैक पर जगह-जगह इनक्रोटमेंट है। पहले उसे तो साफ करो।

- सुनील कुमार

पूरा साइकिल ट्रैक कहीं भी सही स्थिति पर नहीं है। ट्रैफिक व्यवस्था इतनी खराब है कि साइकिल ट्रैक सक्सेस होना मुश्किल ही है।

- विकास कुमार