चक्रवात बना फेलिन

स्टेर के चीफ मिनिस्टर नवीन पटनायक ने केंद्र को एयरफोर्स और नौसेना को बचाव और राहत कार्यों के लिए तैयार रहने का निर्देश देने का अनुरोध किया है. भुवनेश्वनर मौसन विज्ञान केंद्र के मुताबिक स्टेट के पारादीप और गोपालपुर बंदगाहों पर तूफान का वार्निंग सिग्नाल नंबर बढ़ाकर दो कर दिया गया है.

हालात से बचने की कोशिश

पटनायक ने डिफेंस मिनिस्टर एके एंटनी को लिखे अपने लेटर में कहा है कि पूर्व के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की ओर से चक्रवाती तूफान से निपटने की सारी तैयारी के बावजूद उससे होने वाले असर से निपटने के लिए सैन्यू बलों की मदद की आवश्योकता होगी. चीफ मिनिस्टफर ने हालात की समीक्षा और उससे निपटने की योजना बनाने के लिए स्टेयट कैबिनेट के साथ मीटिंग भी की है. इतना ही नहीं उसने ओडिसा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स के साथ-साथ नेशनल डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की भी मांग की है.

एक तरफ-एक तरफ गम

जहां एक ओर राज्य में दुर्गा पूजा उत्सव की धूम है वहीं लोग 1999 के महाचक्रवात की यादों से सहमे हुए भी हैं. वह आवश्यक वस्तुओं को जमा कर रहे हैं. जिन तटीय जिलों पर तूफान का खतरा मंडरा रहा है उनमें बालासोर, भद्रक, मयूरभंज, केओनझार, ढेंकानल, जाजपुर, कटक, केंद्रपाडा, जगतसिंहपुर, पुरी, खुर्दा, नयागढ़, गंजम और गजपति शामिल हैं.

बचाव की तैयारी में जुटे

राज्य सरकार ने हालात से निपटने के लिए व्यापक तैयारी की है और चक्रवात की आशंका वाले 14 जिलों के कलक्टलरों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है. बचाव और राहत दलों की मॉक ड्रिल के अलावा पर्याप्तप मात्रा में भोजन सामग्री, नावों और पेड़ काटने की मशीनों को इकट्ठा किया जा रहा है. 1999 में अक्टू्बर के महीने में ओडिसा में 300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आए चक्रवाती तूफान में 10 हजार लोग मारे गए थे.

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