-एसआरएन हॉस्पिटल में थम नहीं रही सिलेंडर लीकेज होने की घटनाएं

-पिछले कुछ महीनों में हुई लगातार तीसरी घटना ने उठाए सवाल

ALLAHABAD: एसआरएन हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सिलेंडर लीकेज होने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पिछले कुछ दिनों में एक के बाद एक हुई घटनाओं ने हॉस्पिटल की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंगलवार शाम को भी हॉस्पिटल के वार्ड नंबर 18 में हुई सिलेंडर लीकेज की घटना से हड़कंप मच गया। मरीज और परिजन सहम गए। हॉस्पिटल प्रशासन को इसकी सूचना दिए जाने के बाद सिलेंडर की मरम्मत कर लीकेज को बंद किया जा सका।

अचानक लीक हुई गैस

जानकारी के मुताबिक मंगलवार शाम हॉस्पिटल की पुरानी बिल्डिंग की दूसरी मंजिल स्थित वार्ड नंबर 18 में अचानक ऑक्सीजन सिलेंडर लीकेज होने से हड़कंप मच गया। तेज आवाज होने से वार्ड में भर्ती मरीज और परिजन सहम गए। सिलेंडर को दूर से देखने वालों की भीड़ लगी थी, कोई भी पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। इस दौरान किसी ने हॉस्पिटल प्रशासन को इसकी सूचना दी तो कर्मचारियों ने किसी तरह लीकेज को बंद किया। अगर सिलेंडर की मरम्मत में थोड़ी देर हो जाती तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था।

परिजनों पर आरोप

हॉस्पिटल में मौजूद लोगों का कहना है कि सिलेंडर में अचानक लीकेज हुआ था। लेकिन, हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि वार्ड में भर्ती किसी मरीज के परिजन ने सिलेंडर से छेड़छाड़ की थी, जब लीकेज हुआ तो वह भाग खड़ा हुआ। इसके बाद लोगों को ऐसा दोबारा न करने की चेतावनी दी गई है।

तीसरी बार हुई घटना

कहने को हादसा टाल दिया गया, लेकिन हॉस्पिटल में बार-बार होने वाली सिलेंडर लीकेज की घटना ने व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है। पिछले सप्ताह में इमरजेंसी वार्ड में भी सिलेंडर लीकेज होने की घटना से बवाल मच गया था। जिसके बाद मरीज और परिजनों में दहशत व्याप्त हो गई थी। इसी तरह तीन महीने पहले बर्न वार्ड के सामने गैस सिलेंडर चैंबर में भी लीकेज हो गया था। अगर समय रहते इस पर काबू नहीं पाया जाता तो यह बड़ा हादसा हो सकता था।

बॉक्स

संबंधित कंपनी के खिलाफ नहीं हो रही कार्रवाई

एसआरएन हॉस्पिटल में गैस सिलेंडर सप्लाई करने वाली कंपनी के खिलाफ बार-बार लीकेज होने के मामले में कोई खास कदम अभी तक नहीं उठाया गया है। न ही सिलेंडर की गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में कोई कार्रवाई की गई है। अगर इसी तरह लीकेज की घटनाएं होती रहीं तो कभी भी अनहोनी हो सकती है। बता दें कि रोजाना सैकड़ों की संख्या में सिलेंडर का उपयोग हॉस्पिटल में होता है।

वर्जन

वार्ड नंबर 18 में किसी मरीज के परिजन ने सिलेंडर से छेड़छाड़ की थी, जिसकी वजह से लीकेज हुआ था। परिजनों को दोबारा ऐसा नहीं करने की हिदायत दी गई है।

डॉ। करुणाकर द्विवेदी, एसआईसी, एसआरएन हॉस्पिटल