वार्डेन और गल्र्स की रिटेन कंपलेंट और थाने में एफआईआर के बाद भी पुलिस हॉस्टल की दबंग सिस्टर्स रेनू और श्रीदेवी से हॉस्टल खाली नहीं कर पाई है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि आखिर उन दोनों के पीछे कौन है, एक्शन न लेने के लिए किसका प्रेशर है.

तो ये बात है !

आखिर ऐसी क्या मजबूरी है जो पुलिस-प्रशासन  दोनों दबंग बहनों रेनू और श्रीदेवी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रहा? इस बारे में एरिया के लोगों और हॉस्टल गल्र्स से भी बात की गई। नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि दोनों बहनों को रूलिंग पार्टी के एक लोकल लीडर का सपोर्ट है। इसीलिए दोनों बहनें पूरी धमक के साथ हॉस्टल पर कब्जा किए हुए हैं। पुलिस भी इसीलिए एक्शन लेने में डरती है.

Action तो वो ही लेंगे

इंद्रानगर स्थित एससी-एसटी हॉस्टल की दबंग बहनों का आतंक जारी है। रेनू और श्रीदेवी पर कोई कार्रवाई न होने के बारे में जब आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने एसीएमएम-6 राजेंद्र त्रिपाठी से बात की तो उन्होंने कहा, मामला समाज कल्याण विभाग का है। उनके अधिकारी ही एक्शन लेंगे। हमारी तरफ से रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। बता दें कि वार्डेन की कंप्लेंट के बाद कुछ दिनों पहले एसीएमएम-6 ने ही अपनी जांच रिपोर्ट में दोनों लड़कियों को हॉस्टल से बाहर किए जाने के आदेश दिए थे। इसके बाद फ्राइडे को डीएम डॉ। हरिओम हॉस्टल का मुआयना करने पहुंचे थे। इस दौरान गल्र्स ने रेनू और श्रीदेवी की शिकायत की तो डीएम ने भी दोनों को बाहर करने के आदेश दिए थे। शिकायत से गुस्साई बहनों ने गल्र्स की पिटाई की थी जिसमें वर्षा नाम की लडक़ी घायल हो गई थी.

डर, दहशत और सन्नाटा

संडे को भी दबंग बहनों का खौफ हॉस्टल की बाकी गल्र्स पर रहा। आई नेक्स्ट की टीम सुबह जब हॉस्टल पहुंची तो मेन गेट बंद था। टीम को अंदर नहीं जाने दिया गया। इस पर रिपोर्टर ने हॉस्टल की लड़कियों से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि सभी गल्र्स अपने-अपने रूम में हैं। कल की घटना से सभी डरी हुई हैं। बता दें कि सैटरडे को जब टीम हॉस्टल से वापस आई थी, इसके बाद दोनों बहनों ने फिर हंगामा किया था। गल्र्स को दौड़ाकर पीटा था और उनके कपड़े फाड़ दिए थे। गल्र्स को बचने के लिए हॉस्टल के बाहर भागना पड़ा था। महिला पुलिस के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ था.