मुगलसराय और घानी के बीच डकैतों ने लूटपाट की और घानी स्टेशन पर उतर कर चलते बने। सुबह के करीब चार बजे थे। पैसेंजर्स गहरी नींद में थे। उन्हें क्या पता था कि घर पहुंचते-पहुंचते उनकी गाढ़ी कमाई लुट जाएगी। मुगलसराय से ट्रेन खुली ही थी कि डकैतों का तांडव शुरू हो गया। कोच में कोहराम मच गया। लेकिन इनकी चीख-पुकार सुनने वाला कोई नहीं था।

रिस्पांसबिलिटी लेने को कोई तैयार नहीं
बदनामी का यह ताज कोई नहीं लेना चाहता। जब इस बारे में रेल एसपी सुरेश प्रसाद चौधरी से बात की, तब उन्होंने बड़ी बेबाकी से कहा कि यह मेरे ज्यूरिसडिक्शन की घटना नहीं है। ऐसे में मैं कुछ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें विशेष जानकारी भी नहीं है। श्री चौधरी कहते हैं कि पीडि़तों ने बक्सर जीआरपी में मामला दर्ज कराया, लेकिन इसे तुरंत ही मुगलसराय वालों को भेज दिया गया। इधर मुगलसराय वालों का कहना है कि मेरे यहां से ट्रेन खुलने के बाद घटना हुई है। यह जांच का विषय है कि घटना कहां हुई।

एस्कॉर्ट पार्टी के बारे में भी कोई जानकारी नहीं
इधर पैसेंजर्स की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। जब रेल एसपी से ट्रेन की एस्कॉर्ट पार्टी के बारे में जानकारी मांगी, तो उनका कहना था कि यह तो यूपी जीआरपी का मामला है। हमारा एस्कॉर्ट दिलदार नगर के बाद से शुरू होता है। इस बारे में हम कुछ नहीं कह सकते। यह तो एक बानगी है। जब भी पैसेंजर्स के साथ लूट या मारपीट की घटनाएं होती हैं, रेलवे का यही चेहरा लोगों के सामने आता है।