>RANCHI: शहरों में मोटापा लोगों को डायबिटीज का पेशेंट बना रहा है, तो गांवों में कुपोषण लोगों को टीबी का शिकार बना रहा है। डायबिटीज मरीजों को टीबी का अधिक खतरा है। इसकी शिकायत होने पर तत्काल जांच कराएं। ये विचार शुक्रवार को जागरण पहल की ओर से आयोजित वर्कशॉप टीबी और डायबिटीज में संबंध के दौरान उभर कर सामने आए। स्टेशन रोड स्थित होटल बीएनआर चाणक्या में विशेषज्ञों ने सलाह दी कि यदि आपका वजन घट रहा है, तो इसे इग्नोर न करें, बल्कि तुरंत डॉक्टर से सलाह लेकर इसकी जांच कराएं।

वर्कशॉप में चीफ गेस्ट स्वास्थ्यमंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि राज्य में टीबी जैसी खतरनाक बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। साथ ही उनके डायबिटीज की जांच सुनिश्चित की जाएगी। चूंकि दोनों बीमारियों में गहरा संबंध है। ऐसे में दोनों ही बीमारियां लोगों के लिए घातक साबित हो सकती है। मौके पर दैनिक जागरण रांची के जीएम मनोज गुप्ता, सीइओ आनंद माधव, डॉ। साची सत्पथी, डॉ। आइआर पाठक, डॉ। विनय कुमार धनानिया समेत कई लोग शामिल थे। वर्कशाप में राज्य के विभिन्न जिलों से भी लोग शामिल हुए और इन बीमारियों के बारे में जानकारी प्राप्त की।

टीबी और डायबिटीज में गहरा संबंध

यदि आपको डायबिटीज है, तो टीबी अपनी चपेट में ले सकती है। इसलिए डायबिटीज की शिकायत होने पर तत्काल डॉक्टर से कंसल्ट कर इसकी जांच कराएं। डायबिटीज पेशेंट को टीबी होने का सबसे अधिक खतरा बना रहता है। वहीं टीबी पेशेंट को भी अपने डायबिटीज की जांच करानी चाहिए। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह होते जा रहे है। इसलिए लोगों को अलर्ट हो जाने की जरूरत है।

जागरूकता से सामने आ रहे मामले

लोगों में जागरूकता बढ़ने की वजह से टीबी के मामले सामने आ रहे है। पहले लोग इसे कुपोषण के लक्षण मानकर इग्नोर करते थे। अब लोग जागरूक हो रहे है। इस वजह से टीबी के केसेज सामने आ रहे हैं। ऐसे में आंकड़े बताते हैं कि मामले बढ़ गए हैं।