लेबर कार्ड न बनाने और सरकारी योजनाओं का लाभ न देने का करेंगे विरोध
ALLAHABAD: रोजी रोटी की तलाश में झोला उठा कर पर-डे गांव से शहर आने वाले हजारों मजदूर रविवार को एकजुट होकर अपने हक की आवाज उठाएंगे। रविवार को शहर के लेबर चौराहों से लोग आएंगे-जाएंगे, लेकिन दिहाड़ी मजदूर वहां नजर नहीं आएंगे। क्योंकि अधिकारों की आवाज उठाने के लिए मजदूर एक दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे।
रजिस्टर्ड भी नहीं कराया
दिहाड़ी मजदूरों का आरोप है कि सरकार की ओर से दिहाड़ी मजदूरों के लिए कई नियम बनाए गए हैं। लेबर कार्यालय में मजदूरों को रजिस्टर्ड करने के साथ ही उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ देने की व्यवस्था है। लेकिन किसी भी मजदूर को न तो उनका अधिकार मिल रहा है और न ही सरकारी योजनाओं का लाभ।
नहीं मिलती है निर्धारित मजदूरी
दिहाड़ी मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे समाज सेवी चंदन तिवारी का कहना है कि प्रतिदिन चार से पांच हजार दिहाड़ी मजदूर गांवों से शहर में आते हैं। अल्लापुर लेबर चौराहा, झूंसी, कचहरी और रामबाग में खड़े रहते हैं। यहां से लोग उन्हें काम कराने के लिए ले जाते हैं। कोई 200 रुपया देता है तो कोई ढाई सौ। निर्धारित मजदूरी नहीं मिल पाती है। चंदन तिवारी ने बताया कि सरकार ने दिहाड़ी मजदूरों के लिए लेबर कार्ड की व्यवस्था कर रखी है। कुछ लोगों को छोड़ दिया जाए तो हजारों मजदूरों का कार्ड नहीं बना है। कुछ महीने पहले श्रम विभाग के कर्मचारी मजदूरों से 40-40 रुपये कार्ड बनाने के नाम पर ले गए, लेकिन किसी का कार्ड नहीं बना है।
पंजीकरण का है नियम
नियमत: मजदूरों का कार्ड बनाकर उन्हें लेबर विभाग में पंजीकृत करना चाहिए।
उनकी मजदूरी फिक्स होनी चाहिए।
अधिकार न मिलने के विरोध में 14 अक्टूबर को दिहाड़ी मजदूर एक दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे।
काम बंद रखेंगे। किसी भी चौराहे पर नजर नहीं आएंगे।
25 के बाद काम बंद करेंगे।
मजदूरों की मांग
श्रम विभाग में पंजीकृत करते हुए कार्ड बनाया जाए
एक हजार रुपये निर्धारित पेंशन दिया जाए
25 हजार रुपये लड़की पैदा होने, 12 हजार लड़का पैदा होने पर
- बेटी की शादी के लिए 55 हजार का लाभ मजदूरों को दिया जाए
प्रदेश में 41 लाख मजदूरों का कार्ड बना है
इलाहाबाद में एक से डेढ़ हजार लोगों का लेबर कार्ड बना है
जिनका कार्ड बना है, उन्हें भी कोई विशेष जानकारी नहीं