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- सेंट एंथॉनी कान्वेंट स्कूल में पढ़ने वाले नवनीत प्रकाश के सुसाइड मामले में दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने की पड़ताल

- पड़ताल के दौरान स्कूल प्रशासन की तरफ से निकली कई लापरवाही

GORAKHPUR: सेंट एंथॉनी स्कूल के छात्र नवनीत प्रकाश की आत्महत्या केस में आरोपी टीचर को शाहपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है लेकिन इस हादसे ने अपने पीछे कई सवाल छोड़ दिए हैं। आखिर छात्र ने टीचर की प्रताड़ना की शिकायत क्यों नहीं की? वहीं, क्या स्कूल प्रबंधन को नवनीत की पनिशमेंट के बारे में वाकई कुछ नहीं पता था? इस केस से जुड़े ऐसे ही कुछ सवालों के जवाबों की तलाश में दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम गुरुवार को सेंट एंथॉनी कॉन्वेंट स्कूल पहुंची जहां कई चौंकाने वाले मामले सामने आए।

'खराब है टीचर का बिहेवियर'

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम गुरुवार सुबह 7.30 बजे सेंट एंथॉनी कॉन्वेंट स्कूल पहुंची। स्कूल के भीतर शाहपुर पुलिस स्कूल मैनेजमेंट से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही थी। पुलिस की एक टीम आरोपी टीचर भावना राय को गिरफ्तार कर ले जा चुकी थी। वहीं, गेट पर मौजूद स्कूली बच्चे और उनके पैरेंट्स नोटिस बोर्ड पर छुट्टी की सूचना पढ़ रहे थे। जबकि गुरुवार को एग्जाम था, लेकिन नवनीत की मौत के चलते स्कूल प्रशासन ने एक दिन के लिए स्कूल बंद करने का फैसला किया था। रिपोर्टर ने नवनीत सुसाइड के संबंध में पैरेंट्स व छात्रों से बात की तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं। कई पैरेंट्स ने तो इस घटना के लिए सीधे स्कूल के मनमाने रवैये को जिम्मेदार ठहरा दिया। वहीं छात्रों का कहना था कि टीचर्स बहुत रूडली बिहेव करती हैं। कुछ का तो ये भी कहना था कि जब से नई प्रिंसिपल आईं हैं तब से स्कूल का माहौल और बिगड़ गया है।

'बहुत अच्छा था मेरा फ्रेंड'

स्कूल के छात्रों से बात करने के दौरान मृतक नवनीत के दोस्त रहे हार्दिक से भी रिपोर्टर की बात हुई। क्लास फिफ्थ ए का स्टूडेंट हार्दिक अभी भी यकीन नहीं कर पा रही कि उसका प्यारा फ्रेंड अब नहीं रहा। नवनीत के बारे में पूछने पर मासूम की आंखें डबडबा गईं। कहने लगा, अंकल मेरा फ्रेंड बहुत अच्छा था। वह पढ़ने में बेहद होनहार और क्रिएटिव माइंड का था। वह इस तरह का कदम उठाएगा, इस बात का विश्वास नहीं हो रहा है। हार्दिक ने बताया कि स्कूल की कुछ टीचर्स बच्चों के साथ बहुत स्ट्रिक्ट बिहेव करती हैं। कई बार तो टीचर्स के कहने पर क्लास मॉनिटर्स भी स्टिक से अन्य बच्चों को सजा देते हैं।

सुसाइड नोट, टेस्ट पेपर की हैंडराइटिंग सेम

वहीं, अपनी पड़ताल के दौरान रिपोर्टर को नवनीत के हिंदी साहित्य विषय के यूनिट टेस्ट की कॉपी भी मिली। इसमें भी उसने अच्छे मा‌र्क्स हासिल किए थे। उसकी हैंडराइटिंग भी बेहद खूबसूरत दिखाई दे रही है। नवनीत के सुसाइड लेटर से इस कॉपी को कंपेयर करने पर शब्दों के मिलान से ऐसा लग रहा है कि सुसाइड नोट नवनीत ने ही लिखा है। पुलिस भी सुसाइड लेटर से उसकी हैंडराइटिंग मिलने की पुष्टि कर चुकी है।

प्रेग्नेंट है आरोपी टीचर

आरोपी टीचर से पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में पता चला कि वह प्रेंग्नेट है। उसने पुलिस को बताया कि वह सीढि़यां नहीं चढ़ पाती। जबकि नवनीत की क्लास ऊपरी मंजिल पर है। नवनीत को क्लास में खड़ा रखे जाने के सवाल पर उसका कहना है कि उसने नवनीत को खड़ा नहीं किया था।

क्लास में सीसीटीवी तक नहीं

वहीं, घटना की तह तक जाने के लिए पुलिस ने स्कूल प्रशासन से क्लास रूम में लगे सीसीटीवी की फुटेज मांगी। लेकिन हैरानी वाली बात है कि यहां आठवीं के नीचे किसी क्लास में सीसीटीवी ही नहीं लगा है। ऐसे में पुलिस को नवनीत को मिली सजा की हकीकत के बारे में एक पुख्ता सुबूत मिलते-मिलते रह गया।

बातचीत से बचता दिखा स्कूल प्रशासन

रिपोर्टर ने इस मामले में अधिक जानकारी के लिए प्रिंसिपल से संपर्क करना चाहा तो पहले तो कह दिया गया कि अभी बात नहीं हो पाएगी। दोबारा कहने पर इंतजार करने को कहा गया। करीब 45 मिनट तक गेट के बाहर इंतजार करने के बाद प्रिंसिपल सिस्टर ईशप्रिया से बात हो पाई। उनका कहना था कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि नवनीत को टीचर ने इस तरह की पनिशमेंट दी है। हंगामे के दौरान उन्हें इस बात की जानकारी हुई। प्रिंसिपल का ये भी कहना था कि टीचर ने अगर पनिशमेंट दी थी या कोई उत्पीड़न जैसी बात थी तो पैरेंट्स ने पहले कंप्लेन क्यों नहीं की।

रिपोर्टर ने प्रिंसिपल से पूछे सवाल

रिपोर्टर - एग्जाम कब से शुरू हुआ ?

प्रिंसिपल - 15 सितंबर से शुरू हुआ था।

रिपोर्टर - नवनीत ने सुसाइड नोट में लिखा कि उसकी क्लास टीचर ने 9.15 बजे तक उसे क्लास में खड़ा रखा? क्या आपको इसकी जानकारी है?

प्रिंसिपल - मुझे इसकी जानकारी नहीं थी।

रिपोर्टर - 15 सितंबर को किस विषय का एग्जाम था

प्रिंसिपल - कंप्यूटर विषय का था।

रिपोर्टर - उस विषय में उसने सारे क्वेश्चन का क्या आंसर लिखा है ?

प्रिंसिपल - उसने कुल 9 क्वेश्चन साल्व किए हैं। उसे 80 में 59 नंबर भी मिले हैं।

रिपोर्टर - तो फिर सुसाइड नोट में तो उसने 9.15 तक क्लास में खड़ा किए जाने की बात लिखी है।

प्रिंसिपल - मुझे भी यह समझ में नहीं आ रहा है।

रिपोर्टर - क्या 9.15 से 10.30 बजे के बीच वह 9 क्वेश्चन साल्व कर लेगा?

प्रिंसिपल - कुछ नहीं कह सकते। हां, लेकिन 9 क्वेश्चन साल्व किए जरूर हैं।

रिपोर्टर - क्लास रूम्स में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं?

प्रिंसिपल - केवल आठवीं से दसवीं तक के क्लास में ही कैमरे लगाए गए हैं। बाकी के क्लासेज में अगले साल लगवाए जाएंगे।

रिपोर्टर - आपने आरोपी टीचर के खिलाफ क्या कार्रवाई की?

प्रिंसिपल - टीचर को स्कूल मैनेजमेंट की तरफ से सस्पेंड कर दिया गया है।

रिपोर्टर - पैरेंट्स व छात्र टीचर्स पर रूड बिहेवियर का आरोप लगा रहे हैं। इस पर आप क्या कहेंगी?

प्रिंसिपल- ऐसा नहीं है। सभी बच्चों को स्कूल में अच्छी शिक्षा मिल सके, इसलिए अनुशासन बनाया जाता है।

रिपोर्टर - सुसाइड लेटर में चापलूस वाली बात लिखी हुई है। चापलूस कौन है।

प्रिंसिपल- यह तो मुझे भी नहीं पता है।

ये सवाल भी अनसुलझे

1- क्या सुबह 9.15 से 10.30 बजे के बीच नवनीत 9 क्वेश्चन साल्व कर लेगा?

2- जब उसकी टीचर ने उसे क्लास में खड़ा कर दिया था तो फिर इसकी शिकायत उसने प्रिंसिपल या फिर अपने पैरेंट्स से क्यों नहीं की?

3- घर जाने के बाद क्या उसका बैग उसके पैरेंट्स ने नहीं चेक किया था?

4- जिस दिन नवनीत ने जहरीला पदार्थ खाया था, उस दिन या उसके एक-दो दिन बाद ही पैरेंट्स की तरफ से स्कूल प्रबंधन को शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई गई?

5- जब नवनीत ने जहरीला पदार्थ खा लिया था तो उस वक्त ही क्यों नहीं स्कूल की टीचर या स्कूल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई?

जुवेनाइल एक्ट के तहत सीबीएसई के निर्देश

1- सीबीएसई बोर्ड सर्कुलर के मुताबिक, जुवेनाइल एक्ट के तहत स्कूल टीचर, मैनेजमेंट या कर्मचारी बच्चे को मानसिक व शारीरिक स्ट्रेस् नहीं दे सकते हैं।

2- सेक्शन 19(1) और 21 के तहत इस मामले का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है।

3- स्कूल लेवल पर कमेटी का गठन करना चाहिए। ताकि इस तरह के मामले में इंक्वॉयरी कर कार्रवाई की जा सके।

4- जुवेनाइल एक्ट के तहत स्कूल को किसी भी प्रकार के हायर पनिशमेंट की इजाजत नहीं है

5- अगर कोई इस एक्ट का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

प्रिंसिपल और टीचर्स को बच्चों के प्रति अपना रवैया बदलना होगा। कोई जरूरी नहीं कि जब तक उसे सजा न दी जाए तब तक उसे एक अच्छा इंसान नहीं बनाया जा सकता है। बच्चा अगर बदमाशी करता भी है तो उसे सिखाने और समझाने के बहुत से तरीके अपनाए जा सकते हैं।

- संदीप, पैरेंट

स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। प्रिंसिपल का बिहैव अच्छा नहीं है। न तो बच्चों के प्रति और ना ही पैरेंट्स के प्रति। जब भी प्रिंसिपल से मिलने जाआो तो वह आसानी से नहीं मिलती हैं। मिलने के बाद भी वह बच्चे की ही शिकायत करती हैं।

- पंकज, पैरेंट

कुछ टीचर्स हैं जो बच्चों के साथ खराब बर्ताव करती हैं। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। पैरेंट्स से हम लोग कंप्लेंट करते हैं तो मामला सुलझ जाता है।

- अर्पित, स्टूडेंट

स्कूल के ज्यादातर टीचर्स सख्त हैं। कुछ ही टीचर्स हैं जिनका बर्ताव अच्छा है। प्रिंसिपल को इसके लिए सभी टीचर्स को सख्त हिदायत देनी चाहिए कि वह बच्चों के साथ इतनी सख्ती से पेश ना आएं।

- पवन, स्टूडेंट

वर्जन

इस दौर में बच्चों पर पढ़ाई का दबाव बढ़ गया है। दूसरे बच्चे से बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव सबसे अधिक है। पैरेंट्स को चाहिए की अपने बच्चे से नियमित बात करें। उसकी समस्याओं और स्कूल में दिन भर की एक्टिविटी के बारे में पूछें। ताकि समय रहते वस्तुस्थिति का पता लगाया जा सके। सभी को अपने बच्चे के प्रति संजीदा रहने की जरूरत है।

- प्रो। धनंजय कुमार, साइक्लॉजिस्ट, डीडीयूजीयू

बच्चे के सबसे करीब मां-बाप और टीचर होते हैं। अगर इन तीनों से बच्चा अपनी बात खुलकर नहीं कर पाता है तो वह अवसाद में चला जाता है। ऐसी कंडीशन में वह खुद को अकेला महसूस करते हुए गलत कदम उठाने के लिए बाध्य होता है।

- डॉ। सीपी मल्ल, साइकियाट्रिस्ट