-आईआईटी के ओपन सेंटर क्रिएथिक्स पब्लिक स्कूल में शामिल हुए 104 कैंडिडेट्स

-ओपन सेंटर पर स्टूडेंट्स के साथ पहुंचे पेरेंट्स भी, स्टूडेंट्स को कहा ऑल द बेस्ट

BAREILLY: कामयाबी की बुलंदियों को छूने के लिए अपने अंदर छिपे टैलेंट को पहचानना बहुत जरूरी है। छिपे टैलेंट और उसके मुताबिक फील्ड को चुनने के लिए जिले के 104 स्टूडेंट्स दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के आईआईटी-4 सीजन में संडे को अपीयर हुए। उन्होंने ओपन सेंटर क्रिएथिक्स पब्लिक स्कूल में एग्जाम में पूछे गए क्वेश्चन के आंसर्स को ओएमआर में फिल किए। वहीं, एग्जाम को लेकर स्टूडेंट्स से ज्यादा उनके पेरेंट्स उत्सुक दिखे। ज्यादातर का मानना था कि इस टेस्ट में अपीयर होने का फायदा उनके बच्चों को फ्चूयर में मिलेगा।

कॉम्पिटीशन के डर से मिली निजात

क्लास पांच से 12वीं तक के स्टूडेंट्स के पास संडे को खुद के अंदर छिपे टैलेंट को परखने और उसे निखारने का मौका था। दोपहर 12 बजे से दो बजे तक चला एग्जाम कॉम्पटीटीव एग्जाम्स की तरह था। इसमें एग्जाम के क्वेश्चन पेपर में दो पार्ट थे। पहले पार्ट में एप्टीट्यूड के 40 क्वेश्चन पूछे गए। वहीं, सेकंड पार्ट में रीजनिंग के 100 सवाल थे। जबकि, एग्जाम 300 मा‌र्क्स का था। स्टूडेंट्स को आंसर्स देने के लिए दो घंटे का समय दिया गया। वहीं, एग्जाम देने के बाद स्टूडेंट्स ने राहत की सांस ली। उन्होंने कहा एग्जाम देकर उन्होंने कॉम्टीटीव एग्जाम्स फोबिया से ि1नजात पाई।

पेरेंट्स का भी हुआ एग्जाम

संडे को आईआईटी के माध्यम से पेरेंट्स का भी एग्जाम हुआ। नौनिहाल को ओपन सेंटर तक ले जाने और एग्जाम होने तक इंतजार करने के एग्जाम में सभी पेरेंट्स पास हुए। स्टूडेंट्स जब एग्जाम दे रहे थे, तब पेरेंट्स कॉन्फ्रेंस हॉल में बैठकर उनके लिए प्रार्थना कर रहे थे।

यह बोले पेंरेंट्स

वर्जन

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की यह पहल बहुत ही अच्छी है। इससे बच्चों कॉम्पिटीटिव एग्जाम में अपीयर होने का एक्सपीरियंस मिलेगा। उन्हें अपनी काबिलियत का भी पता चलेगा।

युगल भट्ट,

बच्चे के भविष्य को लेकर काफी चिंतित हूं। समझ नहीं आ रहा है कि उसे किस फील्ड के लिए तैयार करूं। उसके अंदर के टैलेंट को पहचान सकूं, इसलिए उसे यह एग्जाम दिलवाया।

अनिल सिंह

बेटों को जैसे ही दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट के बारे में पता चला। वे अपने अंदर के छिपे टैलेंट को जानने की जिद करने लगे। एग्जाम को लेकर वे खासे उत्साहित हैं।

बेबी शर्मा

मेरी बेटी पहले भी एग्जाम दे चुकी है। इस टेस्ट ने उसकी काफी हेल्प की है। वह दूसरी बार एग्जाम दे रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की यह पहल बहुत ही सराहनीय है।

मधु तिवारी

पेरेंट्स अक्सर बच्चों पर कॅरियर को लेकर दवाब बनाते हैं। यह टेस्ट उन पेरेंट्स के लिए काफी हेल्पफुल साबित होगा.इस टेस्ट के माध्यम से वे बच्चों के छिपे टैलेंट को जान सकते हैं।

अनुज कुमार

स्टूडेंट्स ने यह कहा

पेपर बहुत आसान था। अब तो रिजल्ट का इंतजार है। रिजल्ट के मुताबिक फील्ड में कॅरियर बनाऊंगा, ताकि सफल हो सकूं

नमो

प्रतियोगी एग्जाम की तैयारी का स्तर क्या है। यह जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट का इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट दिया।

उत्कर्ष

पेपर में पूछे गए सवाल बहुत ही अच्छे थे। जैसे ही मुझे आईआईटी के बारे में पता चला, तो मैंने फार्म भर दिया था।

सूर्यांश

इस एग्जाम के माध्यम से मैंने प्रैक्टिस की कि भविष्य में कैसे पेपर आएंगे और कैसे उनके आंसर दिए जाएंगे।

आकांक्षा

मैं किस फील्ड में कॅरियर बनाऊं, ताकि सफल हो सकूं। इसलिए मैंने यह टेस्ट दिया। टेस्ट के रिजल्ट के मुताबिक कॅरियर बनाऊंगी।

श्रुति

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की इस पहल की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है। इस टेस्ट के माध्यम से फील्ड चुनने में आसानी होगी।

एंजिल

प्रतियोगी एग्जाम कैसे आते हैं। इसकी नॉलेज लेने के लिए मैंने यह एग्जाम दिया। अब तो सिर्फ रिजल्ट का इंतजार है।

अंशिका

पेरेंट्स और स्टूडेंट्स दोनों की कॅरियर को लेकर संशय में रहते हैं। इस एग्जाम से उनका कंफ्यूजन दूर हो जाएगा। साथ ही रिजल्ट के मुताबिक कॅरियर चुनकर स्टूडेंट्स सफल हो सकता है।

डॉ। आरके शर्मा, डायरेक्टर जनरल क्रिएथिक्स पब्लिक स्कूल

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की यह पहल बहुत ही सराहनीय है। इससे पेरेंट्स को यह पता चल जाएगा कि स्टूडेंट्स की क्षमताएं क्या हैं और कमजोरी।

कंचन पिपलानी, प्रिंसिपल क्रिएथिक्स पब्लिक स्कूल

इस तरह के एग्जाम होने से स्टूडेंट्स को एक्स्ट्रा नॉलेज मिलती है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की यह पहल काफी सराहनीय है।

जैनब, टीचर