अब क्या होगा आप लोगों का?
कुछ नहीं होगा सर जी। मैं जानता हूं, ये सब बड़े लोगों के चोचले हैं।

गोलीकांड के बाद शिकंजा और कसेगा?
किस पर शिकंजा डालेगा। यहां पर तो सब वही लोग हैं। पहले दलाल बनाते हैं, फिर बदनाम करते हैं.

गोलीकांड के बाद कुछ ज्यादा नुकसान तो नहीं हुआ?
हां, दो दिनों से धंधा नहीं चल रहा है। फायरिंग नहीं करनी चाहिए थी। यह दलाल या ट्राली मैन की लड़ाई नहीं है। इसमें बड़े लोग शामिल हैं। बड़े लोग पकड़े भी गए हैं.

आप किसके लिए काम करते हैं?
पहले वे पीएमसीएच के ही सीनियर डॉक्टर थे, अब उनका अपना नर्सिंग होम चलता है। हमारा काम सीटी स्कैन वाले पेशेंट्स को उठाना है.

उठाने का कितना चार्ज मिलता है?
500 रुपए से शुरू होता है। नाइट शिफ्ट या इमरजेंसी वाले पेशेंट्स का अधिक चार्ज मिलता है। नर्सिंग होम में परमानेंट होने के बाद परसेंटेज नहीं, पेमेंट मिलता है, जो 5000 से 7000 रुपए तक होते हैं.

दूसरे नर्सिंग होम वाले अधिक पैसे दें, तो आप उसके लिए काम करेंगे?
इस धंधे में दूसरा-तीसरा नहीं होता है। एक जगह एक के लिए काम करना पड़ता है। बड़े आदमी होते हैं, गलती होने पर हालत खराब कर देते हैं.

क्या-क्या करते हैं?
मारपीट करते हैं। महीनों पैसे बंद कर देते हैं। पुलिस में नाम डाल देने की धमकी देते हैं। आखिर हमारा एड्रेस भी तो गलता होता है। इसलिए एक जगह ही काम करता हूं.

एक दिन में कितने पेशेंट को पकड़ते हैं?
पांच से छह तो हर दिन मिल ही जाते हैं। अधिक पैसे के लिए रात में तीन चार उठा ही लेता हूं.

कैंपस में कितने दलाल काम करता हैं?
ये पूछिए कि किस नर्सिंग होम के लोग काम नहीं करते हैं। एंबुलेंस भी निजी नर्सिंग होम के संरक्षण में यहां काम करता है.

कैसे फंसाते हैं अटेंडेंट को?
वार्ड में एक-दो पेशेंट का हाल लेने के दरम्यान इमोशनल टच दिया जाता है। पुराने पेशेंट की कहानी सुनाते हैं और फिर उसे नर्सिंग होम का पता दे देते हैं। एक से दो दिन में विजिटिंग कार्ड लेकर पहुंच जाते हैं और हमारा कमीशन मिल जाता है.

आखिर क्यों फंस जाते हैं आपके चक्कर में?
इसके लिए पीएमसीएच दोषी है। पीएमसीएच की हालत ठीक नहीं है। यहां इलाज के नाम पर कुछ नहीं होता है। सफाई नहीं रहती है, मशीन खराब रहती है। इसलिए जिंदा रखने के लिए अटेंडेंट हमारे झांसे में फंस जाते हैं। पीएमसीएच अगर ठीक हो जाए तो नर्सिंग होम वालों की दुकान ही बंद हो जाएगी.

दलाल के अलावा पेशेंट यहां से कौन भेजता है?
दलाल तो एक छोटा हथियार है। तोप तो पीएमसीएच के अंदर ही है। ओपीडी में डॉक्टर के स्टाफ ही उसे बता देते हैं कि फलां नर्सिंग होम में बेहतर ट्रीटमेंट और कम पैसा लगेगा। चले जाइए।

आपको पता है कि नर्सिंग होम वाले पेशेंट को लूट रहे हैं?
इसकी मुझे जानकारी नहीं है। मेरा काम पांच सौ रुपए तक रहता है। इसके बाद नर्सिंग होम वाले पेशेंट का क्या करते हैं, इससे मुझे कोई लेना-देना नहीं है। पीएमसीएच के पेशेंट की वजह से उसके आसपास 50 से अधिक छोटे-बड़े नर्सिंग होम चलते हैं। इसकी जानकारी सबको है, लेकिन कोई ध्यान नहीं देता है.

(In conversation with Shashi Raman)