छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: हाथियों के लिए संरक्षित दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में हलचल बढ़ गई है. गर्मी शुरू होते ही पश्चिम बंगाल से हाथियों का आना शुरू हो गया है. सोमवार तक दलमा के आसपास दो दल पहुंच चुके हैं. इसमें 55 हाथी हैं. इनके आने से क्षेत्र के 13 गांवों के लोगों में दहशत है.

क्षेत्र के लोग जान-माल की रक्षा के लिए रतजगा कर रहे हैं. फसलों को बचाने के लिए तैयारी तेज हो गई है. पुराने टायर व दलमा फारेस्ट कार्यालय से पटाखे लाकर रख रहे हैं. टायर जलाने और पटाखे छोड़ने से हाथी भाग जाते हैं. दलमा से हाथियों का झुंड अगस्त के बाद से ही बंगाल की ओर अपना रूख कर देगा. अगस्त के बाद बंगाल में धान की फसल उनका प्रमुख भोजन होता है.

इन गांवों के लोग दहशत में

दलमा के मीर्जाडीह, नूतनडीह, कुंदरूकोचा, सारी, गेरुआ, लायलम, गामीबुरू, पगदा, बोटा, पुनसा, बनगोड़ा, देवघर व पलासबनी के लोग दहशत में हैं. गांव के लोग दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के मानगो स्थित कार्यालय से पटाखा लेकर जा रहे हैं.

एक दल में 37 और दूसरे में 18 हाथी हैं. दलमा में हाथियों के झुंड आने से वन विभाग के कर्मचारी खुश हैं. इसकी वजह यह है कि हाथियों को देखकर दलमा आने वाले पर्यटक खुश होंगे और उनकी संख्या भी बढ़ेगी. इस समय क्षेत्र में उनके लिए भोजन व पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है.

-आरपी सिंह, रेंजर, दलमा फारेस्ट रेंज