-कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है सावन

-वरुणापार में सड़कों की चल रही खोदाई का काम नहीं हुआ पूरा

-सारनाथ तक जाने में पब्लिक को झेलनी पड़ रही है काफी मुसीबत

VARANASI: भगवान शंकर की उपासना का पावन पर्व सावन कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। सिटी की हालत कुछ ऐसी है कि यहां गाडि़यों से चलना दुश्वार है। तो आप पैदल चलने की कल्पना से ही डर जाएंगे। शहर में भीड़ भाड़ वाली जगह से दूर अगर सारनाथ के प्राचीन मंदिर की बात की जाए तो वहां पर सावन के दिनों में शिव भक्तों की काफी भीड़ उमड़ती है। लेकिन वहां का हाल कुछ ऐसा हो गया है कि सावन तो दूर प्रेजेंट में ही भक्तों को वहां तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। या यूं कहें कि नगर निगम ने भक्तों को भगवान भरोसे ही छोड़ दिया है।

खोदाई होने से होगी फजीहत

सारनाथ स्थित प्राचीन सारंगनाथ मंदिर में सावन के दौरान हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। लेकिन निगम ने ऐसा काम शुरू कराया है कि भक्तों के कदम थम सकते हैं। मंदिर के चारों ओर पानी की पाइप लाइन बिछाने के लिए खोदाई कर दी गयी है। बारिश होने के बाद से रोड्स की हालत ऐसी है कि कार का वहां से गुजरना मुश्किल हो रहा है। बाइक और स्कूटी से चलने में तमाम फजीहत झेलनी पड़ रही है। ऐस में ये सवाल उठ रहा है कि निगम ने यहां जो काम शुरू कराया है वो सावन से पहले पूरा हो पायेगा या नहीं?

क्या है मान्यता

पौराणिक मान्यता के अनुसार सारंग नाथ मंदिर भगवान शंकर का ससुराल कहा जाता है, जानकार बताते हैं कि सावन के दौरान भोले नाथ काशी छोड़कर सारनाथ के इस स्थान पर निवास करते हैं। अमूमन शंकर भगवान के मंदिरों में एक ही शिवलिंग का अरघा होता है, लेकिन इस मंदिर में दो अरघे स्थापित हैं। एक शिवलिंग सैकड़ों सालों से स्थापित है जबकि दूसरा शिवलिंग को आदि शंकराचार्य ने स्थापित किया था।