-काशी विश्वनाथ मंदिर के सुरक्षा इंतजाम को लेकर प्रदेश के आला पुलिस अधिकारियों संग हुई हाई पावर कमेटी की बैठक

-डीजी सिक्योरिटी ने लिया मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा, अधिग्रहण करने वालों भवनों को लेकर बढ़ी परेशानी

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VARANASI: भले ही बाबा विश्वनाथ की सुरक्षा को लेकर भले लंबे चौड़े प्लैन बन रहे हो। हाईटेक मशीनों से बाबा धाम को और पुख्ता करने की तैयारियों हो रही हो लेकिन सच तो ये है कि बाबा की सुरक्षा में मंदिर के आस पास के जर्जर भवन बड़ा रोड़ा बने हुए हैं। ये कहना है डीजी सिक्योरिटी गोपाल गुप्ता का। डीजी शुक्रवार को हाईपावर कमेटी की बैठक में शामिल होने के लिए आये थे और मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर के विस्तारीकरण में आसपास के जर्जर हो चुके भवन बड़ी बाधा हैं। इमरजेंसी कंडीशन में मंदिर प्रांगण तक न तो फायर ब्रिगेड की गाडि़यां पहुंच सकती है और न ही एंबुलेंस। इन भवनों के अधिग्रहण का झाम फंसा है। कभी एक ही भवन पर दो पक्ष अपने-अपने दावे करते हैं तो कभी कानूनी प्रक्रिया आड़े आ जाती है। शासन इन भवनों के अधिग्रहण का प्रयास रहा है।

श्रद्धालुओं को मिले हर सुविधा

बता दें कि काशी, मथुरा और अयोध्या की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर हर तीसरे माह होने वाली हाई पावर कमेटी की बैठक करने शुक्रवार को डीजी सुरक्षा गोपाल गुप्ता शहर में थे। सुबह दस बजे आला अधिकारियों के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर का निरीक्षण करने के बाद डीजी सुरक्षा ने कमिश्नरी में हाई पावर कमेटी की बैठक की। हाई पावर कमेटी की बैठक के बाद डीजी सुरक्षा ने कहा कि मंदिर में श्रद्धालुओं को हर सुविधा और उन्हें सुरक्षा मुहैया कराना पहली प्राथमिकता है। काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में न्यास परिषद, सीआरपीएफ और पुलिस का समन्वय जरूरी है। इसके लिए हमने पहला कदम बढ़ा दिया है। अभी तक न्यास परिषद की ओर से लगे सीसी कैमरे और सुरक्षा के मद्देनजर लगे कैमरे से अलग-अलग कार्य होते थे। अब ऐसा नहीं होगा। पुलिस महकमे के भी अपने कैमरे यलो जोन में लगे हैं।

चेन स्नेचिंग पर दिखे खफा

डीजी सुरक्षा ने मंदिर परिक्षेत्र में होने वाली चेन स्नेचिंग की घटना को गंभीरता से लिया है। जब उन्हें यह जानकारी मिली कि भोर में बाबा दरबार के दर्शन को जाने वाले दक्षिण भारतीयों के साथ प्रतिदिन चेन स्नेचिंग की वारदात होती है। यहां तक की बाबा दरबार में भी महीने में दो-तीन चेन स्नेचिंग की घटना होती है, डीजी सुरक्षा शॉक्ड हो गए और कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे अहम है। सारी कवायद ही उन्हीं के लिए है। इसलिए इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला पुलिस से इस बाबत बात होगी।

हाईटेक होगी बाबा की सुरक्षा

आतंकी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए कमेटी की पिछली बैठक में निर्णय हुआ था कि काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र की निगहबानी ड्रोन कैमरे से होगी। शुक्रवार को डीजी सुरक्षा से इस बाबत पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी ड्रोन कैमरे से निगरानी को लेकर संशय बना हुआ है। ड्रोन कैमरे से निगहबानी को शासन से अभी मंजूरी नहीं मिली है। वार्ता के दौरान मौजूद कमिश्नर आरएम श्रीवास्तव ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ही अवस्थापना निधि से एक करोड़ भ्8 लाख रुपये अनुमन्य किया गया है। पुलिस मोटर बोट, लाइफ जैकेट, दशाश्वमेघ घाट व यलो जोन में कैमरे के लिए खरीदारी को कहा गया है।

जायजा लिया प्रस्तावित कंट्रोल रूम का

कमेटी की बैठक से पूर्व डीजी सुरक्षा गोपाल गुप्ता सुबह दस बजे विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। ज्ञानवापी क्रॉसिंग पर तैनात कमांडो से ड्यूटी के बाबत जानकारी लेने के बाद बीडीएस कक्ष का निरीक्षण किया। मकानों के अधिग्रहण के बाबत अधिकारियों से पूछताछ की। वहां से करमाइकल लाइब्रेरी गए जहां आधुनिक कंट्रोल रूम का निर्माण प्रस्तावित है। भवन निर्माण के बाबत जानकारी लेकर सीआरपीएफ के बैरक पहुंचे और सुरक्षाकर्मियों से उनकी समस्याओं के बाबत पूछा। रेड जोन में सभी प्रवेश द्वार का निरीक्षण किया करने के बाद गोपाल गुप्ता ने दर्शन पूजन किया।