-राजा जी पार्क में 21 हेक्टेयर जंगल खाक

-हिमाचल की सीमा पर लगी आग, एसडीआरएफ बुलाई

-देहरादून, कालसी, मसूरी, चकराता में आग

-प्रशासन ने सैटेलाइट सर्वे की शुरू की तैयारी

-वन विभाग, प्रशासन और फायर ब्रिगेड मिलकर चला रहे हैं अभियान

देहरादून,

पूरे प्रदेश जंगल के आग में जल रहे हैं। देहरादून भी इससे अछूता नहीं है। राजधानी चारों तरफ से आग से घिरी हुई है। अब तक देहरादून जिले के 194 हेक्टेयर वन संपदा खाक हो चुकी है। इसमें अकेले राजा जी पार्क का 21 हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ चुका है। राजा जी नेशनल पार्क के रामगढ़ इलाके में अभी भी भयंकर आग लगी हुई है। ये इलाका देहरादून से सटी हिमाचल की सीमा पर है। यहां लगी आग बडे़ खतरे की ओर इशारा कर रही है। इसके लिए प्रशासन ने एसडीआरएफ की टीम मांगी है, ताकि इस पर नियंत्रण पाया जा सके। वहीं दूसरी ओर सैटेलाइट से भी प्रशासन ने आग से नुकसान और धुंए पर सर्वे शुरू कर दिया है।

सोमवार को दो बड़ी घटनाएं

कलक्ट्रेट में बने आपदा नियंत्रण कक्ष में सोमवार को दो जगहों पर बड़ी आग लगने की सूचनाएं आईं। पहली सूचना नांगल कुलहान के खेतों में लगी आग की मिली। जिस पर काफी मशक्कत के बाद काबू पाया गया। इसके अलावा रायपुर चौक से मालदेवता की ओर सड़क के नीचे झाडि़यों में आग लगने की सूचना मिली। वहां पर फायर ब्रिगेड और वन विभाग को तुरंत भेजा गया। कई घंटों की मशक्कत के बाद इस पर भी काबू पा लिया गया।

सैटेलाइट से आंकलन

प्रशासन ने देहरादून में आग से हुए नुकसान और आसमान में छाई धुंध को लेकर सैटेलाइट सर्वे शुरू करा दिया है। इसके लिए आईआरएस से मदद ली जा रही है। उनसे डाटा मांगा गया है, ताकि आसमान में फैली धुंध का आंकलन किया जा सके और प्रभावित इलाकों में बचाव के काम किए जा सकें।

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आग से प्रभावित दून के क्षेत्र

मसूरी से जुड़ा भगत स्टेट

कांडीलॉज

दूधली वीट

सहनसरा कंपार्ट नंबर 9

कालसी कंपार्ट नंबर 8

खूनीगढ़ में कंपार्ट 4

रुद्रपुर कंपार्ट 2 और 3

सहस्त्रधारा के जंगल

प्वाइंटर

अब तक नुकसान

-जिले में 90 घटनाएं, 194 हेक्टेयर जंगल खाक

-राजा जी पार्क में आग लगने की 8 घटनाएं, 21 हेक्टेयर जंगल प्रभावित

-राजा जी पार्क में रामगढ़ और हिमाचल सीमा पर आग

-रामगढ़ में आग बुझाने को मांगी एसडीआरएफ

-अकेले देहरादून सदर तहसील में आग लगने की 35 घटनाएं

-24 घंटे के लिए संचालित हुआ आपदा केंद्र, नंबर 2726066, 1077

यह है प्रदेश की स्थिति

-2876 हेक्टेयर वन संपदा को नुकसान

-271 स्थानों पर लग चुकी है आग

-232 स्थानों पर आग बुझाई गई

-प्रदेश में आग से 7 लोगों की मौत, 14 लोग गंभीर रूप से झुलसे

-आग की घटनाओं में अभी तक 7 मवेशियों की मौत

-46 लोगों पर वन अधिनियम में केस

-आग लगाने के आरोप में 3 लोग गिरफ्तार

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हाईकोर्ट ने तलब की रिपोर्ट

प्रदेश के जंगलों में लगी आग पर नैनीताल हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। अदालत ने केंद्र सरकार और उत्तराखंड शासन से आग से हुए नुकसान की रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 9 मई की तारीख तय की है। कोर्ट ने पूछा है कि आग से जान माल का कितना नुकसान हुआ है? कितनी वन संपदा खाक हुई है और आग पर काबू पाने के लिए कितना धन खर्च हुआ है?

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वायुसेना का अभियान

गढ़वाल और कुमाऊं में वायुसेना के हेलीकॉप्टर जंगलों में पानी छिड़क रहे हैं। सोमवार को धुंध और धुंआ छंटने के बाद पौड़ी में वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने 3 उड़ाने भरीं, जबकि नैनीताल में 6 उड़ाने भरकर जंगलों में आग बुझाने की कोशिश की गई।

छिपाए जा रहे हैं आंकड़े?

जंगलों में लगी आग से वन संपदा को हुए नुकसान के आंकड़े तो शासन बता रहा है हालांकि इन पर भी सवाल उठ रहे हैं, लेकिन जंगली जानवरों की मौत के मामले अभी तक सामने नहीं आए हैं। पालतू जानवरों की मौत का आंकड़ा भी 7 बताया गया है, लेकिन ये बात किसी के गले नहीं उतर रही कि इतनी भयानक अग्नि आपदा में आखिर जंगली जानवर कैसे सुरक्षित हैं?