- जर्जर सरकारी स्कूलों को ग्राम पंचायतों और सामुदायिक केंद्रों में पाठशाला चलाए जाने के निर्देश

- उत्तराखंड संरक्षण आयोग ने भी जताई चिंता, शिक्षा विभाग हुआ अलर्ट

DEHRADUN: प्रदेश में जर्जर हो चुके स्कूलों के बच्चों की क्लासेज अब पंचायत भवन और सामुदायिक केन्द्रों में चलाई जाएंगी। शिक्षा विभाग ने इस बाबत निर्देश जारी करते हुए बरसात के दिनों में एहतियात बरतने को कहा है। सरकारी स्कूलों के ऐसे भवनों को लेकर उत्तराखंड संरक्षण आयोग ने भी चिंता जताई है।

क्म्भ् स्कूलों के पास नहीं भवन

उत्तराखंड में भारी बारिश ने सिर्फ सड़कों और नालों की ही पोल नहीं खोली है। बारिश ने सरकारी स्कूलों के बदइंतजामों को भी उजागर कर दिया है। इतना ही नहीं जर्जर भवनों के हालात ऐसे भी हैं कि वहां कभी भी कोई हादसा हो सकता है। उत्तराखंड संरक्षण आयोग ने भी इसे लेकर चिंता व्यक्त की है। आयोग की ओर से शिक्षा विभाग को जर्जर स्कूलों के स्थान पर ग्राम पंचायतों और सामुदायिक केंद्रों में पाठशाला चलाए जाने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने भी इसे लेकर सहमति दे दी है। शिक्षा विभाग ऐसे स्कूलों की मरम्मत जल्द कराने के दावे कर रहा है। लेकिन, हर साल भारी बारिश इन तमाम दावों की पोल खोल देती है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में क्म्भ् ऐसे स्कूल हैं जिनके पास अपने भवन तक नहीं है।

विभाग ने जताई सहमति

ख्0क्फ् में आई आपदा के बाद से ही प्रदेश के कई स्कूलों के हालात बद से बदतर हैं। आपदा प्रभावित जिलों के अलावा बाकी जिलों के स्कूलों का भी हाल बेहाल है। यहां भी दर्जनों की संख्या में स्कूल ढहने के कगार पर हैं। हालात यह कि यहां छात्र और शिक्षक दोनों ही जान हथेली पर रखकर पढ़ने और पढ़ाने को मजबूर हैं। इन हालातों के बाद भी शिक्षा विभाग इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। इधर बाल संरक्षण आयोग ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर जजर्र भवनों से स्कूलों को हटाकर पुख्ता व्यवस्था होने तक ग्राम पंचायत घरों और बारात घरों में कक्षाएं संचालित किए जाने की बात कही है। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा निदेशकों को पत्र जारी कर जर्जर भवनों में कक्षाओं का संचालन न किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा कक्षाओं का संचालन सुरक्षित स्थानों पर किए जाने की भी बात कही है।

बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है ऐसे में किसी भी ऐसे स्कूल में कक्षाओं का संचालन नहीं किया जाएगा जो गिरासू स्थिति में हैं। ऐसे स्कूलों को जिला योजनाओं के अंतर्गत मरम्मत कराए जाने के भी निर्देश दे दिए गए हैं।

- कैप्टन आलोक शेखर तिवारी, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा