नहीं बना है जल निकासी का रास्ता, लोगों ने नाले पर किया है कब्जा

इलाके में गंगा के किनारे तक बना लिया गया है आशियाना

ALLAHABAD: नगर निगम, एडीए के साथ ही एडमिनिस्ट्रेशन को भी पता है कि छोटा-बघाड़ा, ओम गायत्री नगर और सलोरी का एरिया डेंजर जोन बन चुका है। ये हर साल बरसात के मौसम में पानी में डूबता है। सैकड़ो घरों में पानी घुस जाता है। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है, इसके बाद भी समस्या के समाधान के लिए कोई स्थायी रास्ता नहीं निकाला जा सका है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ने इस बार समस्या को और बढ़ा दिया है। इसलिए अभी से छोटा-बघाड़ा व सलोरी एरिया पर खतरा मंडराने लगा है। इसे लेकर इन इलाकों के वाशिंदे डरे हुए हैं।

खोद कर छोड़ दी गई है सड़क

पूरे शहर की तरह सलोरी और छोटा बघाड़ा एरिया में भी गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ने सीवर लाइन बिछाने के लिए सड़कों व गलियों की खोदाई की है, लेकिन सीवर लाइन डालने के बाद सड़कें व गलियां बस केवल मिट्टी डाल कर छोड़ दी गई हैं। इसकी वजह से इस बार लोगों को जलभराव के साथ ही कीचड़ का भी सामना करना होगा।

नालों पर है अतिक्रमण

एक तरफ जहां जलनिकासी का रास्ता नहीं बन पा रहा है, वहीं जहां-जहां नाले हैं, वहां लोगों ने नालों पर जबर्दस्त अतिक्रमण कर रखा है। मकान, दुकान, ग्रीनरी, पार्किंग आदि नाले पर बना लिए गए हैं। इससे नालों का रास्ता ही ब्लॉक हो गया है।

रामप्रिया रोड नाला पर अतिक्रमण

छोटा बघाड़ा स्थित रामप्रिया रोड का नाला अतिक्रमण का शिकार है। इस पर लोगों ने जगह-जगह रैंप बना लिया है। नाले पर लकड़ी आदि का कारोबार होता है। अतिक्रमण के कारण ही नाले की सफाई नहीं हो पा रही है। बारिश में नाला उफनाने पर बारिश का पानी लोगों क घरों में घुस जाता है।

नाले पर ही बना ली पार्किंग

ओम गायत्री नगर में नाले पर पार्किंग और ग्रीनरी कई लोगों ने बना रखी है। कई जगह तो नाले पर पार्किंग बनवा लिया गया है। एनी बेसेंट स्कूल के पीछे स्थित नाला भी बजबजा रहा है, जिसकी सफाई नहीं हो पा रही है।

प्रतिबंध के बावजूद बन रहे मकान

सलोरी के नालों पर भी लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। इसकी वजह से नालों की सफाई नहीं हो पा रही है। गंदगी और सिल्ट से नाले भरे पड़े हैं। चोक होने से नाले आए दिन ओवरफ्लो होने लगते हैं। वहीं सलोरी में दूसरी सबसे बड़ी समस्या गंगा के कछार तक बने आवास हैं। बारिश के मौसम में बाढ़ आने पर कई मकान पानी में डूब जाते हैं। प्रतिबंध के बाद भी कछार क्षेत्र में मकानों के बनने का सिलसिला जारी है।

सलोरी, छोटा बघाड़ा, कैलाशपुरी और ओमगायत्री नगर में इस बार समस्या कुछ ज्यादा ही विकराल होगी। क्योंकि सड़कों को खोद कर छोड़ दिए जाने व नाले चोक होने से जल निकासी नहीं हो पाएगी।

मंजीत कुमार

पार्षद

सलोरी

नालों की सफाई में जबर्दस्त लापरवाही बरती जा रही है। केवल ऊपर से नालों को साफ किया जा रहा है। तली सफाई नहीं होगी तो फिर बरसात में पानी कैसे निकलेगा। कई जगह नालों को पाट दिया गया है।

राजू शुक्ला

पूर्व पार्षद

बरसात के मौसम में हर बार हम लोगों को घर छोड़ कर भागना पड़ता है। बरसात का पानी घर में घुस जाता है। क्योंकि पानी निकासी का रास्ता आज तक नहीं बन सका है।

राजकुमार

जब नाला साफ नहीं होगा तो फिर पानी निकलेगा कैसे। कई जगह तो नाला ही नहीं है। इसीलिए सलोरी में पानी भर जाता है।

निर्मला देवी