- हर्बल के नाम पर बिक रहा है खतरनाक केमिकल

- गुलाल से नहीं अरारोट, मैदा और केमिकल से मनाते हैं होली

- अच्छी-खासी कीमत देकर भी आप खरीद रहे हैं बीमारी

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MEERUT: अब तक हर्बल और स्किन के लिए सेफ समझे जाने वाले अबीर-गुलाल भी काफी खतरनाक हो सकते हैं। फ्राइडे को आई नेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में एक ऐसा खुलासा हुआ, जिसे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। सिटी में बिक रहे कई ब्रांड के अबीर-गुलाल और हर्बल चंदन आपके लिए काफी घातक हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि क्या है हकीकत।

हैरान करने वाला खुलासा

मार्केट में बिकने वाले विभिन्न कंपनियों के नाम पर रंग-बिरंगे यह गुलाल। दिखने में भले ही मुलायम हो मगर मुलायम गुलाल के नाम पर केवल केमिकल और अरारोट और मैदा ही है। वहीं अबतक हर्बल माने जाने वाला चंदन टीका भी कुछ कम नहीं है। शुक्रवार को जब आई नेक्स्ट ने प्रगति विज्ञान क्लब के सदस्य दीपक शर्मा के साथ मिलकर सिटी में बिकने वाले विभिन्न कंपनियों के गुलाल और हर्बल चंदन का चेक किया तो पूरी सच्चाई सामने निकलकर आई।

चंदन भी खतरनाक

आइए जानते हैं कि कैसे यह रंग बिरंगे गुलाल से लेकर चंदन तक खतरनाक है। इनमें क्या ऐसा है जो कहीं न कहीं नुकसानदायक ही है।

गुलाल- रंग बिरंगे मुलायम बिकने वाले गुलाल भले ही लगाने में मुलायम हों, मगर इनमें विभिन्न रंगों के लिए मिले केमिकल के साथ ही लगभग म्0 प्रतिशत आरारोट और फ्0 प्रतिशत मैदा होता है। मैदा और अरारोट दोनों से ही स्किन फटने का डर रहता है।

लाल और हरा रंग- लाल और हरे रंग के गुलाल में तो लगभग 70 प्रतिशत अरारोट मिला हुआ है। गुलाल की चिकनाई बढ़ाने के लिए ही अरारोट मिलाया जाता है। इसके साथ ही सस्ते में ज्यादा गुलाल बनाने के लिए भी अरारोट का यूज होता है।

हर्बल चंदन भी घातक

हर्बल के बिकने वाले ब्रांडेड चंदन की टीका भी कुछ कम नहीं है। जी हां टेस्ट के बाद सामने आया कि इस डिबियां जो पेस्ट है उसे बनाने के लिए ब्0 प्रतिशत क्रोमियम आयोडिन, मिक्सिंग के लिए डीजल और ब्0 प्रतिशत कॉपर सल्फेड मिलाया गया है। तब जाकर यह पीले रंग का चंदन तैयार हुआ है। इसमें आने वाली सुगंध भी कोई असली नहीं है। इसमें सुगंध के लिए चंदन का थोड़ा सा एसएन्स मिलाया जाता है। बाजार में यह छोटी सी डिबियां ख्0 रुपए से लेकर ख्00 रुपए तक की रेंज में बड़े ही आराम से बिक रहीं है।

टेसू भी नकली

टेसू के फूलों वाला प्राकृतिक समझा जाने वाला यह रंग और गुलाल भी बहुत ही खतरनाक है। टेसू के नाम पर तो उसमें कुछ भी नहीं है। जांच के बाद सामने आया कि इसमें केवल अरारोट, कॉपर सल्फेड और आर्टिफिशल सुगंध के सिवा और कुछ भी नहीं है। यानी टेसू के नाम पर तो इसमें कुछ भी नहीं निकला है। यह टेसू वाला रंग या गुलाल अगर ज्यादा देर तक चेहरे पर लगा रहे तो चेहरे पर लाल-लाल निशान और झाइयां तक पड़ जाती है। बाजार में इसकी जरा सी डिबियां ख्भ् रुपए से क्00 रुपए तक है।

खुले गुलाल में केवल कांच

बाजार में थाली में सजे हुए रंग-बिरंगे और चमकीले खुले हुए गुलाल तो और भी ज्यादा भयंकर हैं। इनमें चमक को बढ़ने के लिए कांच का बारीक पाउडर ही डाला जाता है। सस्ते-सस्ते के साथ इसकी चमक दमक को देखकर हालांकि हम इसे खरीदना बेहद पसंद करते है, मगर इसमें मिले कांच के पाउडर और मिट्टी से स्किन एलर्जी की शिकायत हो जाती है।

कैसे करें गुलाल का टेस्ट

अगर गुलाल की मिलावट की टेस्टिंग करनी है तो पानी में डाले। सादे पानी में डालने पर अगर वह गुलाल एकदम से मिल जाता है। तो वह बिल्कुल ठीक है। और अगर गुलाल पानी में डालते ही एकदम से उपर उठकर आ जाए और थोड़ा बुलबुले उठे तो समझ जाए दाल में कुछ काला है।

सोच-समझकर खेलें होली

होली खेलने के बाद अक्सर त्वचा रोग के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। अक्सर हम सोचते है कि गुलाल से होली खेलने से हम सुरक्षित हैं। मगर आजकल तो गुलाल में भी रंगों कि मिलावट है।

-डॉ। अर्चना जैन, स्किन स्पेशलिस्ट

रंगों और केमिकल के प्रयोग से सिर दर्द, उल्टी, सांस की बीमारी हो जाती है। इसके अलावा त्वचा संबंधित बीमारियां भी हो जाती हैं। इसलिए होली संभलकर खेलनी चाहिए।

-डॉ। रजनीश भारद्वाज, होम्योपैथिक

जांच में पता लगा कि ब्रांडेड गुलाल भी सेफ नहीं हैं। सभी में मिलावट पाई गई। इससे ज्यादा चंदन और टेसू मिलावटी हैं।

-दीपक शर्मा, प्रगति विज्ञान क्लब

क्या है असली गुलाल

वास्तव में तो विभिन्न रंगों के फूल-पत्तियों को सुखाकर बनाया गया पाउडर वास्तव में असली गुलाल होता है। यह प्राकृतिक चीजों से बना होता है, इसलिए इसे त्वचा के लिए सेफ माना जाता है, जो आजकल मिलना बहुत ही मुश्किल है।