-केसोपुर गांव के पास यूकेलिप्टस के बाग में आराम फरमा रहे दोनों हाथी

- पहले करेंगे खदेड़ने का प्रयास, शहर के ज्यादा करीब आए तो किया जाएगा ट्रैंकुलाइज

बरेली : नेपाल से आए दोनों हाथी शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर आराम फरमा रहे हैं। इसकी जानकारी जब से शहरवासियों को लगी है, उनकी नींद उड़ गई हैं। वहीं पिछले कई दिनों से दोनों हाथी शाही थाना क्षेत्र के परचई, खानपुर, नरखेड़ा गौटिया, दिनरा मिर्जापुर आदि स्थानों पर उत्पात मचा रहे थे। अब यह दोनों हाथी बहगुल नदी पार कर फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र के शंखा नदी किनारे स्थित जंगल में पहुंच गए हैं। शहर में हाथियों की दस्तक की सूचना पर वन विभाग के अफसरों के हाथ-पांव फूल गए। विशेषज्ञों से मंथन के बाद अब हाथियों को ट्रैंकुलाइज करने की योजना बनाई गई है।

रखी जा रही नजर

शहर की ओर हाथियों का रुख होने के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है। पीएसी को हाथियों की निगरानी में लगा दिया गया है। हाथियों के शहर में पहुंचने की भनक लगते ही खासी भीड़ भी मौके पर मौजूद रही। विभाग के आदेश पर पीएसी ने भीड़ को खदेड़ दिया।

ट्रैंकुलाइज करना जरूरी

फतेहगंज पश्चिमी से शहर की दूरी महज दस किलोमीटर बची है। जब हाथी शेरगढ़ से मीरगंज की दूरी जो कि करीब बीस किलोमीटर है। हाथियों ने यह दूरी रात में ही तय कर ली थी। अगर हाथियों ने शहर में प्रवेश कर लिया तो हादसा होने की संभावना है।

1.5 घंटे में दूरी तय करना चैलेंज

विभागीय अफसरों की मानें तो हाथियों को डेढ़ घंटे तक ही बेहोश करने की नियम है। यहां से महोफ रेंज की दूरी करीब 70 किलोमीटर है। ऐसे में हाथियों ट्रैंकुलाइज कर डेढ़ घंटे में रेंज की दूरी तय करना विभाग के लिए किसी चैलेंज से कम नहीं है।

एक्सपर्ट से की बात

कर्नाटक और असम से बुलाए गए एक्सपर्ट हाथियों को ट्रैंकुलाइज करेंगे। ट्यूजडे शाम करीब पांच बजे हाथियों को ट्रैंकुलाइज किया जाएगा। पहले हाथियों को खदेड़ने का प्रयास किया जाएगा, अगर हाथी शहर की जद से दूर हो जाते हैं तो फिर ट्रैंकुलाइज करने की बजाए हांका लगाकर उन्हें भगाया जाएगा।

वर्जन ::

हाथी शहर के काफी करीब पहुंच चुके हैं। इसलिए ट्रैंकुलाइज करना ही अंतिम विकल्प है। डेढ़ घंटे में प्रक्रिया को अंजाम देकर रेंज में दाखिल किया जाएगा।

भरत लाल, डीएफओ।