-पांच करोड़ रुपए डेली का टर्नओवर है पान-मसाले का

-फ्री में देते हैं अलग से तंबाकू, नहीं है कोई रोकटोक

ALLAHABAD: गवर्नमेंट ने भले ही गुटखे पर बैन लगा दिया हो लेकिन पान-मसाले के साथ फ्री में मिलने वाले तंबाकू की पुडि़या ने इसके कारोबार को न केवल जिंदा रखा है बल्कि यह तेजी से बढ़ भी रहा है। शहर में पान मसाला का कारोबार करोड़ों का है। डेली ही लाखों का टर्नओवर है। हर गली और मोहल्ले में कोई दूसरी चीजें मिलें न मिलें लेकिन पान मसाला जरूर मिल जाएगा। यही वजह है कि यूथ मे ओरल कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं।

हर मोहल्ला और गली-गली

इलाहाबाद में पुराने मोहल्ले की बात छोडि़ए पॉश एरियाज में भी पान मसाला और तंबाकू आसानी से अवेलेबल है। पान और गुटखा की दुकान के अलावा जनरल स्टोर पर भी आसानी से ये मिल जाता है। यहां ब्रिकी इतनी ज्यादा है कि इसकी डिमांड हमेशा रहती है। मुट्ठीगंज के एक व्यापारी ने बताया कि आजकल तीन तरह के पान मसाले की डिमांड ज्यादा है। एक तीन रुपए में मिलता है और बाकी दो कंपनियां पांच रुपए में दो-दो बेचती हैं। इस तरह ये तीन पान मसाला के साथ मिलने वाले फ्री में तंबाकू की सेलिंग काफी अधिक है।

तीन ब्रांड की जबरदस्त डिमांड

कोतवाली एरिया में स्थित कैलाश की शॉप में डेली ही तीन रुपए में बिकने वाली पान मसाला का 7 पैकेट, पांच रुपए में डबल पीस बिकने वाले खास पान मसाला का ख्0 पैकेट और तीसरा सबसे पुराना ब्रांड का तीन पैकेट डेली बिक जाता है। एक पैकेट में म्0-म्भ् पीस पान मसाला होता है। यानी एक दुकान पर करीब डेली का करीब पांच हजार रुपए का टर्नओवर है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में पान मसाला की डिमांड कितनी ज्यादा है। अगर हम एक हजार दुकान मान लें तो डेली का टर्नओवर करीब पांच करोड़ रुपए हो जाता है।

सिगरेट की अपेक्षा पान-मसाला

कमला नेहरू हॉस्पिटल के डॉ। बी पॉल की मानें तो हर साल कैंसर के दस हजार नए मरीज नए आते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इनमें करीब ब्0 प्रतिशत मामले माउथ और गले से जुड़े होते हैं, जिसका कारण तंबाकू का सेवन होता है। यानी हर साल यहां पर ब् हजार लोग तंबाकू खाने से मौत के करीब पहुंच जाते हैं। डॉक्टर की मानें तो मेट्रो सिटीज जैसे मुम्बई और दिल्ली में सिगरेट पीने से कैंसर की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है। लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार में यह स्थिति थोड़ी उल्टी है। यहां पर सिगरेट की अपेक्षा पान-मसाला मुंह में भरकर चबाने वाले यूथ माउथ कैंसर के ज्यादा शिकार हो रहे हैं।

फैक्ट फाइल

-इलाहाबाद में हर साल कैंसर के नए मरीज -क्0,000

-गुटका और तंबाकू के सेवर से माउथ कैंसर के मरीज-ब्000

-शहर में पान-मसाले का लगभग डेली का टर्न ओवर-भ् करोड़ रुपए

-इलाहाबाद में पान मसाला की एक दुकान पर खपत-भ्000 रुपए

-पान मसाला खाने वालों का एक पैकेट पर खर्च-तीन रुपए

-एक व्यक्ति डेली खा जाता है पान मसाला-ख्0-ख्भ् पैकेट

नो तंबाकू। हर साल हम लोगों को अवेयर कर रहे हैं। लेकिन उसके बाद भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हर साल तंबाकू से होने वाले कैंसर के करीब ब् हजार नए मरीज आ रहे हैं।

डॉ। बी पॉल

कैंसर स्पेशलिस्ट

कमला नेहरू हॉस्पिटल

पान-मसाला की डिमांड बहुत ज्यादा है। डेली ही फ्0 पैकेट पान मसाला की खपत है। पान मसाला खरीदने वालों में ज्यादातर ख्0 से फ्0 साल उम्र के युवा हैं।

कैलाश

बिजनेसमैन