इलाहाबाद संग्रहालय ने लास्ट इयर उन प्लेयर्स की एग्जीबिशन लगाने का फैसला लिया था जिन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर जिले का नाम रौशन किया हो। इस कड़ी में जुड़ा सबसे पहला नाम आशीष चौरसिया और उनके गुरु डीके राठौर का जुड़ा था। आशीष को अर्जुन और राठौर को द्रोणाचार्य अॅवार्ड मिलने के बाद अॅवार्ड विनिंग परफॉरमेंस के दौरान इस्तेमाल हुए कपड़े, जूते, मेडल आदि की प्रदर्शनी लगाई गई थी। इसके बाद नंबर आया ओलंपिक में बैडमिंटन खेल चुके रेलवे इम्प्लाई अभिन्न श्याम का। इसमें जुड़ा नया नाम दानिश का है जिन्होंने अजलान शाह हॉकी टूर्नामेंट में भारतीय टीम की कप्तानी की थी। वेडनसडे को इस एग्जीबीशन की ओपनिंग खुद दानिश ने दीप प्रज्जवलित करके की। इस मौके पर उनके साथ इलाहाबाद संग्रहालय के डायरेक्टर राजेश पुरोहित व तमाम अन्य लोग मौजूद रहे.
क्या मिलेगा देखने को
म्युजियम के डायरेक्टर राजेश पुरोहित ने बताया कि संग्रहालय में दानिश के कॉमनवेल्थ गेम के दौरान पहने गए स्पोट्र्स ड्रेस, शूज, शाक्स, अभी तक जीते गए कई सिल्वर और ब्राउंज मेडल सहित उनके सार्टिफिकेट्स रखे गए हैं। मकसद है कि लोग इसे देखें और इससे जुडऩे के साथ ही सिटी, प्रदेश के साथ ही देश का नाम रौशन करने के लिए प्रेरित हों। इसके अलावा प्रदर्शनी देखने आने वालों को दानिश से जुड़ी प्रत्येक जानकारी इस दौरान उपलब्ध कराई जाएगी.
कम मिलता है घर आने का मौका
इस दौरान दानिश ने मैदान से जुड़े अपने तमाम एक्सपीरिएंसेज शेयर किए। उन्होंने बताया कि घर आने का मौका अब कम ही मिल पाता है लेकिन जब भी मिलता है यहां आता जरूर हंू। उन्होंने सिक्रेट शेयर करते हुए कहा कि हाकी स्टिक के बिना मैं एक दिन भी नहीं रह सकता। यही कारण है कि इलाहाबाद में होने पर अपने हाकी मैदान पर जरूर जाता हूं। मैदान पर ट्रेनिंग लेने वाले सभी छोटे-बड़े प्लेयर से मिलता हूं। उन्होंने मैदान पर रहने के दौरान अपनाए जाने वाले टिप्स के बारे में बताता हूं साथ ही यह भी कि कब और कहां स्टिक को आगे बढ़ाना है। इसका मकसद सिर्फ इतना है कि यहां प्रैक्टिस करने वाला हर बच्चा इस खेल में आगे बढ़े। बड़े मैच खेलने के लिए मैदान पर उतरे तो उसके मन में कोई झिझक न रहे। उसे किसी परेशानी का सामना न करना पड़े.
अभिन्न श्याम, आशीष के बाद दानिश
इलाहाबाद संग्रहालय ने लास्ट इयर उन प्लेयर्स की एग्जीबिशन लगाने का फैसला लिया था जिन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर जिले का नाम रौशन किया हो। इस कड़ी में जुड़ा सबसे पहला नाम आशीष चौरसिया और उनके गुरु डीके राठौर का जुड़ा था। आशीष को अर्जुन और राठौर को द्रोणाचार्य अॅवार्ड मिलने के बाद अॅवार्ड विनिंग परफॉरमेंस के दौरान इस्तेमाल हुए कपड़े, जूते, मेडल आदि की प्रदर्शनी लगाई गई थी। इसके बाद नंबर आया ओलंपिक में बैडमिंटन खेल चुके रेलवे इम्प्लाई अभिन्न श्याम का। इसमें जुड़ा नया नाम दानिश का है जिन्होंने अजलान शाह हॉकी टूर्नामेंट में भारतीय टीम की कप्तानी की थी। वेडनसडे को इस एग्जीबीशन की ओपनिंग खुद दानिश ने दीप प्रज्जवलित करके की। इस मौके पर उनके साथ इलाहाबाद संग्रहालय के डायरेक्टर राजेश पुरोहित व तमाम अन्य लोग मौजूद रहे.
क्या मिलेगा देखने को
म्युजियम के डायरेक्टर राजेश पुरोहित ने बताया कि संग्रहालय में दानिश के कॉमनवेल्थ गेम के दौरान पहने गए स्पोट्र्स ड्रेस, शूज, शाक्स, अभी तक जीते गए कई सिल्वर और ब्राउंज मेडल सहित उनके सार्टिफिकेट्स रखे गए हैं। मकसद है कि लोग इसे देखें और इससे जुडऩे के साथ ही सिटी, प्रदेश के साथ ही देश का नाम रौशन करने के लिए प्रेरित हों। इसके अलावा प्रदर्शनी देखने आने वालों को दानिश से जुड़ी प्रत्येक जानकारी इस दौरान उपलब्ध कराई जाएगी.
कम मिलता है घर आने का मौका
इस दौरान दानिश ने मैदान से जुड़े अपने तमाम एक्सपीरिएंसेज शेयर किए। उन्होंने बताया कि घर आने का मौका अब कम ही मिल पाता है लेकिन जब भी मिलता है यहां आता जरूर हंू। उन्होंने सिक्रेट शेयर करते हुए कहा कि हाकी स्टिक के बिना मैं एक दिन भी नहीं रह सकता। यही कारण है कि इलाहाबाद में होने पर अपने हाकी मैदान पर जरूर जाता हूं। मैदान पर ट्रेनिंग लेने वाले सभी छोटे-बड़े प्लेयर से मिलता हूं। उन्होंने मैदान पर रहने के दौरान अपनाए जाने वाले टिप्स के बारे में बताता हूं साथ ही यह भी कि कब और कहां स्टिक को आगे बढ़ाना है। इसका मकसद सिर्फ इतना है कि यहां प्रैक्टिस करने वाला हर बच्चा इस खेल में आगे बढ़े। बड़े मैच खेलने के लिए मैदान पर उतरे तो उसके मन में कोई झिझक न रहे। उसे किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
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