- जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में 15 दिन में 70 बच्चे डायरिया से पीडि़त हो चुके भर्ती

- मौसम में हुआ बदलाव बन रहा कारण, बच्चे हो रहे शिकार

बरेली : गर्मी का मौसम आते ही संक्रामक बीमारियों की चपेट में लोग आने लगे हैं. इसमें डायरिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. पिछले 15 दिनों में ही डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड में डायरिया से पीडि़त करीब 70 मरीज एडमिट हो चुके हैं. सैटरडे को भी बच्चा वार्ड में डायरिया से पीडि़त 17 बच्चे एडमिट थे. डाक्टरों की मानें तो बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण बच्चे डायरिया की चपेट में जल्दी आते हैं. गंदा पानी पीने और कंडेमिनेटेड फूड का सेवन करने से डायरिया होने की सबसे अधिक आशंका रहती है. बच्चे बाहरी चीजों का सेवन भी कर लेते हैं जो कि उनके लिए घातक साबित हो सकता है.

दूषित खानपान बड़ी वजह

डॉक्टर्स के अनुसार डायरिया का मुख्य कारण दूषित खाना और पानी है. बाजार में बिकने वाले कटे हुए फल व अन्य चीजें खाने से डायरिया होने की ज्यादा संभावना रहती है. इसके अलावा वासी खाना खाने से भी डायरिया के चांस रहते हैं. कम गहराई के हैंडपम्प का पानी पीने से भी डायरिया हो सकता है क्योंकि यह पानी पूरी तरह शुरू नहीं होता है.

डायरिया से बचाव :

1. साफ पानी ही पीएं, अगर पानी को उबालकर पीएं तो यह और भी बेहतर होगा.

2. ताजा पका खाना ही खाएं. बाहरी खाने से परहेज करें.

3. ज्यादा ऑयली खाना खाने से बचे

4. शरीर में पानी की कमी न होने दें, आधे घंटे के अंतर पर पानी पीते रहें.

5-बच्चों की दूध की बोतल दिन में 3-4 बार गर्म पानी से साफ करें.

4-कुछ भी खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह धोएं.

वर्जन :::

बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण रोटावायरस बच्चों को डायरिया से पीडि़त कर देता है. अस्पताल में बच्चों में की संख्या में करीब 20 दिनों से लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. स्टाफ को हिदायत दी गई है कि बच्चों के पेरेंट्स को डायरिया से बचने के तरीकों भी समझाएं. हालांकि विभाग के पास डायरिया से निपटने के लिए बहुतायत मात्रा में दवाईयां मौजूद हैं.

डॉ. सीएमएस गुप्ता, एडीएसआईसी.

पीडि़त बच्चों के पेरेंट्स की बात :

1. बच्चा बाहर का दूध पीता है. तीन दिन पहले रात में दूध पिलाया तो उल्टी दस्त शुरू हो गए. हालत बिगड़ने पर यहां भर्ती कराया तो पता चला बच्चे को डायरिया है.

सोनी सिंह.

2. चार दिन पहले बच्चे को चावल गर्म करके दिए थे, चावल खाने के बाद बच्चा दोपहर में सोया और शाम के करीब उल्टी दस्त आने लगे.

तौसीफ.