- प्रॉपर इलाज न मिलने से ट्रॉमा में दो मरीजों की मौत

- कानपुर प्रकरण को लेकर KGMU में हड़ताल जारी, खाली हुआ ट्रॉमा

- जल्द न्याय न मिला तो पूरे प्रदेश में इलाज बंद करने की है तैयारी

- CM से मिलने गए कानपुर व लखनऊ के डॉक्टर्स का दल, नहीं मिला solution

LUCKNOW: कानपुर के हैलट हॉस्पिटल में घटी घटना को लेकर शासन की सुस्ती मरीजों पर भारी पड़ने लगी है। डॉक्टर्स फैटरनिटी में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। केजीएमयू में डॉक्टर्स ने की ओपीडी मंगलवार को भी नहीं लगी। साथ ही, ट्रॉमा सेंटर से भी मरीजों को बेउम्मीद होकर लौटना पड़ रहा है। इसी क्रम में रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के साथ केजीएमयू के टीचर्स, मेडिकोज, पीएमएस के डॉक्टर्स और आईएमए व नर्सिग होम्स एसोसिएशन ने कदमताल करते हुए केजीएमयू से विधानसभा तक मार्च निकाला। इस दौरान कानपुर और लखनऊ के डॉक्टर्स एसोसिएशन के सदस्य सीएम से मिलने भी गए। मगर कोई सॉल्यूशन नहीं मिला।

हमारा क्या कसूर?

दोपहर के दो बज रहे थे। केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर के सामने अचानक एक स्ट्रेचर पर अपनी वाइफ की डेड बॉडी लेकर सीतापुर के स्वदेश कुमार बाहर निकले। उन्होंने रोते हुए कहा, 'झगड़ा विधायक और डॉक्टरों का हुआ है। मेरी वाइफ का क्या कुसूर था?' उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स ने उनकी वाइफ का ऑपरेशन किया था। दो दिन पहले तक सब ठीक था। अचानक इलाज बंद हो गया। कोई डॉक्टर नहीं मिला। किसी ने अपनी जिम्मेदारी नहीं समझी। आखिरकार, रेखा की मौत हो गई। अभी मेरी छोटी बेटी है उसको कौन पालेगा? कुछ देर तक माहौल में सन्नाटा छा गया। वहीं, कुंडा की रहने वाली रईसाबानो की भी इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर इलाज के नाम पर खानापूर्ति कर रहे थे।

Trauma दिखा खाली

नॉर्मली ट्रॉमा सेंटर में बेड खाली नहीं मिलते। मगर अब यहां भी बेड खाली मिले। सर्जिकल वार्ड और मेडिसिन में स्ट्रेचर पर इलाज होता था लेकिन मंगलवार को सर्जिकल में 5 और क्रिटिकल केयर यूनिट में 9 मरीज थे, जबकि क्रिटिकल केयर यूनिट में आसानी से कभी भी वेंटिलेटर मरीजों को नहीं मिल पाता था। ऐसे में आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि कितने मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।

गांधी वार्ड में हो रहा इलाज

कुछ मरीज भले ही आरोप लगा रहे हों कि डॉक्टर्स ने इलाज बंद कर दिया है। लेकिन, आई नेक्स्ट टीम मंगलवार को जब गांधी वार्ड पहुंची तो डॉक्टर इलाज करते मिले। डॉक्टर्स ने बताया कि जो मरीज गम्भीर हैं, उन्हें भर्ती किया जा रहा है। जो पहले से भर्ती हैं, उनका इलाज किया जा रहा है। उनके मुताबिक, कम गम्भीर मरीजों को ट्रॉमा से लौटाया जा रहा है। जो डिस्चार्ज मांग रहे हैं उन्हें रिलीव किया जा रहा है।

PGI ने की निन्दा

इसी बीच संजय गांधी पीजीआई के फैकल्टी फोरम ने बैठक कर कानपुर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना की निंदा की है। फोरम के अध्यक्ष डॉ। राजन सक्सेना ने कहा कि विधायक इरफान सोलंकी के गुंडाराज और राज्य सरकार की ओर से पुलिस द्वारा बर्बर बल प्रयोग काफी शर्मनाक है। फैकल्टी फोरम ने गवर्नर से इस मामले में पीडि़तों को न्याय दिलाने और दोषियों को दंडित करने की मांग की।

PMS भी सपोर्ट में

यूपी के सरकारी डॉक्टर्स भी जीएसवीएम कॉलेज के डॉक्टर्स के सपोर्ट में आ गए हैं। पीएमएस एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। अशोक यादव ने बताया कि डॉक्टर्स के साथ अन्याय हुआ है। पुलिस को दोनों पक्षों की तरफ से एफआईआर लिखनी चाहिए थी। मगर पुलिस ने 24 डॉक्टर्स को जेल में डाल दिया और डॉक्टर्स की तरफ से एफआईआर भी दर्ज नहीं की। उन्होंने कहा कि उचित कार्रवाई न होने पर पीएमएस एसोसिएशन पूरी यूपी में गुरुवार से दो घंटे का कार्य बहिष्कार करेगा। सेक्रेटरी डॉ। सचिन वैश्य ने कहा कि अगर फिर भी न्याय न मिला तो मंडे से पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कार्य बहिष्कार किया जाएगा। सिर्फ इमरजेंसी चलेगी।

पिटे तो पहुंचे ट्रॉमा

ट्रॉमा सेंटर की इमरजेंसी में दोपहर बाद अचानक हड़कम्प मच गया। अचानक नारेबाजी करते हुए दर्जनभर से ज्यादा मरीज आ गए। इससे पसरा हुआ सन्नाटा टूट गया। दरअसल, भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इसमें अभिजात मिश्र, आशुतोष राय, सकत सिंह, सोनू, विक्रम, भावना सिंह, रूपाली, उत्कर्ष, दीपक और रोहित सहित अन्य घायल हो गए थे। इन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

बांधेंगे क ाली पट्टी

आईएमए के सेक्रेटरी डॉ। विजय कुमार ने कहा कि पूरा मामला दुर्भाग्यपूर्ण है। आईएमए के डॉक्टर्स इसके विरोध में हैं। आईएमए के डॉक्टर्स काली पट्टी पहनकर इलाज करेंगे। एक-दो दिन में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई न हुई तो आईएमए के डॉक्टर्स मरीजों का इलाज बंद कर देंगे।

Black dot

फेसबुक पर ब्लैक डॉट मुहिम शुरु हो गई है। डॉक्टर्स के साथ ही अन्य लोगों ने भी अपनी प्रोफाइल पर ब्लैक डॉट लगाकर कानपुर घटना का विरोध दर्ज करा रहे हैं। इससे पहले दिल्ली में हुए निर्भया कांड में भी लोगों ने ऐसे ही ब्लैक डॉट की मुहिम शुरू की थी।

ये हैं मांगे

क्। निर्दोष छात्रों को जल्द से जल्द बिना शर्त छोड़ा जाए।

ख्। एमएलए इरफान सोलंकी और उसके ख्00 गुंडों का राजनीतिक कॅरियर समाप्त कर जेल में डाला जाए।

फ्। एसएसपी कानपुर यशस्वी यादव का निलम्बन और जेल।

ब्। एक आर्डिनेन्स पास किया जाए कि जिसमें कोई व्यक्ति कार्यरत डॉक्टर्स से दु‌र्व्यवहार करता है तो उसे गैर जमानती वारन्ट पर फ् साल की कैद दी जाए।

भ्। अगर इसमें कोई भी मांग नहीं मानी जाती है तो सारे मेडिकल छात्र, प्रोफेसर, स्टाफ एवं अन्य सम्बंधित लोग पूरे परिवार के साथ आगामी लोक सभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।