- पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन ने जारी किए निर्देश, भड़के कर्मचारी

- संघर्ष समिति ने की घोषणा- आम उपभोक्ताओं के भी कनेक्शन नहीं काटेंगे

LUCKNOWनिजीकरण के विरोध में एक तरफ जहां सरकारी बकाएदारों के कनेक्शन काटे गए, वहीं दूसरी तरफ अब इन कनेक्शनों को दोबारा जोड़ने का दवाब डाला जा रहा है। इसी कड़ी में दारुलसफा का कनेक्शन जोड़ दिया गया है। यह दवाब पॉवर कॉरपोरेशन प्रबंधन की ओर से डाला जा रहा है। यह कहना है संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का। पदाधिकारियों ने घोषणा की है कि अब आम उपभोक्ताओं के भी बिजली कनेक्शन नहीं काटे जाएंगे।

मिलीभगत का आरोप

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र ने रविवार को ऐलान किया है कि निजीकरण के विरोध में आम जनता का सहयोग लेकर आंदोलन तेज किया जाएगा। संघर्ष समिति ने पॉवर कारपोरेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंधन पर निजी घरानों से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा है कि निजीकरण की प्रक्रिया को अंजाम देने हेतु बड़ी संख्या में सलाहकारों को शक्ति भवन में तैनात कर दिया गया है, जिनके तार ऐसे निजी घरानों से जुड़े हुए हैं जिन्हे फ्रेंचाइजी देने का निर्णय पहले से ही तय है।

दबाव डालने की निंदा

समिति के पदाधिकारियों शैलेन्द्र दुबे, राजीव सिंह, गिरीश पांडे, राजेन्द्र घिल्डियाल आदि ने दारुलसफा के काटे गए बिजली कनेक्शन को पावर कारपोरेशन के चेयरमैन द्वारा बेजा दबाव डाल कर जुड़वाए जाने की निंदा की है।

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उपभोक्ता भी उतरे सड़कों पर

उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की ओर से बीपीएल विद्युत उपभोक्ताओं की एक पंचायत हंसखेड़ा, पारा में आयोजित की गई। जिसमें सभी विद्युत उपभोक्ताओं ने एक सुर में सरकार के निजीकरण के फैसले का विरोध किया। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि निजीकरण का फैसले से उद्योगपतियों को लाभ पहुंचेगा। इस निर्णय का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।