दो एग्जाम टीचिंग के
28 जुलाई को दो एग्जाम तो टीचिंग के ही हैं। एक सीटीईटी का और दूसरा टीजीटी / पीजीटी का। टीजीटी / पीजीटी की वेकेंसी वैसे भी लंबे समय के बाद आई है। वह भी लगभग 2 हजार। कैंडिडेट्स को उम्मीद थी कि अगर वह दोनों एग्जाम का फॉर्म भरेंगे तो उनके सामने सेलेक्शन के चांस बढ़ जाएंगे। किसी एक में उनका सेलेक्शन हो जाएगा और उनका टीचर बनने का रास्ता क्लियर हो जाएगा। लेकिन अब कैंडिडेट्स को इसमें से कोई एक ही ऑप्शन चुनना होगा।

पहले भी होती रही है लापरवाही
ऐसा पहली बार नहीं है जब कैंडिडेट्स को यह प्रॉब्लम फेस करनी पड़ रही है। इसी 19 मई को भी कैंडिडेट्स ने ऐसी ही प्रॉब्लम फेस की थी। 19 मई को एलआईसी का एएओ (असिस्टेंट एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स), एसएससी ग्रेजुएट लेवल और पोस्टल असिस्टेंट का एग्जाम हुआ था। बहुत से कैंडिडेट्स ऐसे थे जिन्होंने तीनों के लिए फॉर्म भरा था लेकिन सेम डेट होने की वजह से सिर्फ एक ही पेपर दे पाए थे। 19 मई जैसा नजारा ही अब 28 जुलाई को देखने को मिल सकता है अगर उस दिन के एग्जाम्स में से किन्हीं दो की डेट्स को चेंज नहीं किया गया।

चेंज होनी चाहिए डेट
एग्जाम की प्रिपरेशन्स में लगे कैंडिडेट्स का कहना है कि एग्जाम कंडक्ट कराने वाली ऑर्गेनाइजेशन्स को आपस में डिसाइड करके डेट्स में चेंजेज करने चाहिए। उनका कहना है कि यह मामला कैंडिडेट्स के फ्यूचर का है। सिर्फ सिटी में ही इन एग्जाम्स के लिए हजारों कैंडिडेट्स प्रिपरेशन कर रहे हैं। जबकि देश भर में इससे लाखों कैंडिडेट्स एफेक्टेड होंगे।

तीनों ही एग्जाम के लिए प्रिपरेशन की। डेट्स चेंज हुई तो ठीक नहीं तो प्रॉब्लम हो जाएगी। दो एग्जाम्स की डेट्स तो चेंज होना मस्ट है।
अखिलेश

टीजीटी और सीटीईटी के लिए प्रिपरेशन कर रही हूं। टीचिंग के दो एग्जाम एक डेट पर रखना गलत है। इनमें से एक की डेट चेंज होने चाहिए अदरवाइज हजारों कैंडिडेट्स सफर करेंगे।
प्रियंका

इस तरह से एक डेट पर तीन एग्जाम्स पड़ना शो करता है कि गवर्नमेंट के डिफरेंट डिपार्टमेंट्स में कोऑर्डिनेशन नहीं है। या फिर उनको कैंडिडेट्स के फ्यूचर से मतलब नहीं।
अजय

मेरी तो समझ में नहीं आ रहा कि कौन सा एग्जाम ड्रॉप करूं। कैंडिडेट्स के फ्यूचर को ध्यान में रखते हुए डेट्स में चेंजेज होने चाहिए.
सुनील

 

report by : shailesh.arora@inext.co.in