प्रधानमंत्री ने कानून व्यवस्था को तकनीक से जोड़कर सरल बनाने पर दिया जोर

इलाहाबाद हाईकोर्ट के 150वीं वर्षगांठ के समापन पर आयोजित हुआ कार्यक्रम

जुटे थे पीएम, सीएम, सीजेआई समेत यूपी के राज्यपाल और कई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस

<प्रधानमंत्री ने कानून व्यवस्था को तकनीक से जोड़कर सरल बनाने पर दिया जोर

इलाहाबाद हाईकोर्ट के क्भ्0वीं वर्षगांठ के समापन पर आयोजित हुआ कार्यक्रम

जुटे थे पीएम, सीएम, सीजेआई समेत यूपी के राज्यपाल और कई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: कानून व्यवस्था का बोझ कम करने और उसे तकनीक के जरिए सरल बनाने की मुहिम का गवाह इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर बना। रविवार को हाईकोर्ट की क्भ्0वीं वर्षगांठ के समापन समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यायपालिका की समस्याओं और चुनौतियों पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि नई तकनीक को अपनाकर कानून व्यवस्था को सरल व सुदृढ़ बनाया जा सकता है। जेल से कैदियों को सुनवाई के लिए कोर्ट लाने में पैसा और समय की बर्बादी होती है। अगर तकनीक के जरिए कोर्ट और जेल को जोड़ दिया जाए तो इस समस्या से निजात मिल जाएगी। कार्यक्रम में पीएम सहित यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, सीजेआई जेएस खेहर, राज्यपाल राम नाईक समेत कई जजेस ने शिरकत की।

वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो सुनवाई

पीएम मोदी ने यूपी की नई सरकार से जेल और कोर्ट के बीच की दूरी खत्म करने के लिए कदम उठाने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगीजी इस ओर जरूर ध्यान देंगे। मुकदमों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए हो तो समय और संसाधन दोनों की बचत होगी। उन्होंने कहा कि जेल से कैदी को कोर्ट तक लाना कितना मुश्किल होता है और क्या-क्या होता है, यह सबको पता है। अपने क्8 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने कानून का बोझ कम करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि केंद्र में सरकार बनने के बाद अब तक क्ख्00 पुराने कानूनों को खत्म किया है। उनकी सरकार रोज कोई न कोई पुराना कानून खत्म कर रही है, ताकि कोर्ट पर बोझ कम हो।

न्याय का तीर्थ क्षेत्र है इलाहाबाद

इसके पहले प्रधानमंत्री ने इलाहाबाद को न्याय का तीर्थ क्षेत्र बताया। उन्होंने कहा कहा कि बदलते युग में तकनीक का अहम रोल है। इसका अधिक से अधिक इस्तेमाल करने से चीजें सरल होती हैं। आज वकील को किसी मुकदमे का रेफरेंस देखने के लिए मोटी किताब नहीं पलटनी पड़ती। गुगल के माध्यम से सभी महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाती है। उन्होंने कहा कि कानून सभी के लिए बराबर हो। देश की आजादी में वकीलों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जब आजादी का आंदोलन चल रहा था तो वकील आजादी के दीवानों की सुरक्षा कवच की तरह काम करते थे।

यहां से लेकर जाएं संकल्प

उन्होंने कहा कि वे चीफ जस्टिस खेहर की पीड़ा को समझ सकता हैं। उनके दिल की बात बड़े मन से सुनी है। उनके संकल्प को पूरा करने में पूरा सहयोग रहेगा। जब वर्ष ख्0ख्ख् में देश आजादी की 7भ्वीं वर्षगांठ मनाएगा, तब हम सवा करोड़ देशवासी एक कदम आगे बढ़ जाएं तो इच्छित परिणाम लाने में सफल होंगे। हमें उस संकल्प को सिद्ध करने के लिए पूरी ताकत झोंक देनी होगी। हम न्यू इंडिया का सपना पूरा करने का प्रयास करें। इस दौरान पीएम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की क्00वीं वर्षगांठ में पूर्व राष्ट्रपति डॉ। सर्वपल्ली राधाकृष्णन के भाषण के मार्मिक भाषण को याद किया। उन्होंने कहा था 'कि कानून एक ऐसी चीज है जो लगातार बदलती है, लेकिन यह लोगों के स्वभाव, मूल्यों के अनुकूल होना चाहिए। आधुनिक मूल्यों की चुनौतियों का भी ध्यान रखना चाहिए। कानून का मकसद अमीरों का नहीं, सभी लोगों का कल्याण होना चाहिए'। अपने भाषण में उन्होंने महात्मा गांधी की कही बातों का भी जिक्र किया।

छुट्टियों में हो सुनवाई

इसके पहले सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने प्रधानमंत्री मोदी से दिल की बात कही। उन्होंने अदालतों पर बढ़ते मुकदमों के बोझ पर चिंता जताते हुए कहा कि वह जजों को छुट्टियों में काम करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। अगर प्रत्येक जज वेकेशन के पांच दिनों में रोजाना बीस से पच्चीस छोटे मामलों को निपटाए तो इस समस्या का हल निकल सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी जजों ने ऐसा करके एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां से सुप्रीम कोर्ट को पांच चीफ जस्टिस और बीस जस्टिस मिले हैं। कानून व्यवस्था में तकनीक के उपयोग पर जस्टिस खेहर ने विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि न्यायिक व्यवस्था को पेपरलेस बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इससे वकील और जजेस को न्यायिक कार्यो में आसानी होगी। जनता भी लाभांवित होगी। छुट्टियों में ट्रिपल तलाक, आसाम का सिटीजन इश्यू समेत अन्य मामलों पर सुनवाई होनी है।

गंभीर मामलों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार से मिले 9क्भ् करोड़ में से ब्88 करोड़ से गंभीर मामलों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लंबित मामलों की संख्या को देखते हुए कोर्ट की संख्या बढ़ाए जाने का प्रस्ताव भी दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि कानून से बढ़कर कोई भी राजा नहीं है। यह जानकर हर्ष हुआ कि लंबित मामलों के निस्तारण के लिए न्यायपालिका पहल कर रही है। न्याय प्रदान करना उच्चतम धर्म है। कार्यपालिका और न्याय पालिका की शक्तियों को पृथक होना चाहिए। जब-जब लोकतंत्र पर संकट आया है, हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। मेरे लिए गौरव की बात है कि वर्षगांठ के समापन समारोह का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला है।

मील का पत्थर हैं एचसी के फैसले

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के गौरवशाली इतिहास की चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले मील का पत्थर साबित हुए हैं। उन्होंने वर्ष क्90क् में महिला सशक्तिकरण व सम्मान समेत श्रीराम जन्मभूमि विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि दस साल से अधिक पुराने मामलों के सहायता केंद्र खोले जाएंगे। गरीबों को प्री एडवाइस के लिए कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से प्री एडवोकेसी की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके लिए यूपी और बिहार में पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। राज्य सरकारें सीधे सब्सिडी देकर पचास हजार करोड़ रुपए बचा सकती हैं। राज्यों के मुख्यमंत्रियों से सरकारी मुकदमों को कम करने के लिए कहा गया है। साथ ही, जेल में कैदियों की संख्या कैसे कम की जाए, इस पर भी काम चल रहा है। न्याय पालिका की निष्पक्षता के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्घ है।

एयरपोर्ट पर पीएम का स्वागत

कार्यक्रम निर्धारित समय से आधे घंटे की देरी से शुरु हुआ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की क्भ्0वीं वर्षगांठ के समापन समारोह में पहुंचे मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत बमरौली एयरपोर्ट पर राज्यपाल रामनाईक व सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीबी भोसले ने सभी अतिथियों का स्वागत बुके देकर किया। इस दौरान स्मारिका का विमोचन अतिथियों की मौजूदगी में किया गया। अतिथियों को आयोजन समिति के अध्यक्ष जस्टिस तरुण अग्रवाल ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया। आरंभ दीप प्रज्जवलन व वंदे मातरम से हुआ। कार्यक्रम को पीएम, सीएम, सीजेआई, केंद्रीय कानून मंत्री के अलावा सुप्रीमकोर्ट के सीनियर जस्टिस दीपक मिश्रा ने भी संबोधित किया। अतिथियों में यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कानून मंत्री बृजेश पाठक, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी, जस्टिस वीके शुक्ला समेत पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी और यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह आदि उपस्थित रहे।