घोटालों की शिकायतों पर ऑडिट
स्टेट के दो कॉलेज के लिए नया साल काफी परेशानियों भरा होगा। स्पेशल ऑडिट के निर्देश किसी गंभीर मामले को लेकर दिए जाते हैं। सरकार से मिले पैसे में घोटाले के मामले में साक्ष्यों के साथ मिली शिकायत के बाद ही स्पेशल ऑडिट का फैसला लिया जाता है। शासन द्वारा एक साथ दो कॉलेज पर स्पेशल ऑडिट करने का फैसला एक बड़े घपले या घोटाले के संकेत दे रहा है।

तो खुल जाएगी पोल
ऑडिट स्टेट के ऑडिट डिपार्टमेंट के स्थानीय निधि लेखा सेल द्वारा किया जाएगा। जानकारों की माने तो जांच में सरकार द्वारा दी गई राशी किस मद में कैसे खर्च की गई है की गहन जांच होगी। अगर यह साफ नहीं होता है कि सरकारी पैसे को कैसे और कहां खर्च किया गया है, तो वित्तीय अनियमितताओंं को लेकर ऑडिट टीम आपत्ति लगाएगी, जिसके बाद कॉलेज उस पर सफाई देगा, इसके बावजूद अगर ऑडिट टीम सेटिस्फाई नहीं होती तो वित्तीय अनियमितता के गंभीर मामले में शासन कॉलेज को मिलने वाली सरकारी सुविधाएं बंद कर सकता है। इसके अलावा शासन अपने स्तर से कॉलेज के मैनेजमेंट को भंग कर जिला अधिकारी को प्रशासक नियुक्त कर सकता है।

इन मामलों में होगा स्पेशल ऑडिट
- एससी एसटी मद में पैसे का लेनदेन
- स्पोट्र्स कोटे में लिए गए पैसे का लेनदेन
- बिल्डिंग डेवलपमेंट के लिए गए पैसे का लेनदेन
- वेतन मद में लिए गए पैसे का लेनदेन
- स्टूडेंट वेलफेयर के पैसे का लेनदेन
- छात्र संघ के पैसे का लेनदेन
- फीस के खातों आदि में

अभी टीम गठित नहीं की है। जनवरी स्टार्ट में स्पेशल ऑडिट होने की संभावना है। ऑडिट के दौरान दोनों कॉलेज के अकाउंट्स और कॉलेज द्वारा की गई फंडिंग की गहन जांच होगी। ऑडिट में पाई गई कमियों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
- डा। मुकुल पंत, डायरेक्टर, हायर एजुकेशन

विभाग को अपने स्तर पर ऑडिट कराने करने का अधिकार है। कॉलेज अपने लेवल पर स्पेशल ऑडिट के लिए तैयार है।
- डा। देवेंद्र कुमार भसीन, प्रिंसिपल, डीएवी पीजी कॉलेज