सुप्रीम कोर्ट ने ही की थी नियुक्ति

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा तय समय सीमा में लोकायुक्त की नियुक्त न करने पर नाराजगी दिखाते हुए इस पद के लिए स्वयं ही जस्टिस वीरेन्द्र सिंह का नाम तय किया था। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही इस नियुक्ति पर रोक लगा दी।

रूकी शपथग्रहण की तैयारियां

जस्टिस वीरेन्द्र सिंह को 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के लोगायुक्त पद की शपथ लेनी थी। लेकिन सुप्रीम को ने उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाने वाली याचिका दायर होने के चलते पद ग्रहण करने पर रोक लगा दी। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त पद के लिए जस्टिस वीरेन्द्र सिंह का नाम तय किया था। रोक लगने के चलते राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह के लिए होने वाली तैयारियां भी रोक दी गई है।

19 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को लोकायुक्त नियुक्ति पर दायर याचिका के मामले में सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने रोक जारी रखी है। जबिक उम्मीद की जा रही थी कि जनवरी के पहले सप्ताह में याचिका पर सुनवाई कर कोई न कोई रास्ता तो निकल ही आएगा। पिफलहाल केस की अगली सुनवाई 19 जनवरी को होगी। तब तक के लिए कोर्ट ने रोक जारी रखी है।

इन्होंने दायर की थी याचिका

लोकायुक्त मामले में सच्चिदानंद गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसपर विचार करते हुए सुप्रीमकोर्ट ने न्यायमूर्ति वीरन्द्र सिंह के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगा दी थी। राजभवन के प्रवक्ता अंजुम नकवी ने बताया कि लोकायुक्त का शपथ ग्रहण समारोह सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश्ा तक टल गया है।

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