- दिनभर बसों की वेट में इधर-उधर भटकते रहे यात्री

- रोडवेज को भी लगा लाखों का फटका

Meerut :रोड ट्रांस्पोर्ट एवं सेफ्टी बिल के विरोध में शुक्रवार को रोडवेज का चक्का जाम रहा। कुछ अनुबंधित बसें जरूर संचालित की गई। यूपी रोडवेज इंप्लाइज यूनियन ने अपनी सभी शाखाओं को दिन के एक बजे तक कार्य पूरी तरह विरत रखा। इसके बाद आरएम के निवेदन पर इक्का-दुक्का बसें चलाई गई। हड़ताल के कारण शहर में सवारी इधर-उधर भटकती दिखाई दी।

20 लाख का फटका

विभागीय अधिकारियों के अनुसार हड़ताल की वजह से शहर स्थित दोनों बस अड्डों को औसत 20 लाख का नुकसान हुआ है। बताया गया कि सामान्य दिनों में भैसाली बस अड्डे को प्रति दिन लगभग 15 लाख रुपए का राजस्व कलेक्ट होता है। साथ ही सोहराब गेट डिपो से प्रतिदिन 18 करोड़ का राजस्व कलेक्ट किया जाता है।

टेबल

अड्डा बसों की संख्या सामन्य दिन रैवेन्यू

भैसाली 140 15 लाख

सोहराब गेट 180 18 लाख

फेक्ट एंड फीगर

- मेरठ रीजन में कुल बसें 784

- कुल बसों में निगम बसों की संख्या 458

- कुल बसों में अनुबंधित बसों की संख्या 326

- कुल ड्राईवर और कंडक्टर की संख्या 2100

क्या कहना है इनका

आज बहुत जरूरी काम से दिल्ली जाना था। लेकिन हड़ताल ने पूरा काम ही खराब कर दिया। अब वापस घर ही लौट रहा हूं1 क्योंकि अब जाने से कोई फायदा नहीं होगा

-अंकित, यात्री

पता लगा था कि 12 बजे बसें चलने लगेंगी, लेकिन एक बज गया अभी तक शामली के लिए बस नहीं मिली है। साथ में बच्चे हैं, आज का दिन मुश्किलों भरा था

-प्रशांत, यात्री

हड़ताल का पता नहीं था। जल्दी उठकर सुबह छह बजे ही बस अड्डे पर आ गया था। लेकिन 11 बज गए, पता नहीं हड़ताल खत्म होगी कि नहीं।

-शुभम, यात्री

वर्जन

हड़ताल के बावजूद भी कुछ बसें चल रही थी। एक बजे के बाद ज्यादातर कर्मचारी काम पर आ गए थे। जिसके चलते बहुत ज्यादा दिक्कत यात्रियों को नहीं हुई।

मनोज पुंडीर, आरएम

फोटो- जेडी

कर्मचारियों ने नहीं किया कार्य

मेरठ। शिक्षा विभाग में समस्त राजकीय लिपिकीय संवर्गीय कर्मचारी व संगठन के पदाधिकारी का आठवें दिन भी धरना व हड़ताल जारी रहीं। कर्मचारियों ने आठवें दिन भी काम नहीं किया। इस दौरान कर्मचारियों ने 22 सूत्रीय मांगों का पूरा करने के लिए अधिकारियों से मांग की। जब तक मांगे पूरी नहीं होती कर्मचारी इसी तरह हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल में विवेक, डॉ। पीपी राणा, प्रदीप कुमार, गिरिश, सुनील यादव, आनंद शर्मा, वरदान कौशिक, किशोर आदि का सहयोग रहा।