JAMSHEDPUR: हाईस्कूल में 23 हजार शिक्षकों की नियुक्ति 15 नवंबर से पहले हो जायेगी। इसके निर्देश दिए जा चुके हैं। यह बात झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सोमवार को कदमा में डीबीएमएस बीएड कॉलेज के उद्घाटन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा हमें जीने की राह सिखाती है। बिना शिक्षा के समाज, राज्य व देश का विकास संभव नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल बच्चों को जिज्ञासु बनाने की शिक्षा दें। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से झारखंड में उच्च शिक्षा को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उनके नेतृत्व में सरकार बनने के बाद शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए उच्च शिक्षा के लिए अलग से सचिव नियुक्त किया गया। इस कारण उच्च शिक्षा के क्षेत्र में झारखंड में कई महत्वपूर्ण कार्य हुए है। सरकार का लक्ष्य है कि छात्रों को डिग्री के साथ-साथ हुनर मंद शिक्षा प्राप्त हो। उन्होंने डीबीएमएस प्रबंधन को शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने तथा गरीबों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए साधुवाद दिया। इस मौके पर मुख्य रूप से उपायुक्त अमित कुमार, एसएसपी अनूप बिरथरे, कॉलेज प्रबंधन के भानुमति नीलकंठन, बी। चंद्रशेखर, प्राचार्या जूही समर्पिता, जुस्को एमडी तरुण डांगा सहित डीबीएमएस गु्रप के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे।

तस्वीर लगाने से हुआ फायदा

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की तस्वीर लगाने से अब असली मास्टर साहब स्कूल पहुंचने लगे। पहले उनके जगह नकली मास्टर कार्य करते थे। अब स्कूलों के बच्चे शिक्षक को पहचानने लगे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को 50 हजार से अधिक वेतन मिलता है, जबकि निजी स्कूलों को बामुश्किल 20 हजार। इसके बावजूद सरकारी स्कूलों की अपेक्षा निजी स्कूलों में इनोवेटिव कार्य होते रहते हैं।

वीमेंस यूनिवर्सिटी का उद्घाटन जल्द

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य में छह निजी विश्वविद्यालय खुल चुके हैं। अन्य कई विश्वविद्यालय कतार में है। तीन सरकारी विश्वविद्यालय खुल चुके है। जल्द ही सिदगोड़ा में महिला विश्वविद्यालय का उद्घाटन होगा। इस विश्वविद्यालय में जमीन को लेकर कुछ तकनीकी पेंच फंसा हुआ है, जल्द ही इसका निस्तारण वे स्वयं करेंगे।