- नगर निगम जल्द शुरू करेगा कुत्तों की धरपकड़ का अभियान, होगा स्टेरिलाइजेशन

- लखनऊ में हुई बैठक में नगर आयुक्त को मिले जरूरी निर्देश, गाइडलाइंस को करना होगा फॉलो

BAREILLY:

शहर में जल्द ही कुत्तों के आंतक से छुटकारा मिलने वाला है। सीतापुर की घटना से सबक लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार शासन द्वारा लखनऊ में आयोजित बैठक में कुत्तों की स्टेरिलाइजेशन और अवैध हो रही डॉग की क्रॉस ब्रीडिंग पर तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए हैं। वहीं, ब्रीडि़ंग पर रोक लगाने के लिए नगर निगम जल्द टीम गठित होगी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। बता दें कि फिमेल डॉग स्टेरिलाइजेशन के लिए स्टेट लेवल पर गठित कमेटी विचार करेगी, जिसकी रिपोर्ट पर कार्रवाई होगी। स्टेरिलाइजेशन के लिए शासन अलग से बजट जारी करेगा।

क्रॉस ब्रीडिंग से हो रहे हैं हिंसक

नगर आयुक्त आरके श्रीवास्तव ने बताया कि मीटिंग के दौरान मौजूद एक एनजीओ के सर्वे ने खुलासा किया कि डॉग की क्रॉस ब्रीडिंग से उनमें हिंसक प्रवृत्ति बढ़ रही है। जिससे पैदा होने वाला संकर प्रजाति के डॉग हिंसक होते है। साथ ही, बताया कि पहले कुत्तों को घरों से खाना मिल जाता था, जो अब नहीं मिलता। इन दो मुख्य वजहों से कुत्ते लोगों को काट रहे हैं। हिंसक हो चुके भूखे कुत्ते लोगों से खाना नहीं मिलने पर उन्हें काटने दौड़ रहे हैं। शहर में सीआई पार्क के पास स्थित नगर निगम के गोदाम में कुत्तों की नसबंदी होती है। प्रतिदिन 10 से 15 कुत्तों की नसबंदी होने का दावा है। एजेंसी के मुताबिक सभी आदेशों का अनुपालन हो रहा है।

55 हजार कुत्ते हैं नगर निगम में

शासन संग हुई मीटिंग में मौजूद एक एनजीओ द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश में प्रति 100 लोगों पर तीन कुत्तों का रेशियो माना गया है। लेकिन शहर में जो संस्था कुत्तों की नसबंदी कर रही है, उसने करीब 50 से 55 हजार कुत्तों की संख्या मानी है। बैठक में कुत्तों के साथ फिमेल डॉग की भी नसबंदी होने पर ज्यादा जोर दिया गया। हालांकि, इसके लिए एक स्टेट लेवल कमेटी का गठन किया गया है। बरेली के नगर आयुक्त इसके सदस्य रहेंगे। लखनऊ की तर्ज पर अब बरेली में भी कुत्तों को पालने और उनकी ब्रीडिंग कराने के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

यह है निर्देश

- एक पापुलवेश ओटी बनाई जाए

- कुत्तों को मारा न जाए, फिमेल डॉग की नलबंदी हो

- जहां से कुत्तों को पकड़ा जाए, वहीं, फिर छोड़ा जाए

- कुत्ते पालने वालों को लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन हो

- ब्रीडिंग कराने और करने का भी लाइसेंस दिया जाए

- नलबंदी के बाद तीन दिन तक डॉक्टर्स चेकअप करेंगे

- तीन दिन पुष्टाहार दिया जाए, ताकि कोई घायल न हो

शहर में पहले से ही कुत्तों की नसबंदी का कार्यक्रम चल रहा है। जल्द ही बंदरों को भी पकड़ने का अभियान चलेगा। संभावना है कि साल भर में सभी कुत्तों की नसबंदी हो जाएगी।

राजेश कुमार श्रीवास्तव, नगर आयुक्त बरेली