-क्षेत्र में हैंडपंप लगवाना विधायकों के लिए बना सिरदर्द

-महज सौ हैंडपंप का कोटा होने से पशोपेश में हैं माननीय

फैक्ट फाइल

जिले में कुल विधायक- 12

कुल आवंटित हैंडपंप- 1200

एक हैंडपंप की कीमत- 52 हजार

कौन से लगने हैं हैंडपंप- इंडिया मार्का टू

ALLAHABAD: कभी-कभी पब्लिक के लिए राहत का सबब माननीयों के लिए सिरदर्द बन जाता है। बात विधायकों और उनके कोटे के सौ हैंडपंप की हो रही है। उनको समझ नहीं आ रहा कि इतने हैंडपंप में किसको हां करें और किसको न किया जाए। इससे जनता के बीच विधायकों के प्रति मनमुटाव बढ़ने के आसार भी बन गए हैं। कुल मिलाकर लाभार्थियों की सूची तैयार करवाने में उनके पसीने छूट रहे हैं।

मांगे थे दो सौ, मिले सौ

राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में प्रतिवर्ष सौ-सौ हैंडपंप का कोटा आवंटित करने का फैसला लिया गया था। इस पर विधायकों ने आपत्ति जाते हुए सरकार से कम से कम दो सौ हैंडपंप प्रति विधायक देने की मांग की थी। लेकिन विधानसभा और विधान परिषद से प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। फिलहाल जिले के प्रत्येक विधायक के लिए अपने क्षेत्र में इतने कम हैंडपंप बांटना टेढ़ी खीर हो चला है।

बात करने से भी कतरा रहे विधायक

मौजूदा वित्तीय वर्ष का कोटा भी विधायकों को मिल चुका है। लेकिन वह इस बारे में बात करने से भी कतरा रहे हैं। खासकर ग्रामीण एरिया के विधायक हैंडपंप मांगने वालों से दूरी बनाने में भलाई समझ रहे हैं। एक विधायक ने (नाम नहीं छापने की शर्त पर) बताया कि हजारों की संख्या हैंडपंप का आवेदन आता है। ऐसे में किसको दिया जाए और किसको नहीं। एक को आवंटित कर दो तो बाकी बुरा मान जाते हैं। इसलिए बाद में देखा जाएगा कि किसे देना है और किसे नहीं।

बार-बार हो रहा सूची का संशोधन

पिछले वित्तीय वर्ष 2017-18 में अंतिम समय तक कई विधायकों के लाभार्थियों की सूची प्रशासन को नहीं मिली थी। जबकि कुछ विधायक की सूची में दो से तीन सौ लोगों के नाम शामिल थे। ऐसे में प्रशासन ने सूची को संशोधन के लिए वापस भेजा। कहा गया कि कुल सौ का कोटा है तो दो से तीन गुने के नाम क्यों भेजे जा रहे हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष में कुछ विधायकों ने लाभार्थियों का खाता तक नहीं खोला है। बता दें कि यमुना के कई इलाकों मेजा, मांडा, शंकरगढ़ आदि में तो पानी काफी किल्लत हैं। यहां हर साल हजारों हैंडपंप बेकार हो जाते हैं। ऐसे में सौ का कोटा ऊंट के मुंह में जीरा साबित होता है।

पिछले साल की सभी विधायकों की सूची मिल गई थी। कुछ की देरी से आई थी। इस बार भी प्रॉसेस जारी है। प्रत्येक विधानसभा में सौ नए हैंडपंप लगाए जाने हैं।

-डीडीओ, इलाहाबाद