- एमएस के स्पष्टीकरण पर जताई असंतुष्टि

- डीजी हेल्थ को दी सख्त हिदायत

- एक माह में मामले की डिटेल रिपोर्ट की तलब

देहरादून, थर्सडे को दून अस्पताल में इलाज के दौरान भाई की मौत के बाद शव को कंधे पर लादकर ले जाने वाले एक शख्स के मामले में सीएम टीएस रावत ने आला अफसरों से रिपोर्ट तलब की है। स्वास्थ्य सचिव ने इस बावत दून अस्पताल के एमएस का जवाब तलब किया। जवाब में एमएस ने बताया कि मृतक के परिजनों ने उनसे इस संबंध में कोई संपर्क ही नहीं किया न ही स्ट्रेचर का इंतजार किया। बताया कि परिजनों ने खुद ही प्राइवेट एंबुलेंस चालकों से शव को ले जाने की बात कही थी।

सीएस के जवाब से संतुष्ट नहीं सीएम

स्वास्थ्य सचिव को दिए गए अपने जवाब में एमएस डॉ। केके टम्टा ने बताया कि यदि मृतक के परिजन स्ट्रेचर व एंबुलेंस के लिये उनसे संपर्क करते तो वे इसकी व्यवस्था करते। बताया कि अस्पताल में शव वाहन उपलब्ध नहीं है और शव को एंबुलेंस में ले जाने की अनुमति इसलिए नहीं है कि इससे दूसरे मरीजों में संक्रमण का खतरा होता है। बताया कि शव वाहन खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। एमएस के इस स्पष्टीकरण को अपर्याप्त मानते हुए सीएम ने डीजी हेल्थ को एक माह के भीतर मामले की जांच कर डिटेल रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

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डीजी हेल्थ को सीएम की हिदायत

सीएम ने कहा कि जिस तरह का मामला थर्सडे को दून अस्पताल में सामने आया, उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कहा कि यदि व्यवस्था में कमी है तो उसे तत्काल सुधारा जाए। डीजी हेल्थ को हिदायत दी कि भविष्य में इस प्रकार की घटना किसी भी अस्पताल में सामने न आए। इसे लेकर सभी अफसरों को सचेत किए जाने के लिए भी कहा गया है।

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धामपुर से दून आया था इलाज कराने

थर्सडे को दून अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई थी। धामपुर निवासी एक मरीज सोनू की मौत होने के बाद उसके भाई पंकज ने शव ले जाने के लिए एंबुलेंस की डिमांड की थी। अस्पताल में न तो शव वाहन था, न ही एंबुलेंस दी गई। काफी देर पंकज भाई के शव को कंधे पर रख भटकता रहा। दावा किया गया कि इसके बाद अस्पताल के स्टाफ ने चंदा कर शव ले जाने के लिए वाहन का इंतजाम किया।