20 परसेंट भी नहीं रहा रिस्पांस

बीबीए जॉब ओरिएंटेड कोर्स है और गोरखपुर में यूनिवर्सिटी के अलावा कहीं नहीं चलता। इसके अलावा अन्य शहरों में प्राइवेट इंस्टीट्यूट्स में चलने वाले इस कोर्स की फीस के मुकाबले डीडीयू की फीस भी काफी कम है। साथ ही इस साल इंटर में पास होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या पिछले वर्षोर्ं की तुलना में लगभग 20 हजार अधिक रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए डीडीयू के लोगों को यह एक्सपेक्टेशन्स थीं कि इस कोर्स के लिए कम से कम 1 हजार एप्लीकेशन आएंगी। यूनिवर्सिटी ने दो बार एप्लीकेशन फॉर्म भरने की डेट्स भी एक्स्टेंड की, लेकिन कोई खास फायदा न हुआ। फॉर्म की संख्या एक्सपेक्टेशन्स की 20 परसेंट भी न रही।

बहुत टफ नहीं होगा कॉम्प्टीशन

इस कोर्स में कुल 60 सीट्स हैं। ऐसे में माना जा रहा था कि इसमें एडमिशन के लिए काफी टफ कॉम्प्टीशन होगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सब्जेक्ट में लगभग 190 फॉर्म आए हैं। इस हिसाब से बीबीए की एक सीट के लिए मात्र 3 स्टूडेंट्स में लड़ाई का एवरेज रहेगा। देखा जाए तो इस प्रोफेशनल कोर्स के मुकाबले परंपरागत कोर्स बीए कहीं आगे रहा है।

प्रॉपर पब्लिसिटी की रही कमी

इस कोर्स के लिए कम फॉर्म क्यों आए इसे लेकर कोई भी खुल कर नहीं बोल रहा, लेकिन असलियत सभी को पता है। इस बात की चर्चा है कि यह कोर्स पहली बार संचालित हो रहा है और प्रॉपर पब्लिसिटी और एडवर्टिजमेंट न होने के कारण स्टूडेंट्स को आइडिया नहीं है। बहुत से स्टूडेंट्स को यह पता ही नहीं चला कि यूनिवर्सिटी में भी बीबीए की पढ़ाई शुरू हुई है।