- सभी टेक्निकल ऑपरेटर्स और कंप्यूटर ऑपरेटर्स के हड़ताल पर होने की वजह से आ रही है प्रॉब्लम

- 300 दिनों के लीव इनकैशमेंट को लेकर हड़ताल पर हैं पूरे प्रदेश की यूनिवर्सिटीज के कर्मचारी

GORAKHPUR : डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में हड़ताल के साइड इफेक्ट लगातार देखने को मिल रहे हैं। हड़ताल की वजह से जहां क्लासेज और ऑफिशियल व‌र्क्स पहले से ही पेंडिंग हैं, वहीं अब रिजल्ट पर भी पूरी तरह से फुलस्टॉप लग चुका है। हड़ताल के बाद यूनिवर्सिटी ने एक भी रिजल्ट डिक्लेयर नहीं किए। कर्मचारियों के साथ सभी टेक्निकल और कंप्यूटर ऑपरेटर्स के हड़ताल में शामिल होने की वजह से ऐसा हुआ है। अगर जल्द ही इस मामले का निपटारा नहीं हुआ, तो यूनिवर्सिटी को पहले रिजल्ट निकालने और उसके बाद एडमिशन लेने में काफी वक्त लग जाएगा। वहीं कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं और बिना उसके हड़ताल खत्म करने के लिए राजी नहीं हैं।

सिर्फ आश्वासन से नहीं चलेगा काम

फ्00 दिनों के लीव इनकैशमेंट की मांग को लेकर डटे कर्मचारियों का कहना है कि सिर्फ आश्वासन से काम नहीं चलने वाला। इसको लेकर महेंद्र नाथ सिंह की अध्यक्षता में सैटर्डे को भी हड़ताल जारी रही। प्रोग्राम का संचालन पूर्व उपाध्यक्ष जितेंद्र बहादुर सिंह ने किया। हड़ताल के पांचवें दिन भी यूनिवर्सिटी के सभी ऑफिस और डिपार्टमेंट बंद रहे और कर्मचारी हड़ताल पर रहे। महेंद्र नाथ सिंह, संतोष सिंह, मनीष त्रिपाठी, शरद चंद, आनंद, चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव, नरसिंग बहादुर, मुस्तफा अंसारी, डॉ। बीएन सिंह, रमेंद्र सिंह, सुधा विंदु, अनुपमा गुप्ता समेत कई लोगों ने अपनी बातें रखीं। इस दौरान सभी यूनिवर्सिटी एंप्लाइज मौजूद रहे।