-गोरखपुर यूनिवर्सिटी में इस बार से शुरू होगी मेस की फैसिलिटी

-इसके लिए यूनिवर्सिटी ने बनाई कमेटी, रिपोर्ट के बाद होगा टेंडर

-इसी साल से हॉस्टल्स में मेस शुरू करने की है तैयारी

GORAKHPUR: गोरखपुर यूनिवर्सिटी में अब स्टूडेंट्स को न तो खाना बनाने का डर सताएगा. न ही उन्हें इस बात की ही टेंशन होगी कि अभी फ्लां सामान लेकर आना है, फिर खाना बनाना है. गोरखपुर यूनिवर्सिटी ने सालों बाद स्टूडेंट्स की खाने की प्रॉब्लम को ध्यान में रखते हुए मेस सर्विस शुरू करने की कवायद तेज कर दी है. इसके लिए रजिस्ट्रार के साथ सभी वार्डन को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो मेस चलाने के लिए रूल्स एंड रेग्युलेशन तैयार करेंगे. इसके बाद इसको किसी वेंडर को सौंप दिया जाएगा. गोरखपुर यूनिवर्सिटी के ग‌र्ल्स हॉस्टल में मेस की फैसिलिटी अवेलबल है.

नाश्ते-खाने के साथ चाय की चुस्की भी

यूनिवर्सिटी के हॉस्टल्स में अब तक मेस फैसिलिटी अवेलबल नहीं है. काफी पहले हॉस्टल में मेस चला करती थी, लेकिन विवाद में बंद होने के बाद यह दोबारा नहीं शुरू हो सकी. अब नए सिरे से शुरू होने वाली इस मेस में स्टूडेंट्स को नाश्ते खाने के साथ ही चाय की चुस्की लेने का भी मौका मिलेगा और उनका खाना बनाने में बर्बाद होने वाला वक्त पढ़ाई में लग सकेगा. इसके लिए स्टूडेंट्स को बस अलग से मेस चार्ज देना पड़ेगा, जिसके बाद वह फैसिलिटी को अवेल कर सकेंगे.

अभी तैयार हो रहा है खाका

यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन इसी सेशन से मेस स्टार्ट करने की तैयारी में है. स्टूडेंट्स को सुबह में क्या-क्या देना है, खाने का मेन्यू क्या रहेगा और किस-किस दिन खाने में क्या दिया जाएगा. इसका एक रफ खाका वार्डन मिलकर खीचेंगे. इसके लिए नेक्स्ट वीक एक मीटिंग भी रखी गई है. वहीं, लिस्ट फाइनल होने के बाद टेंडर फ्लोट किया जाएगा और वेंडर्स से कोटेशन आमंत्रित की जाएगी. इसमें जिसका ऑफर और मेन्यू बेहतर होगा, उसी का सेलेक्शन होगा. फिलहाल अभी यह भी तय नहीं किया गया है कि सभी हॉस्टल के लिए एक ही मेस होगी, या सभी में अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी. इन सभी मुद्दों पर वार्डस के बीच होने वाली मीटिंग में मंथन होगा.

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बिजली की खपत होगी कम

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में मेस ओपन हो जाने से जहां स्टूडेंट्स की खाने को लेकर होने वाली टेंशन खत्म हो जाएगी. वहीं, दूसरी ओर यूनिवर्सिटी को इससे दोहरा फायदा मिलेगा. पहला यह कि यूनिवर्सिटी के लिए एक नया सोर्स ऑफ इनकम बढ़ जाएगा, जिससे हॉस्टल के खर्च आसानी से मैनेज हो सकेंगे. वहीं, दूसरी ओर यूनिवर्सिटी में होने वाली बिजली की खपत भी काफी कम हो जाएगी, जिससे बिल के एवज में भी यूनिवर्सिटी की बचत होगी. फिलहाल हॉस्टल के कई स्टूडेंट्स हीटर का इस्तेमाल कर खाना बनाते हैं, जिससे कि यूनिवर्सिटी का बिल तो बढ़ता ही है, वहीं आए दिन फॉल्ट की वजह से हॉस्टल्स में अंधेरा भी छाया रहता है.

वर्जन

हॉस्टल में मेस फैसिलिटी शुरू करने के लिए वार्डन की कमेटी बनाई गई है. सभी से मेन्यू और दूसरी जरूरी प्वाइंट्स को तैयार करने के लिए कहा गया है. नेक्स्ट वीक में इसकी मीटिंग होनी है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

-सुरेश चंद्र शर्मा, रजिस्ट्रार, गोरखपुर यूनिवर्सिटी