- डीडीयूजीयू के हेल्थ सेंटर को खुद है दवा की दरकार

-न मिलती हैं दवाइयां और न ही डॉक्टर, हेल्थ सेंटर अक्सर रहता है बंद

- शुल्क वसूलने के बावजूद नहीं मिलती प्रॉपर ट्रीटमेंट

GORAKHPUR: गोरखपुर यूनिवर्सिटी एडिमिनिस्ट्रेशन का स्टूडेंट्स और टीचर्स को बेहतर मेडिकल सुविधा देने का दावा फेल हो गया है। स्टूडेंट्स को मेडिकल फैसिलिटी की कौन पूछ उनसे मेडिकल शुल्क के नाम पर लिए जाने वाले लाखों रुपए का भी गोलमाल होता हुआ नजर आ रहा है, क्योंकि प्रत्येक स्टूडेंट से मेडिसिन शुल्क लेने के बावजूद उन्हें सुविधाएं नहीं मिल रही है। हालांकि इस मामले को न सिर्फ स्टूडेंट्स हाई कमान तक पहुंचा चुके हैं, बल्कि प्रोफेसर्स भी इस मामले को वीसी तक पहुंचा चुके हैं, लेकिन डीडीयूजीयू एडमिनिस्ट्रेशन है कि मेडिकल सुविधा प्रोवाइड कराने की बजाय आंखें मूंद रखा है।

लाखों रुपए वसूलने के बाद भी नहीं देते मेडिकल सुविधा

क्9म्ब् में बने डीडीयूजीयू का मेडिसिन हेल्थ सेंटर इन दिनों पूरी तरह से बदहाली की कगार पर पहुंच चुका है। यहां न तो प्रॉपर डाक्टर्स बैठते हैं और न ही स्टूडेंट्स के इलाज की कोई व्यवस्था है। यह हम नहीं बल्कि डीडीयूजीयू के टीचर्स और स्टूडेंट्स कह रहे हैं। स्टूडेंट्स की मानें तो प्रत्येक स्टूडेंट से मेडिसिन शुल्क के नाम पर ख्ख् रुपए वसूले जाते हैं और कैंपस में करीब ख्0 हजार स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं। इस हिसाब से देखें तो करीब ब्,ब्0,000 रुपए हुए। अब सवाल यह उठता है कि लगभग साढ़े चार लाख रुपए आखिरकार यूनिवर्सिटी कहां इंवेस्ट कर रहा है।

कांपियां ढो-ढोकर खराब हो गई मिनी एंबुलेंस

लॉ डिपार्टमेंट के डीन प्रो। जितेंद्र तिवारी ने बताया कि डीडीयूजीयू में जितने भी मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स हैं वह खराब हो रहे हैं। इसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। वहीं स्टूडेंट्स के लिए मंगाई गई मिनी एंबुलेंस भी खराब हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स के लिए मंगाई गई मिनी एंबुलेंस एग्जाम टाइम में स्टूडेंट्स के बीमार पड़ने पर यूज के लिए रखी गई थी, लेकिन उसका इस्तेमाल बीमार स्टूडेंट्स के लिए न करके एग्जामिनेशन की कांपियां ढोकर खराब कर दिया गया। प्रो। जितेंद्र तिवारी ने बताया कि स्टूडेंट्स से मेडिसिन शुल्क के नाम पर वसूले गए रुपए को स्टूडेंट्स के हेल्थ पर ही खर्च किए जाएं। इसके लिए डीडीयू के पूर्व वीसी प्रो। पीसी त्रिवेदी और वर्तमान वीसी प्रो। अशोक कुमार को भी अवगत कराया जा चुका है।

स्टूडेंट्स के लिए होनी चाहिए मेडिकल सुविधा

- स्टूडेंट्स के लिए प्रॉपर मेडिसिन होनी चाहिए।

- टाइमिली सुबह 8-क्ख् दोपहर के बीच खोला जाना चाहिए।

- मेडिकल इंस्टू्रमेंट का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

- एंबुलेंस की व्यवस्था होनी चाहिए।

डीडीयू का हेल्थ सेंटर अक्सर बंद रहता है। न तो दवाइयां मिलती हैं और न ही यहां इलाज के लिए कोई इंस्ट्रूमेंट है। इसके लिए हम लोग अपने टीचर्स से कह चुके हैं।

शिव शंकर गौड़, स्टूडेंट

सेंटर अक्सर बंद रहता है। मेडिसिन शुल्क के नाम पर ख्ख् रुपए प्रत्येक स्टूडेंट से वसूले जाते हैं, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है।

विराट यादव, स्टूडेंट

बहुत से स्टूडेंट्स को तो पता ही नहीं है कि डीडीयू का हेल्थ सेंटर भी है, जबकि स्टूडेंट्स से मेडिसिन शुल्क के नाम पर रुपए लिए जाते हैं।

स्नेहलता मिश्रा, स्टूडेंट

मेडिसिन सुविधा के नाम पर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ख्ख् रुपए वसूलता है, लेकिन कोई सुविधा नहीं देता है। जबकि मेडिसिन के साथ-साथ हर बीमारियों का इलाज होना चाहिए।

प्रियंका, स्टूडेंट

हेल्थ सेंटर को सुदृढ़ करने की योजना बनाई जा रही है। अगले महीने से स्टूडेंट्स के इलाज के लिए हर बीमारियों के लिए अलग-अलग एक्सप‌र्ट्स मेडिकल कॉलेज से बुलाए जाएंगे। इसके अलावा पैथोलॉजी, लैब की सुविधा भी बढ़ाई जाएगी।

प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू गोरखपुर