घर जाकर दिया जाएगा सम्मान
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तारिक जफर ने जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2014 में ही उन्हें यह सम्मान देने का निर्णय लिया गया था. उन्होंने कहा कि अब उन्हें दिल्ली स्थित उनके आवास पर बुधवार को यह सम्मान दिया जाएगा. जफर ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं पूर्व प्रधानमंत्री को डि लिट की उपाधि से सम्मानित करेंगे. इस मौके पर मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता, राज्य मंत्री दीपक जोशी, सांसद आलोक संजर समेत कैबिनेट के कई मंत्री शामिल होंगे.

प्रभावी प्रधानमंत्रियों में शुमार
बताते चलें कि ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 को जन्मे वाजपेयी ने अपना जीवन देश के लिये समर्पित कर दिया. वह पहले जनसंघ फिर बीजेपी के संस्थापक अध्यक्ष रहे. दिलचस्प बात यह भी कि तीन बार प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी के समय देश की आर्थिक विकास दर तेज रही. उन्होंने देश के विकास को लेकर एक नई दिशा प्रदान की. इतना ही नहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से गहरे से जुड़े होने के बावजूद वाजपेयी एक धर्मनिरपेक्ष और उदारवादी राजनेता के रूप में पहचाने गए. उनकी लोकप्रियता भी किसी एक सीमा में बंध कर नहीं रही. करिश्माई नेता, ओजस्वी वक्ता और प्रखर कवि के रूप में प्रख्यात वाजपेयी को उस समय एक साहसी नेता के रूप में उभरे थे जब प्रधानमंत्री के रूप में उनकी 1999 की ऐतिहासिक लाहौर बस यात्रा आयोजित हुई थी. वही दौर था जब उन्होंने पाकिस्तान जाकर उन्होंने वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ लाहौर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए.

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