RANCHI : कांके के पिठौरिया स्थित सिमलबेड़ा में किसान कलेश्वर महतो की आत्महत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा कि इसी एरिया के सुतियांबे में बुधवार को एक और किसान बलदेव महतो की मौत हो गई। पैसे की किल्लत झेल रहे बलदेव के कर्ज में डूबे होने की बात सामने आ रही है। इस तरह पिठौरिया में पिछले पांच दिनों में दो किसानों द्वारा जान दिए जाने की घटना से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। इधर, रिम्स में पोस्टमार्टम के बाद रिपोर्ट में उसके मौत की वजह सिर में चोट लगना व दम घुटना बताया गया है।

केसीसी का 25 हजार था कर्ज

किसान बालदेव महतो के ऊपर केसीसी का 25 हजार रुपए कर्ज था। व्यक्तिगत स्तर पर भी उसने 20 हजार रुपए उधारी ले रखी थी। इतना ही नहीं, 2011 में जमीन बेचकर उसने कुआं भी बनवाया था। कर्ज वापस नहीं कर पाने की वजह से बालदेव पिछले कुछ दिनों से काफी तनाव में रह रहा था। घर की भी आर्थिक स्थिति काफी खराब थी। घरवालों ने बताया कि बुआई के लिए खेत को जोत कर तैयार कर रखा था, लेकिन इस बीच उसने कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली।

डीसी बोले, नहीं था कोई कर्ज

डीसी मनोज कुमार ने बताया कि पिठोरिया के सुतियांबे में किसान बलदेव महतो की मौत मामले की जांच चल रही है। आरंभिक जानकारी जो मिली है उसके मुताबिक, किसान बलदेव के ऊपर कोई लोन नहीं था। एक सप्ताह पहले ही उसका केसीसी लोन अप्रूव हुआ था। लोन के 20000 रुपए उठाने के बाद उसने एक मोबाइल फोन भी खरीदा था। इतना ही नहीं, जब आसपास के लोगों से बलदेव के बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि वह नशा भी करता था। ऐसे हो सकता है कि नशे की हालत में वह कुएं में गिर गया हो। फिलहाल मामले की जांच चल रही है।

कुएं में पत्थर, फिर भी खून के निशान नहीं

एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने कहा कि किसान बलदेव महतो मौत मामले की जांच जारी है। पुलिस ने उस कुएं का भी जायजा लिया है, जिसमें उसके गिरने से मौत हुई है। इस कुएं में पत्थर मौजूद हैं, लेकिन डेड बॉडी पर चोट व खून के कोई निशान नहीं मिले हैं। वैसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है।

परिजनों ने कहा, नहीं था कर्ज

किसान बलदेव महतो मौत मामले को लेकर पुलिस ने उसके परिजनों से भी पूछताछ की। इस बाबत जो जानकारी परिजनों ने दी है उसके मुताबिक, उसपर किसी तरह का कोई कर्ज नहीं था और इस तनाव की वजह से उसने कुएं में कूदकर अपनी जान दे दी।

बैंक में है कौलेश्वर के 40 हजार रुपए

किसान कौलेश्वर महतो आत्महत्या मामले में जांच कर रही एसआइटी ने पाया है जिस उसकी मौत कर्ज में डूबने से होने की बात बताई जा रही है, जबकि उसके बैंक अकाउंट में 40 हजार रुपए हैं। उसने 2012 में केसीसी लिया था, एक अपने नाम से और दूसरा पत्‍‌नी के नाम से। इन सभी का किश्त चुका दिया गया है। अब सवाल यह उठता है कि यदि कौलेश्वर की मौत कर्ज में डूबने से नहीं हुई तो कैसे हुई? एसआईटी की टीम इस बिंदू पर भी छानबीन कर रही है।

पुलिस ने की छानबीन

पुलिस के द्वारा जांच करने पर इस बात का पता चला है कि कौलेश्वर महतो खुद पढ़ा लिखा था और उसकी पत्‍‌नी भी इंटर पास है। बेटियां कस्तूरबा गांधी विद्यालय में पढ़ रही हैं। पुलिस ने आशंका जताई है कि कौलेश्वर की हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है। इस बाबत पुलिस ने गुरुवार को पुलिस जवानों के साथ घटनास्थल से एक दो किलोमीटर के दायरे में छानबीन की, ताकि यह पता चल सके कि कौलेश्वर की मौत से जुड़ी कोई चीज मिल जाए। पुलिस ने यह भी आशंका जाहिर की है कि संभवत: कौलेश्वर का अपनी पत्‍‌नी से कुछ झगड़ा-झंझट हुआ होगा और उसने गुस्से में आकर महुआ के पेड़ से फांसी लगा ली होगी।

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