agra@inext.co.in
AGRA। हर शख्स चाहता है कि मरकर उसे 'जन्नत' नसीब हो, लेकिन जिंदा लोग 'डेड बॉडी' को 'जहन्नुम' में पहुंचाते दिख रहे हैं। कोई और नहीं, बल्कि सरकारी अमला इसमें जुटा है। एसएन मेडिकल कॉलेज इसका गवाह है। मरीजों की तो फिक्र ही नहीं। फिर भला उनसे अज्ञात शवों की कदर करने की कैसे उम्मीद रखी जा सकती है। भीषण गर्मी में पोस्टमार्टम हाउस के खराब संसाधनों के कारण बॉडी की बेकदरी हो रही है। और जिम्मेदार लोगों द्वारा दावा किया जा रहा है कि मेंटीनेंस करने वाले लोग लापरवाह बने हुए हैं।

अज्ञात शव यूं ही पड़े रहते हैं
एसएन मेडिकल कॉलेज का पोस्टमार्टम हाउस इन दिनों बेपटरी है। यहां एसी और फ्रीजर सभी बंद पड़े हुए है। आलम यह है कि शवों को भीषण गर्मी में पंखे में रखा जा रहा है। अज्ञात शव शिनाख्त होने तक तीन से चार दिन वहीं पड़े रहते हैं। यहां चार बड़े एसी एवं चार फ्रीजर लगे हुए है। एक फ्रीजर में दो शवों को रखा जा सकता है। सभी फ्रीजर एवं एसी तकरीबन छह से सात महीने से खराब पड़े हैं। शवों को पंखों में रखा जा रहा है। शवों को रखने के लिए पोस्टमार्टम हाउस में दो कमरे है, जिसमें हर एक कमरे में एक पंखा और एक एग्जॉस्ट फैन लगा है।

सड़ने लगती हैं बॉडी
पोस्टमार्टम हाउस में रखे चार फ्रीजर तीन साल पुराने है। जो कि सभी खराब पड़े हुए है। एक फ्रीजर में दो शवों को रखने की व्यवस्था होती है। इन फ्रीजरों को बीच में सही कराया गया था उसके बाद छह से सात महीने से यह फिर से खराब पड़े हुए है। इस कारण यहां पर अज्ञात शवों की बेकदरी हो रही है। इन शवों की देखरेख करने वाला कोई नही होता है। ऐसे में शिनाख्त होने तक तीन से चार दिन तक शव पोस्टमार्टम हाउस में ही पड़े रहते है। शवों से बदबू आने लगती है। शव सड़ने के कगार पर आ जाते है।

डेली आते हैं नए डॉक्टर
पोस्टमार्टम गृह में हर रोज एक नए डाक्टर की ड्यूटी लगाई जाती है। एक डॉक्टर की ड्यूटी कम से कम तीन महीने के बाद आती है। डॉक्टर एक दिन की ड्यूटी करके निकल जाते है, लेकिन यहां के हालात जस के तस बने रहते है।

परिजन मंगवाते है बर्फ की सिल्ली
पोस्टमार्टम गृह में हर तरह की बॉडी आती है। परिजनों को बॉडी का पोस्टमार्टम होने के लिए घंटो इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में नंबर आने तक बॉडी को सही रखने के लिए परिजन अपने खर्चे पर ही बर्फ की सिल्ली मंगवाते है। एक सिल्ली का खर्चा करीब सौ से 120 रूपए का आता है। सीएमओ मुकेश वत्स का कहना है कि पोस्टमार्टम गृह की हालात खराब है। विभाग उसके सुधार की प्रक्रिया में जुटा है। एक एजेंसी से बातचीत चल रही है.संभवत: एक माह में एसी और फ्रीजर सही करा दिए जाएंगे।