-पुलिस का क्रूर चेहरा सामने आया, चार दिन टहलाने के बाद दर्ज की गुमशुदगी की रिपोर्ट

-पिता ने इलाकाई युवक पर लगाया था अपहरण का आरोप, पुलिस अनदेखी करती रही

-एसओ ने उनकी तहरीर को हटाकर खुद दूसरी तहरीर लिखवाकर रिपोर्ट दर्ज की

KANPUR : शहर की मित्र पुलिस का क्रूर चेहरा रविवार को सामने आया। जब कानपुर देहात में लावारिस लड़की का शव मिला। शव कई दिन पुराना होने से शिनाख्त में दिक्कत आ रही है। हालांकि गोविन्दनगर के एक बेबस पिता ने शव देखकर उसे अपनी गायब बेटी होने की संभावना जताई है। उसको पुलिस ने पहले रिपोर्ट दर्ज करने के लिए चार दिन तक टहलाया। जिसके बाद पुलिस ने उसको ढूढ़ने की कोशिश भी नहीं की। बेबस पिता ने जिले के कप्तान से शिकायत की, तो उन्होंने सीओ को फटकारते हुए किशोरी का पता लगाने का निर्देश दिया, लेकिन इसके बाद भी एसओ से लेकर सीओ ने उसको ढूढ़ने की जरूरत नहीं समझी, जबकि पिता इलाकाई युवक पर शक जता चुका था। हद तो तब हो गई। जब बेबस पिता ने लावारिस शव को देखकर बेटी का शव होने की संभावना जताई, तो एसओ ने शव को उक्त लड़की होने से इन्कार कर दिया।

गुजैनी के जी ब्लाक में रहने वाले चुन्नी लाल की कास्टमेटिक की दुकान है। उसकी फैमिली में पत्नी और तीन बच्चे हैं। जिसमें क्7 वर्षीय कविता (बदला नाम) बीएससी स्टूडेंट है। परिजनों के मुताबिक कविता छह सितंबर को क्भ्0 रुपए लेकर घर से चप्पल खरीदने के लिए बाजार गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। परिजनों ने आसपास ढूढ़ने के बाद गोविन्दनगर थाने में शिकायत की, तो एसओ पंकज अवस्थी ने उन्हें ये कहकर टरका दिया कि वो कहीं चली गई होगी। सुबह तक इंतजार कर लो। अगर वो घर वापस नहीं आती है, तो रिपोर्ट दर्ज कर ली जाएगी। सुबह उसके पिता थाने पहुंचे, तो एसओ ने उन्हें शाम को बुलाया। वो शाम को थाने गए, तो एसओ ने उन्हें सुबह रिपोर्ट दर्ज करने की बात कहकर लौटा दिया। इसी तरह एसओ उनको चार दिन टरकाते रहे। जिसके बाद एसओ रिपोर्ट दर्ज करने के लिए राजी हुए।

कविता के पिता ने उन्हें तहरीर दी, जिसमें उन्होंने लिखा था कि चार दिन से मेरी बेटी लापता है। मैं चार दिन से थाने के चक्कर लगा रहा हूं, तो एसओ ने उस तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज करने मना कर दिया। जिससे उनको एसओ की लिखाई तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज करानी पड़ी। उन्होंने आई ब्लाक निवासी विक्रम पर शक जताया था, लेकिन पुलिस ने उससे पूछताछ करने की भी जरूरत नहीं समझी। इधर, बेबस पिता ने शनिवार को एसएसपी से शिकायत की, तो उन्होंने सीओ को कॉल कर फटकारते हुए कविता का पता लगाने के लिए कहा। इसके बाद बेबस पिता थाने गया, तो एसओ ने उसे दोबारा टरका दिया। उन्होंने एसओ से कहा कि विक्रम लड़कियों से छेड़खानी करता है। वो उनकी बेटी का भी पीछा करता था, लेकिन एसओ ने उनकी अनदेखी कर दी।

रविवार की सुबह उन्हें न्यूज पेपर से कानपुर देहात के जैतपुर गांव में लड़की का लावारिस शव मिलने की जानकारी हुई, तो उन्होंने मंगलपुर थाने के एसओ से संपर्क किया। एसओ ने व्हाट्स एप के जरिए उनको शव का वीडियो देखा, तो उन्हें लगा कि ये उनकी बेटी का शव है। वो शिनाख्त करने के लिए कानपुर देहात गए। उन्होंने बताया कि 90 प्रतिशत शव उनकी बेटी का है। चूंकि शव दो दिन पुराना है। इसलिए वो फूल गया है। जिससे उसके चेहरे से शिनाख्त नहीं हो पा रही है। हालांकि उसके हाथ और पैर से कविता का शव होने की संभावना है। उन्होंने गोविन्दनगर एसओ को जानकारी दी, तो उन्होंने भी पहले कविता का शव होने की संभावना जता दी, लेकिन मीडिया के सामने उनकी लापरवाही उजागर होने पर वे बाद में पलट गए और उक्त शव कविता का होने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही कविता को बरामद कर लिया जाएगा। कविता के पिता ने सच्चाई पता लगाने के लिए शव की डीएनए जांच कराने की मांग की है।