सिटी के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को ठीक करने के लिए क्या सीखा

प्रेम नगर निवासी अभिषेक अपने विधायक से पूछते हैं कि लंदन में ट्रांसपोर्ट सिस्टम तो बहुत अच्छा है। सब बड़ा सिस्टमैटिक है। अपने सिटी में सिस्टम अच्छा हो इसके लिए क्या कुछ सीखने लायक मिला?

हफ्ते भर दिन में हफ्ते भर रात में आती है लाइट

बिल्हौर के दीपचंद बताते हैं कि उनके यहां एक हफ्ते दिन में बिजली आती है और एक हफ्ते रात में। उस दौरान भी बीच बीच में पावर कट होता रहता है। सुना है कि विदेशों में कभी बिजली नहीं जाती तो ऐसा कुछ सीखा मंत्री जी जिससे यहां भी 24 घंटे बिजली आए?

अस्पताल में इलाज का इंतजाम भी करा दो विधायक जी

मंधना में रहने वाले सोनू कहते हैं कि एरिया में अस्पताल तो खुला है लेकिन कभी डॉक्टर आते नहीं आते। रात-बिरात किसी की तबीयत खराब हो तो सब भगवान भरोसे ही रहता है। विधायक जी स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज की व्यवस्था करा दो तो दोबारा जिता देंगे।

 

कहां-कहां घूम आए नेता जी

कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्ररी एसोसिएशन की तरफ से यूपी सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री और छह विधायक 18 दिन के ‘स्टडी टूर’ के लिए यूके, टर्की, नीदरलैंड, ग्रीस और यूएई की यात्रा पर गए थे। इस दौरान वह इस्तांबुल, लंदन, हेग, एम्सटर्डम आदि शहर भी गए। गौरतलब है कि यूके को छोड़ कर कोई भी देश कॉमनवेल्थ राष्ट्रों का सदस्य नहीं है। कई नेताओं ने स्टडी टूर के दौरान फेसबुक प्रोफाइल पर भी इस टूर की फोटोज अपलोड की है।

कौन कौन गया था घूमने

पांच देशों के इस ‘स्टडी टूर’ पर यूपी सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री और  इतने ही विधायक भी गए थे। टूर में प्रमुख रुप से आजम खान, राजाभैया, अंबिका चौधरी, ओम प्रकाश सिंह, अभिषेक मिश्रा, भगवत सरन गंगवार, इरफान सोलंकी, मुनींद्र शुक्ला, भाजपा की सीमा द्विवेदी, आरएलडी के पूरन प्रकाश, मनोज पारस, योगेश सिंह, हमजा लारी और विधानसभा के प्रिसिंपल सेकेट्ररी प्रदीप दुबे भी गए थे।

नेता जी बोले।

‘आजम जी ने मना किया है’

कैबिनेट मंत्री शिवकुमार बेरिया से ‘स्टडी टूर’ के बारे में आजम जी ने बताने से मना किया है। ज्यादा पूछने पर उन्होंने कहा कि कामनवेल्थ देशों के पार्लियामेंट्री सिस्टम को सीखने गए थे।

अबूधाबी की तर्ज पर कूड़े से बिजली

विधायक मुनींद्र शुक्ला बताते हैं कि ‘स्टडी टूर’ के दौरान वह अबूधाबी गए। वहां का वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम बहुत अच्छा था। कूड़े से बिजली बनाने का बहुत बड़ा प्लांट लगा था। यूपी में भी ऐसे ही प्लांट लगाए जाएगें। इसके अलावा हॉलैंड और नीदरलैंड भी गए वहां पर विंड टनल और नहरों का सिस्टम भी बहुत बढिय़ा लगा।

नीदरलैंड में तो पीएम भी साइकिल से चलते हैं!

विधायक इरफान सोलंकी बताते हैं कि ‘स्टडी टूर’ के दौरान वह नीदरलैंड भी गए थे। वहां पर साइकिल का चलन बहुत ज्यादा हैं वहां के तो प्रधानमंत्री भी साइकिल से चलते हैं। इसके अलावा ग्रीस के स्पार्टा भी गए। शहर की समस्याओं के बारे में पूछने पर इरफान ने यह भी बताया कि सिटी में वॉटर सप्लाई सुधारने के  लिए चार ओवरहेड टैंक बनवाने का प्रस्ताव जल्द ही राज्य सरकार को देंगे।

ये तकनीक तो पहले ही मौजूद है!

सिटी में कूड़े से बिजली बनाने की पिछली सरकार के शासन काल में शुरु हुई थी। एटूजेड की ओर से पनकी में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाया गया। वहां पर कूड़े से चकर टाइल्स भी बने। यहां पर कूड़े से बिजली बनाने की योजना भी है।

स्टडी जरूरी है

ये कोई पहला दल नहीं था जो स्टडी टूर पर गया हो। हर सरकार में जनता के भले के लिए उनके पैसे का ऐसा ही सदुपयोग होता रहा है। नेता जी पढि़ए, खूब पढि़ए। पढऩे और घूमने की कोई उम्र नहीं होती। वैसे भी यूपी की विधानसभा के नेताओं के लिए पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी को समझना बहुत जरूरी है। अब 12 लोग सीख कर आएँगे तभी तो सबको सिखाएंगे।

स्टडी टूर के मसले पर क्या राय रखते हैं संविधानविद सुभाष कश्यप

रिपोर्टर- ऐसे स्टडी टूर में क्या सीखते हैं नेता?

सुभाष- नेताओं का विदेशों में स्टडी टूर पर जाना कोई नई बात नहीं है। लेकिन वह क्या सीखते हैं यह तो वही जानें। वह क्या सीखते हैं इसके प्रति जवाबदेही तय नहीं, जबकि ऐसा होना चाहिए।

 

रिपोर्टर- स्टडी टूर के नाम पर पब्लिक फंड का दुरुपयोग होता है?

सुभाष- नेताओं द्वारा पब्लिक फंड का दुरुपयोग करना कोई नई बात नहीं है।

रिपोर्टर- पब्लिक फंड से होने वाले स्टडी टूर्स में क्या नेताओं की जवाबदेही नहीं होनी चाहिए?

सुभाष- जब कोई अधिकारी विदेशों में स्टडी टूर पर जाता है तो उसे आलाधिकारियों को रिपोर्ट देनी होती है। लेकिन नेताओं के लिए ऐसा कोई नियम नहीं है।

तो क्या पहले जैसा ही फायदा भी होगा

नेताओं के प्रतिनिधि मंडल का विदेशों के स्टडी टूर पर जाना वैसे तो काफी सामान्य बात है। यूपी के अलावा इससे पहले कर्नाटक के नेताओं का दल विदेशी दौरे से होकर लौटा है। तकरीबन सभी पार्टियों के शासन काल में ऐसे स्टडी टूर आयोजित किए जाते है। आजम खान कह ही चुके है कि वह इससे पहले भी चार बार स्टडी टूर पर जा चुके हैं। यह डेलीगेशन साल 1998 से जा रहा है। 1998 से 2003 तक विधानसभा अध्यक्ष केसरीनाथ त्रिपाठी के नेतृत्व में छह बार डेलीगेशन स्टडी टूर पर गया। 2004 में भी माता प्रसाद पांडे के नेतृत्व में भी एक डेलीगेशन विदेश दौरे पर जा चुका है। अब पब्लिक जानती ही है कि इन टूर्स से कितना फायदा हुआ है प्रदेश का।

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अब यह तो वही बताएगें कि क्या सीख कर आए हैं। लेकिन लगता नहीं है कुछ सीखा होगा। जब इंडिया में कुछ नहीं सीख नहीं सके तो विदेश में क्या सीखेगें।

-अभिषेक बाजपेई

हमारे नेता हमेशा अपने लिए विदेश जाते हैं। उन्हें हमारी प्रॉब्लम से कोई सरोकार नहीं है.- मोहम्मद अल हाशिम

सिटी की प्रॉब्लम को सिटी में रह कर ही समझा जा सकता है ना कि लंदन जाकर - अभिषेक कुमार

सब मिनिस्टर जरुर कुछ ना कुछ अच्छा सीख कर आए होगें। अब फटाफट उन्हें जनता की प्रॉब्लम ठीक करनी चाहिए - नीरा त्रिपाठी

 

उन्हें पब्लिक की प्रॉब्लम से कोई लेना देना नहीं है.वह जरुर भ्रष्टाचार के नए तरीके सीखने गए होगे - राम कुमार कुशवाहा

हमारे माननीय यह सीख कर आए है कि जनता के पैसे को और भी बेहतर तरीके से कैसे अपना बनाया जाए.- मोहित शुक्ला

मेरी समझ से नेताओं को वहां से ऐसे कुछ उपाय सीख कर आने चाहिए जिससे अपने यहां बेरोजगारी दूर हो और अन्य दूसरी समस्याओं का निस्तारण हो सके। - एसके मिश्रा

लंदन से यही सीखना चाहिए कि अपने सिटी का सीवरेज सिस्टम कैसे अच्छा हो सकता है। - विकास वर्मा

लोग खुद इंडिया सीखने आते है। जो प्रॉब्लम यहां रह कर ही सही हो सकती है। उसके लिए विदेश जाने की क्या जरुरत है। - शिवम शुक्ला