कोरांव में फैली बीमारी अबूझ पहेली बनी हुई है। मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसको लेकर ग्रामीण दहशत में हैं तो विभागीय अधिकारी परेशान। वह एक गांव पहुंचकर इलाज शुरू करते हैं, तो बीमारी दूसरे गांव में दस्तक दे देती है। शनिवार को बीमारी कोरांव के मिश्रपुर गांव पहुंच गई और एक महिला को अपना शिकार बना लिया। देखते ही देखते गांव में बुखार से पीडि़त मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई। इसको लेकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है।

बढ़वारी कला में दी पहली दस्तक

बता दें कि चार दिन पहले कोरांव ब्लाक में रहस्यमय बीमारी से आठ बच्चों की मौत हो गई थी। बढ़वारी कला गांव में बीमारी ने सबसे पहले दस्तक दी। यह बीमारी बड़वारी कला ग्राम सभा के मिश्रपुर मजरे में पहुंच गई है। सोनू वर्मा की पत्‍‌नी रनिया को शुक्रवार को बुखार आया। शरीर में ऐंठन भी हुई। स्थानीय डॉक्टरों से उसका इलाज शुरू कराया गया। शनिवार की सुबह रनिया ने दम तोड़ दिया। इस तरह कोरांव क्षेत्र में रहस्यमय बुखार से मरने वालों की संख्या क्क् पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग लाख जतन के बाद भी अभी यह तय नहीं कर पाया है कि आखिर यह कैसा बुखार है जो चंद घंटों में ही लोगों की जान ले लेता है। लखनऊ से किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज की टीम भी यहां का दौरा कर चुकी है। ब्लड सैंपल लखनऊ ले जाया गया है जहां जांच के बाद यह बीमारी के रहस्य से पर्दा उठाने की कोशिश की जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग ने खारिज किया दावा

रत्यौरा गांव में रहस्यमय बुखार से हुई दो मौतों के दावे को स्वास्थ्य विभाग ने खारिज कर दिया है। सीएमओ डॉ। पदमाकर सिंह ने बताया कि गांव के आदिवासी सत्यानारायण का आठ वर्षीय बेटा पहले से बुखार से पीडि़त था। उसे इलाज के लिए चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। जहंा इलाज के दौरान उसकी मौत हुई है। उन्होंने बताया कि इसी गांव में क्म् वर्षीय लड़की को भी चार महीने से पेट की शिकायत थी। जिससे उसकी मौत हुई है। दोनों मौत कई दिन पहले हो चुकी है। बता दें कि शनिवार को कोरांव के रत्यौरा गांव में दो मौत हो जाने के बाद संक्रामक रोग अधिकारी एसडी द्विवेदी के नेतृत्व में टीम ने जाकर मामले की जांच की। गांव वालों को दवाएं बांटी गई और एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए।