RANCHI: राजधानी में असली बर्थ व डेथ सर्टिफिकेट नहीं बन रहा है, वहीं फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल, प्रज्ञा केंद्रों से बर्थ व डेथ सर्टिफिकेट बनाने का काम बंद होने के बाद डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने रिम्स में मैन्युअल सर्टिफिकेट बनाने का आदेश दिया है। लेकिन, इसके बावजूद लोगों की परेशानी कम नहीं हुई है। मैन्युअल सर्टिफिकेट बनवाने में भी लोगों के पसीने छूट रहे हैं। इसका फायदा उठाकर फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले आम लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। सर्टिफिकेट बनाने के नाम पर उनसे काफी पैसे भी वसूल रहे हैं।

बीएचटी चार्ट नहीं मिल रहा

रिम्स में बर्थ या डेथ सर्टिफिकेट बनाने के लिए आवेदन देना होता है। इसके लिए एमआरडी को बीएचटी चार्ट भी भेजा जाता है। इसके आधार पर ही किसी मृतक का डेथ सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। लेकिन कुछ विभागों को छोड़कर रिम्स में अधिकतर वार्डो से बीएचटी चार्ट ही टाइम पर नहीं भेजा जाता है। इस वजह से एमआरडी से सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा रहा है। अगर बीएचटी चार्ट अपडेट रहे और समय से एमआरडी में भेज दिया जाए, तो एक हफ्ते में लोगों को सर्टिफिकेट मिल जाएगा।

इंश्योरेंस क्लेम वाले परेशान

टाइम से सर्टिफिकेट नहीं मिल पाने के कारण लोगों को लेट फाइन भरना पड़ रहा है। चूंकि बर्थ के एक महीने के अंदर हास्पिटल का डिस्चार्ज स्लीप अटैच कर आवेदन करना होता है। इसकी मदद से लोग जाकर प्रज्ञा केंद्रों पर आनलाइन आवेदन कर देते थे। गवाही के बाद उन्हें ख्0 दिनों के बाद बर्थ सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता था। लेकिन अब तो उन्हें मैन्युअल के लिए खुद दौड़ लगानी पड़ रही है। वहीं डेथ सर्टिफिकेट में देरी के कारण सबसे ज्यादा परेशानी इंश्योरेंस क्लेम वालों को हो रही है। बिना डेथ सर्टिफिकेट के परिजन आवेदन ही नहीं कर पा रहे हैं।